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Showing posts from June, 2024

विश्व योग दिवस 21जून को ही क्यों मनाते हैं?2024 की थीम क्या है?International yoga day2024

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  योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो अब वैश्विक संस्कृति का हिस्सा बन चुका है, योग के मामले में भारत विश्व ग्रुप भारत में योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और योग के जरिए सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। यह शरीर को रोग मुक्त कर सकता है, और मन को शांत प्रदान करता है। भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई क्रिया अब विदेशों तक फैल चुकी है, हर साल अंतररार्ष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, और इस दौरान दुनिया भर के लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सम्पूर्ण विश्व मे मनाया जाता है। 27 सितंम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को मंजूरी दी। जिसके बाद पहला विश्व योग दिवस 21 जून 2015 को पूरे विश्व मे मनाया गया। और जिसका नेतृत्व भारत के द्वारा किया गया था।  इस दिन 35000 से ज्यादा लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर योग किया।जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस इवेंट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। स्वस्थ जीवन के लिए योग करना बहुत आवश्यक है। यो...

विश्व बालश्रम निषेद दिवस 2024 की क्या थीम है?World Day Against Child Labour024 की थीम क्या है?

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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को पूरे विश्व भर में मनाया जाता है बाल श्रम की वैश्विक सीमा और इसे खत्म करने के लिए आवश्यक कार्यवाही और प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2002 में बाल श्रम के खिलाफ इस दिवस की शुरुआत की गई। इस दिवस की घोषणा  2002 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा की गई थी।बाल श्रम उन्मूलन में सामाजिक न्याय की खोज का एक मूलभूत पहलू है। यह इस विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है कि आज भी लाखों बच्चे शिक्षा और सुरक्षित बचपन से वंचित हैं, खतरनाक उद्योगों में काम करने को मजबूर हैं, और शारीरिक और मानसिक विकास से बाधित हैं।बाल श्रम को समाप्त करके, हम एक ऐसा समाज बनाने का प्रयास करते हैं जहाँ बच्चों सहित सभी व्यक्तियों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाता हो। और उन्हें शिक्षा,पर्याप्त रहने की स्थिति और व्यक्तिगत विकास के अवसर मिलते हो। सामाजिक न्याय की यह दृष्टि इस विचार को समाहित करती है, कि हर किसी को बाल श्रम के शोषण से मुक्ति, और समृद्ध होने का उचित और समान अवसर मिलना चाहिए।समाज मे गरीबी, सामाजिक असमानता, और जागरूकता की कमी है। इसके समाधान के लिए विश्व स्तर प...

बिरसा मुंडा एक जनजाति लोकनायक और स्वतंत्रता सेनानी क्यों अंग्रेजों के खिलाफ खडे़ हुए ?Birsa Mundas Story

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    9 जून 1900 को शहीद हुए। बिरसा मुंडा का नारा था।अबुआ दिसुम अबुआ राज। जय जोहार का नारा है भारत देश हमारा है।का नारा देने वाले बिरसा मुंडा का जन्म मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में 15 नवंबर 1875 को छतरपुर झारखंड के खूंटी जिले की उलीहातू गांव में हुआ था। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश ईसाई मिशनरियों को चुनौती देने और मुंडा और उरांव समुदाय के साथ हो रहे धर्मांतरण और ब्रिटिश शासन द्वारा जनजाति जीवन शैली व सामाजिक संरचना एवं आदिवासी संस्कृति में हस्तक्षेप करने वाली गतिविधियों के खिलाफ विद्रोह करना शुरू किया। अंग्रेजो ने जब आदिवासियों से उनके जल, जंगल, जमीन को छीनने की कोशिश की तो उलगुलान आंदोलन शुरू हुआ था। इस आन्दोलन का ऐलान करने वाले बिरसा मुंडा ही थे। बिरसा मुंडा को आदिवासी भगवान की तरह पूजते हैं। उनका पूरा जीवन आदिवासी बंधुओं के उत्थान के लिए समर्पित था। अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन के लिए भी उन्होंने आदिवासियों को प्रेरित किया था। अंग्रेजों के अत्याचार के विरुद्ध वे खडे़  हुए   और फिर 1 अक्टूबर 1894 को बिरसा मुंडा ने सभी मुंडाओं को एकत्र कर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया...

