साइबर दुनिया मे चीन की साजिशें Cyber Attack

 


भारत में कुछ लोगों का मानना है कि चीन महाशक्ति देश के रूप में अमेरिका की जगह लेना चाह रहा है। इसलिए उसके पास भारत के खिलाफ षड़यन्त्र रचने का समय नहीं है। यह सरासर गलत है।और  चीन यह बात अच्छी तरह से भी समझता है, कि भारत को कमजोर किए बिना दुनिया पर वर्चस्व कायम करने की उसकी मंशा कभी पूरी नहीं हो सकती है। इसलिए सैन्य से लेकर आर्थिक और मानचित्रण तक वह भारत के खिलाफ हर तरह की आक्रामकता आजमाने का प्रयास करता है। उसके योजनाकार भारत के खिलाफ साजिश रचने पर काफी समय खर्च करते हैं, चीन की तीन युद्ध रणनीति का काफी विश्लेषण किया गया है, जो झाउ वंश के रणनीतिकार सन त्ज की पुस्तक द आर्ट ऑफ वार से प्रेरित थी।

 खासकर बिना लड़े जीतने की उसकी अवधारणा, क्योंकि वह चीनियों की सीमित शारीरिक क्षमता से वाकिफ थे। चीन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को कमजोर करना, सीमाओं को बदलने, और वैश्विक खासकर सोशल मीडिया को नष्ट करना चाहता है। उसके पास सूचनाओं में हेरफेर करने वाली एक सेना है। और वह जहां तक संभव हो सके, अपनी विरोधियों को भ्रमित करने के लिए उसका उपयोग करने की कोशिश करता है। आजकल एल्गोरिदम एवं बाट्स के साथ सोशल मीडिया में हेरफेर करना अपेक्षाकृत आसान हो गया है, जो इंटरनेट पर स्वचालित ढंग से असीमित व्यूज़ और लाइक्स पैदा करते हैं, जिन्हें मानव गतिविधियों की तरह यह तैयार किया जाता है।

 मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा देखने को मिला है। वर्तमान सरकार के कुछ विदेश-समर्थित सोशल मीडिया आलोचक हैं, जिनके आधिकारिक रूप से लाखों फालोअर्स हैं

 चीन ने सोशल मीडिया के जरिए ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, और अमेरिका में चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की है। लेकिन वहां पकड़ा गया और उसने आहत होने का नाटक किया। मेटा जैसी दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी के सतर्क होने और दुर्भाग्यपूर्ण खातों को निष्क्रिय करने के बाद चीन और उसका अनुयाई पाकिस्तान सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वाले प्रमुख देश के रूप में उभरा हैं।यानी सोशल मीडिया को चीन ने पूरी तरह से एंटी सोशल (असामाजिक) बना दिया है।

वर्ष 2020 में गलवान की घटना जो चीन के भयंकर भूल थी।के बाद उसकी चर्चित सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पी एल एल) कागजी शेर साबित हुई। इसलिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अब गैर पारंपरिक युद्ध करने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तान के उकसावे में आकर चीन ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यही घिसी पिटी रणनीति अपनाई लेकिन कश्मीर में जब उसकी दाल नहीं गली और यही नहीं कश्मीर के लोगों को राष्ट्रीय मुख्य धारा में जुड़ने के आर्थिक और राजनीतिक लाभ दिखने लगे तो चीन ने अपना ध्यान दूसरी तरफ लगा दिया।चीन अपने प्रतिद्वन्द्धियों

 को मजबूर करने के लिए युद्ध की दहलीज से नीचे साइबर हमलों का उपयोग करता है।चीन साइबर- सक्षम जासूसी,प्रभाव संचालन और साइबर हमलों मे सक्षम है।जो ब्यवधान और विनाश का कारण बन सकता है।चीन युद्ध की दहलीज से नीचे के प्रतिद्वन्द्धियों के साथ जुड़कर अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए साइबर ऑपरेशन का उपयोग करता है।

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