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Showing posts from May, 2024

विश्व दुग्ध दिवस 2024 भारत दुनिया के बडे़ दुग्ध उत्पादकों मे से एक World milk day

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  दूध पूरे विश्व में छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी उम्र के लोगों का पसंदीदा पेय है। दूध  स्वास्थ्यवर्धक होता है इसे पीने से कई सारे फायदे मिलते हैं कैल्शियम से भरपूर दूध स्वास्थ्य के संपूर्ण विकास के लिए  जरुरी है। लोगों तक दूध के इन फायदों को पहुंचाने के उद्देश्य से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। 1 जून यानी वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है।2024 मे विश्व दुग्ध दिवस की थीम है।दुनिया को पोषण देने के लिए गुणवत्तपूर्ण पोषण प्रदान करने मे डेयरी द्वारा निभाई गयी महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मनाने पर केन्द्रित है। स्वास्थ्य के लिए दूध कितना महत्व होता है और यह हमारे भोजन का कितना जरूरी हिस्सा है इस बात को समझाने और दूध को भोजन में शामिल करने के लिए और आम जन को जागरूकता करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है।  विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत 1जून 2001से  शुरू हुआ।इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के विभाग खाद्य और कृषि संगठन द्वारा की गई थी। 2022 में 72 देशों ने इसमें भाग लिया था। इन देशों में लगभग 586 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। भारत में 1 जून को विश्व दु...

अहिल्याबाई होल्कर लोक कल्याण और भारतीय संस्कृति का गौरव Ahilya bayee holker

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  अहिल्याबाई होल्कर का जन्म चौंढी गाँव, अहमदनगर, महाराष्ट्र मे 31 मई 1725 मे मराठा राजवंश साम्राज्य मे हुआ। इनके पिता का नाम मान्कोजी शिंदेऔर माता का नाम सुशीला शिंदे था।मान्कोजी बहुत ही विद्वान पुरुष थे।यही कारण है कि उन्होंने अहिल्याबाई को हमेशा आगे बढने के लिए प्रेरणा दी।उन्होंने अहिल्याबाई को बचपन में ही शिक्षा देना शुरू कर दिया था। उस समय महिलाओं को शिक्षा नहीं दी जाती थी।लेकिन मान्कोजी ने अपनी बेटी को शिक्षा भी दी और अच्छे संस्कार भी दिये।ऐसे घर में पली-बढ़ी अहिल्याबाई बचपन में ही दयाभाव वाली थी,उनकी दयाभाव और आकर्षक छवि ही उनके जीवन को इतनी आकर्षक बनाती है।अहिल्याबाई का विवाह खण्डेराव होलकर से1733मे हुआ।उनके  पुत्र नाम मालेराव और पुत्री का नाम मुक्ताबाई था।अहिल्याबाई बचपन में बहुत चंचल और समझदार थी, ऐसे में उनकी शादी बचपन में ही खण्डेराव होलकर के साथ करवा दी गई,उनका विवाह उनकी चंचलता और उनके दया भाव के कारण ही खण्डेराव होलकर के साथ हुई थी।एक बार राजा मल्हार राव होल्कर पुणे जा रहे थे, और उन्होंने चौंढी गाँव में विश्राम किया,उस समय अहिल्याबाई गरीबों की मदद कर रही थी, उनका...

कैसे वीर सावरकर एक समर्पित देशभक्त थे?vinayak sawarkar

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  स्वतन्त्रता सेनानी वकील एवं समाज सुधारक वीर विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक के भागपुर गांव मे हुआ था। अंग्रेजी दमनकारी हुकूमत ने वर्षों तक जेलों मे यातनायें दी ,लेकिन मातृभूमि की स्वतन्त्रता और स्वाभिमान के लिए समर्पित सावरकर जी का संकल्प अटल रहा।और असंख्य राष्ट्रभक्तों के प्रेरणा स्रोत बने।सावरकर जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होने स्नातक की पढाई फर्गयूसन कालेज से पूर्ण की युवावस्था मे उन्होने मित्र मेला नाम से एक युवा समूह का आयोजन किया। उनके प्रेरणा के स्रोत लाला लाजपत राय, बालगंगाधर तिलक, और विपिनचन्दपाल जैसे गरम दल के नेता थे। वे भारत की स्वतन्त्रता के लिए कई क्रान्तिकारी गतिविधियों को चलाते रहते थे। और अपनी क्रान्तिकारी गतिविधियों के कारण अंग्रेजो ने उनको पचास साल की 1911मे सजा सुनाई। और उसमे भी उन्हें काला पानी के नाम से मशहूर सेलुलर जेल मे बन्द कर दिया गया था। उन्हें जेल मे कठोर यातनायें दी जाती थी। फिर भी उन्होने हार नहीं मानी।अर्थात काला पानी की क्रूर यातनाओं को झेलकर भी अडिग भाव से राष्ट्र की स्वाधीनता के लिए संघर्ष करते रहे। अंडमान की सेल्यूलर जेल...