विश्व महासागर दिवस 2024 की थीम और महत्वWorld Oceans Day 2024

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  विश्व महासागर दिवस 8 जून विश्वभर मे मनाया जाता है। 8 जून 2009 को पहला विश्व महासागर दिवस मनाया गया। था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह निर्णय लिया था कि विश्व महासागर दिवस मनाया जाना आवश्यक है। विश्व महासागर दिवस यह संदेश देता है कि महासागरों की सुरक्षा और संसाधनों के उचित उपयोग को अपनाना हमारे अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। महासागरों को पृथ्वी का फेफड़ा कहा जाता है। और यह दुनिया के लोगों के लिए भोजन और प्रोटीन का एक बहुत बडा़ स्रोत भी हैं। जीवित रहने के लिए महासागर आधारित व्यवसाय पर रहने वाले लोगों के साथ-साथ दुनिया की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। मानव जीवन को बनाए रखने में राष्ट्रों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।  पृथ्वी की सतह पर 70% से अधिक भाग महासागरों से बना है ,जो विभिन्न प्रकार की जैव विविधता के घर भी हैं, अब लोगों के लिए ऑक्सीजन और भोजन का उत्पादन करने के अलावा वे जलवायु को भी नियंत्रित करते हैं, विश्व महासागर दिवस का सबसे महत्वपूर्ण महत्व सभी को समुद्री पर्यावरण के संरक्षण के लिए जिम्मेदारी लेने और तत्काल कार्...

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2024 की थीम? खाद्य सुरक्षा क्यों जरुरी?World food safty day

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  अन्नो वै ब्रह्म! जीवन का आधार है। अन्न। अन्न का संरक्षण ही जीवन का संरक्षण है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर हम सब संकल्प लें कि सबको उत्तम अन्न मिले, कोई भूखा न रहे, और अन्न का एक भी दाना व्यर्थ ना हो, आइये हम सभी मिलकर इस पवित्र ध्येय की प्राप्ति के लिए प्रयास करें। खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार खाद्य सुरक्षा की स्थिति तब बनती है जब सभी लोगों के पास हर समय पर्याप्त सुरक्षित और पौष्टिक भोजन के लिए भौतिक एवं आर्थिक पहुंच उपलब्ध न होती हो। खाद्य सुरक्षा एक सक्रिय एवं स्वस्थ जीवन जीने के लिए उनके आहार संबंधी आवश्यकताओं एवं खाद्य परिवर्तन की पूर्ति हो सके। सभी लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता पहुंचे और उसे प्राप्त करने का सामर्थ्य,खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत सभी लोगों को भोजन तक पहुंचने के साथ-साथ पूरे वर्ष खाने के लिए पर्याप्त भोजन की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। यह भोजन सुरक्षित गुणवत्तापूर्ण,एवं पोष्टिक होना चाहिए। खाद्य सुरक्षा के चार स्तंभ है  भोजन की उपलब्धता,भोजन तक पहुंच,भोजन का उपयोग,और भोजन की स्थिरता, खाद्य सुरक्षा के तीन महत्वपूर्ण आयाम इस प्रकार से हैं 1- पर्याप्त मात्रा...

