वक्फ बोर्ड वह संस्था है जो अल्लाह के नाम पर दान में दी गयी सम्पत्ति का रख रखाव करता है।भारत में वक्फ बोर्ड का इतिहास- मुसलमानों की मजहबी संपत्ति (मस्जिद, मजार, कब्रिस्तान) आदि की देखरेख के लिए पहली बार 7 मार्च 1913 को एक कानून बनाया गया। इसके बाद 5 अगस्त 1923 को इसमें कुछ सुधार किया गया, यहां तक तो इसमें ऐसी कोई बात नहीं थी, जिससे किसी को कोई आपत्ति हो, इसके बाद 25 जुलाई 1930 को इसमें कुछ और प्रावधान जोड़े गए। 7 अक्टूबर 1937 को भी इसमें कुछ बदलाव किये गये 21मई 1954 को इसमें और थोड़ा बदलाव किया गया, 1984 में भी इसमें कुछ परिवर्तन किए गए,फिर 22 नवंबर 1995 को इसे ज्यादा ताकतवर बनाया गया। इसके बाद 20 सितंबर 2013 को वक्फ अधिनियम 1995 में कुछ संशोधन किया और बोर्ड को अपार शक्ति दे दी गई। वक्फ बोर्ड इन शक्तियों का इस्तेमाल जमीन कब्जाने के लिए कर रहा है। इसलिए आज वक्फ बोर्ड के पास रेलवे और सेना के बाद सबसे अधिक जमीन है। वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 40 के अनुसार किसी भी सम्पत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसके मालिक को सूचित करना जरूरी नहीं है।चुपके से वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया...