महाकुंभ 2025 प्रयागराज में क्या बने विश्व रिकॉर्ड? Mahakumbh Prayagraj 2025 Records

 


महाकुंभ में बने रिकॉर्ड :-


 45 दिन में 66 करोड़ 30 लाख भक्तों ने लगाई डुबकी, यह सिर्फ भारत-चीन की आबादी से कम है।

इस बार महाकुंभ में क्या-क्या रिकॉर्ड बने हैं? संख्या के लिहाज से यह आयोजन कितना बड़ा है। बीते 45 दिनों में प्रयागराज की जनसंख्या कितने देशों की आबादी से ज्यादा रही है? इसके अलावा इस महाकुंभ रिकॉर्ड बने जो गिनीज वर्ल्ड बुक में दर्ज किये जा सकते हैं।

Mahakumbh 2025 World Records made and broken in UPs Prayagraj largest event populationwise India and the world

महाकुंभ 2025। 

 6करोड़ 30लाख भक्तों ने 2025 के  महाकुंभनगरी पहुंचकर संगम में डुबकी लगाई है। अगर संख्या के लिहाज से बात करें तो यह भारत की कुल आबादी का 50 फीसदी से ज्यादा है। यानी आधे से ज्यादा भारत इस बार महाकुंभ में डुबकी लगा चुका है।  संख्या के लिहाज से यह आयोजन कितना बड़ा है। बीते 45 दिनों में प्रयागराज की जनसंख्या कितने देशों की आबादी से ज्यादा रही है? इसके अलावा इस महाकुंभ में ऐसे कौन से रिकॉर्ड हैं, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बना सकते हैं। आइये जानते हैं।

दुनिया के किसी आयोजन में सबसे बड़े जुटाव का रिकॉर्ड

भारत की आबादी के चलते यहां होने वाले कई आयोजनों में लाखों लोगों की संख्या देखी जाती है। हालांकि, कुंभ मेलों में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए लोगों का समागम देखते ही बनता है। यही वजह है कि दुनिया के कुछ सबसे बड़े जुटावों में 2025 के महाकुंभ मेले से पहले 2019 को प्रयागराज में हुआ अर्ध कुंभ, 2013 में प्रयागराज में हुआ कुंभ और 2010 में हरिद्वार में हुआ कुंभ शामिल है। 

चौंकाने वाली बात यह है कि दुनिया में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या अन्य आयोजनों में इतनी भीड़ नहीं जुटी है। उदाहरण के लिए सऊदी अरब में हर साल होने वाले हज में करीब 25 लाख मुस्लिम मक्का में एकत्रित होते हैं। दूसरी तरफ इराक में हर साल होने वाले अरबईन में दो दिन में 2 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री जुटते हैं। 

प्रयागराज में 45 दिन में जुटे श्रद्धालुओं की संख्या दुनिया के 231 देशों की आबादी से ज्यादा है। सिर्फ भारत और चीन की आबादी ही प्रयागराज पहुंचे लोगों की संख्या से ज्यादा रही। जहां भारत की अनुमानित आबादी 145 करोड़ है, वहीं चीन की अनुमानित जनसंख्या 141 करोड़ है। इसके बाद नंबर आता है अमेरिका का, जहां की आबादी महज 34 करोड़ है। यानी महाकुंभनगर में पहुंचे लोगों के मुकाबले सिर्फ आधी। महाकुंभ में अमेरिका की दोगुनी से ज्यादा,पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से ज्यादा आबादी के बराबर श्रद्धालु यहां अब तक आ चुके हैं। यही नहीं, जापान की पांच गुना आबादी, यूके की 10 गुना से ज्यादा आबादी और फ्रांस की 15 गुना से ज्यादा आबादी ने यहां आकर त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई है। 

