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Showing posts from July, 2024

संघ(RSS) के कार्यक्रमों में अब सरकारी कर्मचारी क्यों शामिल हो सकेंगे? Now goverment employees are also included in the programs of RSS

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  अब सरकारी कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। संघ(आर एस एस)के कार्यक्रमो और गतिविधियों में। सरकारी कर्मचारियों के संघ के कार्यक्रमो में शामिल होने पर 30 नवम्बर 1966 को तत्कालीन केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था।सबसे पहले 1932 मे मध्य प्रान्त एवं बरार मे सरकारी कर्मचारियों के संघ में आने पर प्रतिबंध लगा था। जो उस समय विधानसभा में सरकार का प्रस्ताव पराभूत हुआ था। 4 फरवरी 1948 मे गांधी जी की हत्या का आरोप संघ पर लगाया गया।तब संघ के स्वयं सेवकों ने संघ पर लगे प्रतिबंध के विरुद्ध सत्याग्रह किया था।जिसमें देश भर से लगभग 77090 स्वयं सेवक जेल गये।उस समय मद्रास सरकार के एडवोकेट जनरल तथा प्रसिद्ध समाज सेवी टी आर व्यंकट शास्त्री की मध्यस्थता ने संघ पर लगे प्रतिबंध हटवाने में सहयोग किया था। और फिर केंद्र सरकार ने 11 जुलाई 1949 को बिना शर्त यह प्रतिबंध हटाया था। पुनः 4 जुलाई 1975 को केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया।उस समय भी संघ के हजारों कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। पुनः 22 मार्च1977 को संघ से प्रतिबंध हटा था।  और तीसरी बार श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान केन्द्र सरकार ने 10 दिसम्बर 1992 को...

कारगिल विजय दिवस,और क्या था ये दिल माँगे मोर? Kargil Vijay diwas,YeDil mange more

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  भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में हुए कारगिल युद्ध की यह 25वीं वर्षगाँठ है। कारगिल युद्ध से पहले भारत और पाकिस्तान ने 1998 में दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने के कारण उग्र माहौल बन गया था। और इस स्थिति को शांत करने के प्रयास में दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये। जिसमें कश्मीर संघर्ष का शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय समाधान प्रदान करने का वादा किया गया था।लेकिन पाकिस्तान 1998 की सर्दियों के दौरान ही सशस्त्र बलों को गुप्त रूप से पाकिस्तानी सैनिकों और अर्धसैनिक बलों को प्रशिक्षण दे रहे थे। और उन को प्रशिक्षण देकर (एलओसी) नियंत्रण रेखा पार करके भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करा रहे थे।जिनमे आतंकवादी भी थे। पाकिस्तान के लगभग 5000 सैनिकों और आतंकवादियों ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया था। एक भारतीय चरवाहे ने भारतीय सेना को इस घुसपैठ की सूचना दी। भारतीय सेना द्वारा चरवाहे से मिली जानकारी की जांच के लिए पेट्रोलिंग टीम भेजी गई।तो पांच भारतीय जवानों को पाकिस्तानी फौजियों ने पकड़ लिया और उनकी हत्या कर दी । पाकिस्तान की इस  हिमाकत के बाद यु...

स्वतन्त्रता क्रान्तिकारी चन्द्र शेखर का नाम आजाद क्यों पडा़? ChandrashekharAajad

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  भारत के महान क्रांतिकारियों मे से एक चंद्रशेखर आजाद का जन्म मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाबरा नामक स्थान मे 23 जुलाई 1906 को हुआ था।उनके पिता का नाम  सीताराम और माता का नाम जगरानी देवी था।बडी - बडी आंख बलवान शरीर चेहरे पर स्वाभिमान और देश प्रेम की चमक कुशल निशानेबाज मै आजाद हूँ, आजाद रहूंँगा,और आजाद ही रहूँगा। यह नारा था।स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान देने वाले देश के महान क्रान्तिकारी स्वतंत्रता सेनानी चन्द्रशेखर आज़ाद का। आजाद बचपन में आदिवासी इलाके में रहे इसलिए बचपन में ही उन्होंने निशानेबाजी सीख ली थी। जिस वक्त जलियांवाला बाग में अंग्रेजी हुकूमत ने नरसंहार किया उस वक्त आजाद बनारस में पढ़ाई कर रहे थे।सन् 1921 में महात्मा गांधी ने जब असहयोग आंदोलन चलाया तो आजाद भी सड़कों पर उतर गए।उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन हर हाल में वह वन्दे मातरम और महात्मा गांधी की जय ही बोलते रहे।जब आजाद को अंग्रेजी सरकार ने असहयोग आंदोलन के समय गिरफ्तार किया और अदालत में उनसे उनका परिचय पूछा गया तो उन्होंने कहा- मेरा नाम आजाद और पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा पता जेल है। तब से ही उनको लोग...

