संघ(RSS) के कार्यक्रमों में अब सरकारी कर्मचारी क्यों शामिल हो सकेंगे? Now goverment employees are also included in the programs of RSS
अब सरकारी कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। संघ(आर एस एस)के कार्यक्रमो और गतिविधियों में। सरकारी कर्मचारियों के संघ के कार्यक्रमो में शामिल होने पर 30 नवम्बर 1966 को तत्कालीन केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था।सबसे पहले 1932 मे मध्य प्रान्त एवं बरार मे सरकारी कर्मचारियों के संघ में आने पर प्रतिबंध लगा था। जो उस समय विधानसभा में सरकार का प्रस्ताव पराभूत हुआ था। 4 फरवरी 1948 मे गांधी जी की हत्या का आरोप संघ पर लगाया गया।तब संघ के स्वयं सेवकों ने संघ पर लगे प्रतिबंध के विरुद्ध सत्याग्रह किया था।जिसमें देश भर से लगभग 77090 स्वयं सेवक जेल गये।उस समय मद्रास सरकार के एडवोकेट जनरल तथा प्रसिद्ध समाज सेवी टी आर व्यंकट शास्त्री की मध्यस्थता ने संघ पर लगे प्रतिबंध हटवाने में सहयोग किया था। और फिर केंद्र सरकार ने 11 जुलाई 1949 को बिना शर्त यह प्रतिबंध हटाया था। पुनः 4 जुलाई 1975 को केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया।उस समय भी संघ के हजारों कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। पुनः 22 मार्च1977 को संघ से प्रतिबंध हटा था।
और तीसरी बार श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान केन्द्र सरकार ने 10 दिसम्बर 1992 को संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया था।और 4 जून 1992 को बाहरी न्यायाधिकरण द्वारा यह प्रतिबंध हटा था। इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा तीन बार संघ पर प्रतिबंध सार्वजनिक रूप से लगाए गये। 7 नवंबर 1966 को संसद में गौ हत्या के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसमें आर एस एस व जनसंघ ने लाखों लोगों का समर्थन जुटाया था। पुलिस की गोलीबारी में कई लोग मारे गए थे।और फिर 30 नवंबर 1966 को केन्द्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के संघ के किसी भी कार्यक्रमों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया।जो अभी तक बरकरार था। यह प्रतिबंध 9 जुलाई 2024 को केन्द्र सरकार द्वारा फिर से हटा लिया गया है। जिसका संघ ने स्वागत किया है।इस संदर्भ में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विगत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र निर्माण एवं समाज की सेवा में लगा है। राष्ट्रीय सुरक्षा,एकता, अखंडता, सामाजिक सदभाव, सामाजिक समरसता,एवं प्राकृतिक आपदाओं के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की है। संघ बहुत प्रकार के रचनात्मक कार्यों और गतिविधियां समाज के बीच करता रहता है। यह निर्णय भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्पष्ट करने वाला है। केंद्र सरकार ने 1966, 1970 और 1980 में तत्कालीन सरकारों द्वारा जारी उन आदेशों में भी संशोधन किया गया है। जिनमे कुछ अन्य संस्थाओं के साथ -साथ संघ की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही और दण्डात्मक प्रावधान लागू किये थे।
इस संशोधन के माध्यम से सरकार ने वर्षों से चली आ रही रोकों को खत्म कर दिया।जिससे अब सरकारी कर्मचारियों को संघ के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिलेगा। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया है।संघ एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है।जो बहुत प्रकार से रचनात्मक कार्य समाज के बीच में करता रहता है।संघ के सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी कार्य, भारतीय संस्कृति का संवर्द्धन, देशभक्ति, स्वदेशी,समाज सेवा,जैसे मनोभावों से संघ कार्य करता है।सर्वांगीण ग्राम विकास, सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, और अखण्ड भारत का भाव लेकर संघ समाज के बीच कार्य करता है।संघ की दैनिक शाखाओं मिलन व मण्डलियों के माध्यम से, विभिन्न सामाजिक गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को जोड़ने, सामाजिक समरसता और व्यक्ति निर्माण, समाज और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगा रहता है।इन सबका संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को संघ के कार्यक्रमों,गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रतिबंध को हटा दिया है।जो स्वागत योग्य है।