दूसरी तरफ अगर इस आबादी की अलग-अलग महाद्वीप की जनसंख्या से भी तुलना करें तो यह कई रिकॉर्ड तोड़ती है। मसलन दुनिया में आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से एशिया सबसे बड़ा महाद्वीप है, जबकि ऑस्ट्रेलिया सबसे छोटा महाद्वीप है। प्रयागराज में 45 दिन में जितने श्रद्धालु पहुंचे हैं, वह तीन महाद्वीप- ऑस्ट्रेलिया, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से ज्यादा रही। वहीं, यूरोप की आबादी से अगर रूस को निकाल दिया जाए तो महाकुंभ में यूरोप से ज्यादा आबादी पहुंची। 

प्रयागराज में 45 दिनों में


 भीड़ का आंकड़ा करीब 66 करोड़ 30 लाख के पार पहुंच रहा है। आंकड़ों की बात करें तो दुनिया के 234 देशों और रिहायशी द्वीपों के मुकाबले महाकुंभनगरी में 30 दिन के अंदर ही भारत और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी आबादी के बराबर जमावड़ा हो चुका था। सिर्फ भारत (आबादी 1 अरब 45 करोड़) और चीन (आबादी 1 अरब 41 करोड़) ही इस आंकड़े से आगे हैं। वहीं, अमेरिका (आबादी 34 करोड़ 54 लाख), इंडोनेशिया (28 करोड़ 34 लाख) और पाकिस्तान (25 करोड़ 12 लाख) की आबादी भी प्रयागराज में पहुंचे लोगों से कम ही रही है।

महाकुंभ में बने रिकॉर्ड 


स्वच्छता से जुड़े दो बड़े रिकॉर्ड


1. 24 फरवरी के दिन करीब 15 हजार स्वच्छता कर्मियों ने 10 किलोमीटर क्षेत्र में एक साथ सफाई का रिकॉर्ड बनाया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड इसे लेकर 28 फरवरी को फैसला दे सकता है।


2. 14 फरवरी को नदी स्वच्छता का रिकॉर्ड बना गया था। उस दिन 300 कर्मचारियों ने नदी की सफाई का रिकॉर्ड बनाया था। गिनीज बुक ने इसे रिकॉर्ड में शामिल किया है। इससे पहले 2019 के अर्धकुंभ में 10 हजार सफाई कर्मचारियों ने संगम तथा अन्य स्थानों पर एक साथ स्वच्छता अभियान चलाने का रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन 2025 के महाकुंभ में 19000 लोगों ने एक साथ स्वच्छता अभियान चलाकर प्रयागराज में रिकॉर्ड बनाया।



पेटिंग का रिकॉर्ड


3. हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग के जरिए भी महाकुंभ में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

मेले में मंगलवार को हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग का भी कीर्तिमान बना। 10,109 हजार लोगों ने महज आठ घंटे में अपने पंजे का छापा लगाकर महाकुंभ के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने के साथ विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। मेला प्रशासन ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा जो कुंभ 2019 में बनाया गया था।2019 में साढ़े सात हजार लोगों के हैंड प्रिंट लेने का रिकॉर्ड बना था, जो महाकुंभ 2025 में टूट गया। हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग का नया कीर्तिमान बनाने के लिए गंगा पंडाल में कैनवास लगाया था। इसके लिए सुबह 10 से शाम छह बजे तक का समय निर्धारित किया गया था, जिसे लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखा।

4. बसों के सबसे बड़े संचालन का रिकॉर्ड

महाकुंभ मेला के आखिरी दिन 700 शटल बसों के एक साथ संचालन का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया। यहां बसों की परेड कराई गयी। मेला प्रशासन ने इसके माध्यम से अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। कुंभ 2019 में 500 बसों के संचालन का रिकॉर्ड बनाया था। इस तरह एक दिन में सर्वाधिक बसों का संचालन कर नया रिकॉर्ड बना है।

मौनी अमावस्या पर एक दिन में सबसे बड़े जुटाव का रिकॉर्ड

प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर करीब 7.6 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। जो कि एक दिन में किसी एक जगह पर लोगों के जुटाव का रिकॉर्ड है। दरअसल, प्रयागराज की आबादी करीब 1 करोड़ है। यानी मौनी अमावस्या के दिन जिले में करीब 8.6 करोड़ लोग पहुंचे थे। 