पर्यावरण बचाने के लिए पेड़ लगाना क्यों जरूरी? Planting must for Environmental

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  आज जिस तरह से विश्वभर मे तापमान मे लगातार बृद्धि होती जा रही है।और विश्व के सभी प्राणियों के लिए जल,वायु,भोजन आवास का संकट बढ़ता जा रहा है।और पर्यावरण तन्त्र के असंख्य जीव -जन्तुओं के जीवन पर हर साल संकट बढ़ता जा रहा है। असंख्य प्राणियों और पेड़ पौधों की प्रजातियाँ लुप्त हो होती जा रही हैं। प्राकृतिक ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं।विश्वभर मे शुद्ध आक्सीजन और पेयजल का संकट दिन -प्रतिदिन बढता जा रहा है। शहरों मे गर्मी से बचने के लिए कूलर और एसी का बहुत प्रयोग होता जा रहा है। जो शहर के तापमान को और भी बढाता है। विश्व मे सबसे गर्म स्थान अमेरिका मे डैथ वैली है जिसका तापमान 56डिग्री सेल्सियस तक मापा गया है। भारत के राजस्थान मे इस बार तापमान 54 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा।आज भारत सहित विश्व के कई शहरों मे शुद्ध पेयजल और शुद्ध आक्सीजन का संकट बढ़ा जा रहा है। इन बहुत प्रकार की समस्याओं का समाधान एक ही है,कि यदि पर्यावरण को स्वस्थ रखना है तो पेड़ लगाने जरुरी है। पेड़ हमारे पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे द्वारा साँस ली जाने वाली हवा को शुद्ध करने, हमारे द्वारा पीने वाले पानी ...

भारतीय संस्कृति मे क्यों है गुरु पूर्णिमा का बड़ा महत्व ? Guru Purnima

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  किसी भी मनुष्य के जीवन निर्माण में उसके गुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।भारतीय समाज मे वैदिक काल के समय से ही गुरु शिष्य परम्परा विद्यमान रही है।भारतीय संस्कृति में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है,गुरु नश्वर सत्ता का नहीं ,चैतन्य विचारौं का प्रतिरुप होता है।        किसी उपकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करना भारतीय समाज की विशेषता रही है। गुरु पूर्णिमा के पर्व का महत्व इसी दृष्टि से समझने की आवश्यकता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को  भारतीय समाज यह पर्व गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से मनाता है। भारतीय समाज मे यह मान्यता है कि बिना गुरु के ज्ञान की प्राप्त सम्भव नहीं है। जीवन की सही दृष्टि गुरु के मार्गदर्शन से ही प्राप्त होती हैं। उदाहरण देवताओं के गुरु "बृहस्पति "हैं। भगवान श्री रामचंद्र जी के गुरु "वशिष्ठ" और "विश्वामित्र" रहे हैं। भगवान कृष्ण के गुरु "संदीपनी "रहे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु "समर्थ रामदास "बंदा बैरागी के गुरु "गुरुगोविंद सिंह," स्वामी विवेकानंद के गुरु "रामकृष्ण परमहंस,"ऋषि दयानं...

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थीम क्या है?World Population Day

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  हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। आज विश्व की बढती जनसंख्या और घटते संसाधन एक चुनौती और विश्व के लिए  गम्भीर विषय बन चुका है। विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने की शुरुआत 11 जुलाई 1989 को हुआ था। यह फैसला संयुक्त राष्ट्र की आम बैठक लिया गया था। 1987तक दुनिया की जनसंख्या 5 अरब की लगभग पहुंच चुकी थी। जिसको लेकर विश्व के देशों की चिंता बढ़ने लगी।और इसलिए जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए और विश्व के नागरिकों को जागरूक करने के लिए  संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का फैसला लिया। यह दिवस विश्व को याद दिलाने का है। पूरी दुनिया में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन के मुद्दे पर जागरूकता फैलाई जाती है। परिवार नियोजन,और  हम दो हमारे दो का नारा दिया जाता है। आज इस  विषय पर जागरूकता  कार्यक्रम चलाये जाते हैं।  10 जुलाई 2024 तक भारत की वर्तमान जनसंख्या 1,442,017,450 हो गयी है। अनुसार भारत की जनसंख्या जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है। आंकड़ों के आधार पर भारत की जनसंख्या मे चीन से आगे हैं। विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थी...

विश्व ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस क्यों जरुरी? Global Energy,Independence Day

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  वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस  10 जुलाई को विश्वभर मे मनाया जाता है। ऊर्जा स्वतन्त्रता वह स्थिति है जिसमे किसी राष्ट्र को अपनी ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा संसाधनों का आयात करने की आवश्यकता न पडे़।वैश्विक ऊर्जा स्वतन्त्रता  अर्थात विश्व को नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों की ओर रुख करने और हमारी अर्थब्यवस्थाओं को जीवाश्म ईंधन की जंजीरों से मुक्त करने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है। यह जागरुकता बढाना कि ऊर्जा के स्वतन्त्र स्रोतों  का विकास और उपयोग कितना महत्वपूर्ण है।यह दिवस विश्वभर मे पर्यावरण संरक्षण जैसे सौर,पवन,जल,और भू तापीय ऊर्जा का संरक्षण करके हम पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम कर सकते हैं। जोकि पर्यावरण के लिए हानिकारक है।यह दिन अक्षय ऊर्जा स्रोतों, ऊर्जा विविधीकरण और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।यह दिवस हमे सुरक्षित और स्थायी ऊर्जा स्रोतों को प्रदान करने,आर्थिक स्वतन्त्रता,और ऊर्जा की सुलभता बढाने को जागरुक करता है।हमे विश्व स्तर पर पारम्परिक ऊर्जा स्रोंतों जीवाश्म ईंधन,कोयला ,तेल,और प्...

