भारतीय संविधान दिवस 26नवम्बर को क्यों मनाया जाता है? Why is Indian constitution day celebrated on 26 November?

 


Constitution Day 2024

भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस  मनाया जाता है। हमारे देश का संविधान कई सिद्धांतों को समेटे है। जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक, राजनीतिक सिद्धांत प्रक्रियाएं अधिकार दिशा- निर्देश कानून आदि तय किये गये हैं। भारत का संविधान  251 पेज का है। इसमें पहले 395 अनुच्छेद या धारायें थी। 22 भाग और तीन अनुसूचियां मौजूद थी, बाद में इसे समझने और आसन बनाने के लिए कुछ बदलाव किए गए, और वर्तमान में भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद 22 भाग और 12 अनुसूचियां हैं। साल 1949 में इसी दिन हमारे देश के संविधान को अंतिम रूप दिया गया था। पहले  इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था। यह परंपरा 1930 के लाहौर कांग्रेस अधिवेशन से जुड़ी है जब भारतीयों ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी।

संविधान दिवस की जड़ें हमारे देश के कानूनी इतिहास में काफी गहरी हैं।  26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।  26 नवंबर,1949 को संविधान सभा ने कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद संविधान को अंतिम रूप दिया था। इसकी शुरुआत 1930 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की प्रतिज्ञा के पारित होने के बाद हुई थी। इस घटना की याद में कानून दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। 

डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर,26नवम्बर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। जब संविधान का प्रारूप लिखने के लिए सात लोगों को चुना गया था। दो महीने की अवधि का इस्तेमाल संविधान के पाठ को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने और आम जनता के बीच इसका प्रचार करने में किया गया। महत्वपूर्ण है कि संविधान सभा ने संविधान को अंतिम रूप देने में दो साल, ग्यारह महीने और अठारह दिन का समय लगाया। इस दौरान उन्होंने कुल 166 बैठकें कीं।

संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य डॉ. बी.आर. आंबेडकर, जो संविधान सभा के अध्यक्ष थे और देश के पहले कानून मंत्री भी रहे, को श्रद्धांजलि देना है। भारत का संविधान हमारे देश के शासन और नागरिकों के अधिकारों के लिए एक आधारभूत दस्तावेज है। इसमें उन सभी सिद्धांतों और मूल्यों को शामिल किया गया है जिन पर हमारा देश आधारित है।

संविधान दिवस सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज यानी संविधान को याद करने का दिन है। इस दस्तावेज को बनाने में डॉ. भीमराव आंबेडकर जैसे महान लोगों का बहुत बड़ा योगदान था। उन्होंने ही हमारे देश के पहले कानून मंत्री के रूप में काम किया था। संविधान हमें बताता है कि हमारी सरकार कैसे चलेगी, हमारे पास क्या अधिकार हैं और हमें क्या करना चाहिए। यह हमारे देश को एक लोकतांत्रिक देश बनाता है। जहां सभी लोगों को बराबर का अधिकार होता है।संविधान जन-जन के मन का दस्तावेज है, संविधान, भारतीय जीवन मूल्यों को केंद्र में रखकर बनाया गया।

 भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे लंबा संविधान माना जाता है क्योंकि इसमें सरकार विधायिका और न्यायपालिका द्वारा प्रयुक्त सभी प्राधिकारों की सभी बारीकियों और भी विवरणों को शामिल किया गया है। उसे समय भारतीय संविधान को लिखने में 6 महीने लगे और इसे अपने हाथ से प्रेम बिहारी नारायण राय जादा ने लिखा।इसके लिए उन्होंने कोई फीस नहीं ली। डॉक्टर भीम अंबेडकर के अथक प्रयासों से संविधान का निर्माण कर 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया गया।

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