जर्मनी जिसकी आबादी 8 करोड़ से ज्यादा है, मौनी अमावास्या के दिन उसकी आबादी भी प्रयागराज पहुंची भीड़ से कम रही। इसके अलावा यूरोप के सभी देशों की आबादी मौनी अमावस्या के शाही स्नान के लिए जुटी भीड़ से कम थी। जहां ब्रिटेन की आबादी 6 करोड़ 91 लाख है, तो वहीं फ्रांस की जनसंख्या 6.65 करोड़ ही है। इतना ही नहीं अमेरिका के 54 देशों में से सिर्फ तीन देशों की आबादी ही मौनी अमावस्या पर प्रयागराज से ज्यादा रही। इनमें अमेरिका, ब्राजील और मैक्सिको शामिल हैं। जबकि कोलंबिया, अर्जेंटीना, कनाडा से लेकर उरुग्वे तक महाकुंभ में प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर लोगों की मौजूदगी से कम रहे। 

महाकुंभ पर और कौन से बड़े रिकॉर्ड

* महाकुंभ में कुल 45 दिन में 66 करोड़ 30 लाखसे ज्यादा लोग पहुंचे। यानी हर दिन 1.5 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई।


* महाकुंभ के लिए प्रयागराज से 15 हजार से अधिक ट्रेनें चलीं। इनमें बैठकर करोड़ों लोग महाकुंभ पहुंचे।

महाकुंभ ने रचा इतिहास, बने कई गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड Mahakumbh World Record: प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा दुनियाभर में खूब हो रही है,45 दिनों तक चले इस महायोजन में की विश्व रिकॉर्ड भी टूटे हैं, सबसे रोचक बात ये रही कि अमेरिका सहित 100 देशों की आबादी से अधिक लोग प्रयागराज कुंभ के दौरान पहुंचे,


महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था

महाकुंभ में 70 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात थे

इनमें से 37 हजार से ज्यादा पुलिसवाले, 14 हजार से ज्यादा होमगार्ड्स और सीआरपीएफ के जवान शामिल थे।

यह आयोजन कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह सनातन परंपरा और भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक था

महाकुंभ के समापन के मौके पर श्रद्धालुओं ने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की जमकर तारीफ की

महाकुंभ में बने कई रिकॉर्ड

66.30 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए

महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या अमेरिका की आबादी से दोगुनी

193 देशों की कुल आबादी से भी ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ में आए

सिर्फ भारत और चीन की आबादी महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं से ज्यादा

120 करोड़ हिंदुओं में से 66 करोड़ से ज्यादा ने डुबकी लगाई, महाकुंभ मेला क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 166 गुना बड़ा

महाकुंभ मेला जोन का स्ट्रक्चर 4 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ, 4 लाख से ज्यादा टेंट-तंबू, और 1.5 लाख टॉयलेट बनाए गए

महाकुंभ में स्वच्छता का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने श्रद्धालुओं की संख्या में ही नहीं, बल्कि स्वच्छता के मामले में भी एक नया इतिहास रचा है, इस बार महाकुंभ मेला क्षेत्र के चार अलग-अलग जोनों में एक साथ 19 हजार सफाईकर्मियों ने मिलकर सफाई की और झाड़ू लगाकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया, यह पहल न केवल महाकुंभ के स्वच्छता अभियान को मजबूत करने का प्रतीक बन गई, बल्कि इससे जुड़े हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा भी बनी,

पर्यावरण संरक्षण  का भी पालन किया। जिसमें पालीथीन मुक्त मेला का भी प्रयास हुआ। समरसता,और समानता भेदभाव मुक्त आयोजन इस प्रकार से, प्रयागराज 2025 के महाकुंभ ने भारतीय सनातन संस्कृति की महानता वसुधैव कुटुम्बकम् को चरितार्थ किया।


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