विश्व सहकारिता दिवस 2024 का क्या विषय है?International Day of Co-Opreative s

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  सहकारिता अर्थात सहभागिता यानि मिल जुलकर काम करने की प्रक्रिया को सहकारिता कहा जाता हैI सहकारिता का उद्देश्य समूह में शामिल सभी लोगों का उत्थान करना होता हैI हर साल दुनिया भर के लोगों, समुदायों और संगठनों को सहकारी व्यवसायों के प्रभावशाली प्रभाव का सम्मान करने के लिए विश्व सहकारिता दिवस मनाया जाता हैI विश्व सहकारिता दिवस (International Day of Cooperatives )हर साल जुलाई के पहले शनिवार को मनाया जाता है। यह दिन सहकारी समितियों और सहकारिता के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इसकी घोषणा संयुक्त महासभा की ओर से वर्ष 1995 में इस दिन को मान्यता प्रदान की गई थीI  विश्व सहकारिता दिवस  को मनाने की शुरुआत वर्ष 1923 में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (International Co-operative Alliance, ICA) द्वारा की गई थी। हालांकि, 1995 में संयुक्त राष्ट्र ने भी इस दिवस को मान्यता दी और इसे एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया। यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र द्वारा सहकारिता के सिद्दांतों और मूल्यों के समर्थन में किया गया था। जो सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। व...

भारत कैसे बनने वाला है ?सौर ऊर्जा का विश्व सिरमौर Indias,Solar Power

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सौर ऊर्जा उत्पादन मे भारत विश्व का सिरमौर बनने जा रहा है।2015 में भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में विश्व भर में 15वें स्थान पर था। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के कारण भारत ने विगत 8 वर्ष में 6 पायदान की छलांग लगाते हुए 2023 में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए विश्वभर मे तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया है।भारत से आगे अब सिर्फ अमेरिका और चीन है, ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले वैश्विक थिंकटैंक एम्बर की रिपोर्ट "ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024"में इसकी पुष्टि हुई है,रिपोर्ट के अनुसार 2009 में भारत 6.57  टेरावॉट घंटे उत्पादन के साथ 9वे स्थान पर था। पिछले वर्ष 113.41 टेरावाट घंटे की दर से सौर ऊर्जा उत्पादन कर भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है। 2015 के मुकाबले 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन की दर 17 प्रतिशत अधिक रही है।सौर ऊर्जा के साथ यदि पवन ऊर्जा में वृद्धि दर को भी जोड़ लें तो यह लगभग 30% बैठती है।  भारत सौर ऊर्जा की ओर जिस तेजी से कदम बढ़ा रहा है उससे वह दिन दूर नहीं लगता जब भारत सौर बिजली उत्पादन में विश्व मे पहले स्थान पर होगा। मार्च 2024 तक भारत ने  81.81 गीगावाट (ल...

विश्व प्लाष्टिक बैग मुक्त दिवस प्लाष्टिक बैग पर्यावरण के लिए क्यों खतरा है?International plastic bag free day

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  अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस हर सा़ल 3 जुलाई को विश्वभर मे मनाया जाता है।प्लास्टिक बैग को रिसाइकिल करना मुश्किल और महंगा है। जहां उन्हें फोटोडिग्रेड होने में लगभग 300 साल लग जाते हैं। तंओ कोई छोटे-छोटे जहरीले कणों में टूट जाते हैं।और जो मिट्टी और जलमार्गों को दूषित करते हैं,और जब जानवर गलती से उन्हें खा लेते हैं तो वे खाद्य श्रृंखला मे प्रवेश कर जाते हैं।जिससे पशुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है। प्लास्टिक बैग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता, करने कि कैसे प्लास्टिक की थैलियाँ मानव और पशु स्वास्थ्य के लिए गंभीर पर्यावरणीय खतरा पैदा करता है। अगर प्लास्टिक की थैलियों का उचित तरीके से निपटान न किया जाता है तो  कूड़े -कचरे और तूफानी जल निकासी नालियों के अवरोध का कारण बनकर समस्त पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। आज के समय में वैश्विक स्तर पर आबादी और आबादी के लिए प्लास्टिक बैग के उपयोग को कम करने और अधिक टिकाऊ किस्मों का पता लगाने के लिए एक जागरुकता के रूप में कार्य करने की आवश्यकता हैं। दुनिया भर में लोग,पर्यावरण समूह और संगठन प्लास्टिक बैग के परिणामों के बारे में ज...