विश्व पर्यावरण दिवस2024 की थीम?और वृक्ष लगाना क्यों जरुरी?World Environment Day

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हर साल विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है यह 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है जिसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 1972 में की गई थी। पहली बार 1974 में यह विशेष थीम के साथ मनाया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस हमारे पारिस्थितिक तन्त्र,पर्यावरण,के महत्व और उसकी रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है। *हर साल इसकी एक नयी थीम होती है।2024 मे इसकी थीम "भूमि बहाली,मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता"विश्व* मे पारिस्थितिकी तन्त्र ब और सतत भूमि प्रबन्धन प्रथाओं  को बढावा देने के रणनीतिक फोकस के साथ,इस वर्ष के  विश्व पर्यावरण दिवस का विषय महत्व रखता है।हाली आज पूरे विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है। पर्यावरण संरक्षण आज पूरा विश्व मानव विकास की तरफ ध्यान केन्द्रित करके चल रहा है। मानव ने प्राकृतिक विविधता, जैव विविधता कई वनस्पतियों  जीव -जन्तुओं और  पशु -पक्षियों का विलुप्तीकरण किया है।  इस दिन दुनिया भर के विभिन्न संस्थाएं ,दफ्तर, स्कूल, कॉलेज,अकादमी, पर्यावरण से संबंधित प्रतियोगिता,भाषण, निबंध, चित्रांकन, प्रतियोगिता  या अन्य कार्यक्रमों...

साइबर दुनिया मे चीन की साजिशें Cyber Attack

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  भारत में कुछ लोगों का मानना है कि चीन महाशक्ति देश के रूप में अमेरिका की जगह लेना चाह रहा है। इसलिए उसके पास भारत के खिलाफ षड़यन्त्र रचने का समय नहीं है। यह सरासर गलत है।और  चीन यह बात अच्छी तरह से भी समझता है, कि भारत को कमजोर किए बिना दुनिया पर वर्चस्व कायम करने की उसकी मंशा कभी पूरी नहीं हो सकती है। इसलिए सैन्य से लेकर आर्थिक और मानचित्रण तक वह भारत के खिलाफ हर तरह की आक्रामकता आजमाने का प्रयास करता है। उसके योजनाकार भारत के खिलाफ साजिश रचने पर काफी समय खर्च करते हैं, चीन की तीन युद्ध रणनीति का काफी विश्लेषण किया गया है, जो झाउ वंश के रणनीतिकार सन त्ज की पुस्तक द आर्ट ऑफ वार से प्रेरित थी।  खासकर बिना लड़े जीतने की उसकी अवधारणा, क्योंकि वह चीनियों की सीमित शारीरिक क्षमता से वाकिफ थे। चीन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को कमजोर करना, सीमाओं को बदलने, और वैश्विक खासकर सोशल मीडिया को नष्ट करना चाहता है। उसके पास सूचनाओं में हेरफेर करने वाली एक सेना है। और वह जहां तक संभव हो सके, अपनी विरोधियों को भ्रमित करने के लिए उसका उपयोग करने की कोशिश करता है। आजकल एल्गोरिदम एवं बाट्स के स...

3 जून 1947 भारत को खंडित करने हेतु माउंटबेटन योजना maunt betan plan

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  आज के दिन77साल पहले भारत-पाक बंटवारे का ऐलान हुआ। भारत के दो टुकड़े करने का ऐलान हुआ था। 3 जून 1947 को वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के दो हिस्से करके भारत और पाकिस्तान बनाने का ऐलान किया था। इस बंटवारे ने लाखों लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया। कहा जाता है कि इस दौरान करीब सवा करोड़ लोग विस्थापित हुए। इतिहास में किसी राजनीतिक कारण से होने वाला ये सबसे बड़ा विस्थापन था। बंटवारे के दौरान हुए दंगों में लाखों लोग मारे गए।15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ।लेकिन इस आजादी के साथ ही भारत का बंटवारा भी हुआ। भारत की आजादी से एक दिन पहले 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान एक नया मुल्क बना।दरअसल दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद एक तरफ देश में आजादी के लिए आवाजें बुलंद होने लगी थीं। वहीं दूसरी तरफ मजहबी ताकतें भी सिर उठाने लगी थीं। जगह-जगह सांप्रदायिक दंगे होने लगे थे। देश में उथल-पुथल का माहौल था।  आखिरकार फरवरी 1947 में ब्रिटिश सरकार ने भारत को आजाद करने का ऐलान किया, जिसकी जिम्मेदारी भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को सौंपी गई।पालम एयरपोर्ट पर माउंटबेटन को लेने आए जवाह...