ग्लोबल वार्मिंग से क्या उत्तराखण्ड मे जलवायु परिवर्तन का खतरा?Global Warming

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  हिमालय का उत्तराखंड राज्य आज भीषण विपत्ति वाले जलवायु संकट का अनुभव ही नहीं बल्कि सामना भी कर रहा है।क्योंकि हिंदूकुश हिमालय के मध्य भाग में इसकी बसावट और भू-आकृतिक दृष्टि से यह एक संवेदनशील तंत्र है। पृथ्वी की उत्पत्ति के इतिहास से ही यूरेशिया और भारतीय प्लेटों के बीच टकराव से तथा समुद्री प्लेटों के निमज्जित हो जाने के बाद लगभग 650 लाख वर्ष पूर्व हिमालय की रचना के साथ ही इस राज्य का भी भू -गर्भिक पुरातन इतिहास है। इस पुरातन भू-गर्भिक धरातलीय पर्वतीय राज्य की पारिस्थैतिक तंत्र में पिछली शताब्दी में तापमान वृद्धि, वाष्पीकरण की दर में वृद्धि, वर्षा का समयानुसार ना होना, मिट्टी की जल ग्रहण क्षमता का कम होना तथा सूखा का प्रकोप और लगातार आपदाओं की पुनरावृत्ति एक गहरी चिंता का विषय है। उत्तराखंड की जलवायु समशीतोष्ण है,जो तापमान में मौसमी बदलाव से चिन्हित है, लेकिन उष्णकटिबंधीय मानसून से भी प्रभावित है जलवायु परिवर्तन के चलते तेजी से बढ़ रहे हैं जंगल में आग लगने के मामलेऔर  वनस्पतियों से छेड़छाड़ भी एक कारण है।  उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से अब तक 1300 हेक्टेयर से ज्यादा ज...

विश्वभर मे बढती गर्मी के क्या कारण?और उपाय Heat wave and Summers

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  दुनिया भर में इतनी जबरदस्त गर्मी क्यों पड़ रही है? क्या हैं इसका कारण? हैरानी की बात ये है कि इस भीषण गर्मी (Extreme Heat) से सिर्फ एशियाई देश ही नहीं बल्कि पश्चिमी देश और दक्षिणी गोलार्ध में स्थित अंटार्कटिका मे भी गर्मी बहुत बढी है।हमेशा से बर्फ और ग्लेशियर्स से ढके रहने वाले अंटार्कटिका में पहली बार इतनी भीषण गर्मी पढ़ रही है कि इस ठंडे प्रदेश में रहने वाले जीव-जंतु तक सूरज की पराबैंगनी किरणों से झुलस रहे हैं।अप्रैल और मई मे  गर्मी ने अपना रौद्र रूप भी दिखाना शुरू कर दिया है। पूरे भारत को इस समय प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। भारत के कई शहरों का तापमान 47 डिग्री शैल्शियस तक बढ गया है।आखिर इतनी गर्मी कैसे और क्यों पड़ रही है? और  क्या बढ़ती गर्मी विनाश का संकेत है?  दुनिया भर में पड़ रही भीषण गर्मी को वैज्ञानिक विनाश का संकेत मान रहे हैं। मौसम की गतिविधियों के जानकार बताते हैं कि भौगोलिक तौर पर भारत के बहुत बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाली हीट वेव (Heat Wava) यानी लू 100 साल में कभी एक बार चलती है। लेकिन इंसानी भारत के अलावा अब ये दुनिया के कई देशों को प...

पूरे विश्व मे क्यों फैलता जा रहा सनातन? Sanatan Dharma

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  आज के समय मे सनातन धर्म के मूलतत्वों सत्य,अहिंसा,दया,क्षमा,दान,जप,तप,यम-नियम आदि के ब्यवहार पर  हिंदू धर्म के प्रति विदेशी लोग बहुत प्रभावित हो रहे हैं।क्योंकि सनातन हिंदू धर्म का अपना एक अलग ही महत्व है, हिंदू धर्म में कुटुंब के प्रति वफादारी बचपन से ही सिखाई जाती है। भारत में आज भी संयुक्त परिवार की प्रथा प्रचलन में है, जिससे बच्चे अपने बचपन से ही अपने माता-पिता,और समाज की सेवा करने के संस्कार को सीखते हैं। और उन्हें पूरे जीवन भर अपने साथ रखने का संकल्प लेते हैं। विश्व में कुछ अन्य धर्मों में बच्चों को बचपन में ही कट्टरता सिखाई जाती है। एवं केवल अपने धर्म को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म के रूप में पेश किया जाता है। इससे इन बच्चों में अन्य धर्म के प्रति सहिष्णु की भावना विकसित नहीं हो पाती है। कई बार तो अन्य धर्म को मानने वाले नागरिकों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें अपना धर्म मानने को मजबूर किया जाता है। इसके ठीक विपरीत सनातन हिंदू धर्म किसी अन्य धर्म को मानने वाले व्यक्ति पर कभी भी कोई दबाव नहीं डालता है। सनातन हिंदू संस्कृति अन्य धर्म के नागरिकों को किसी प्रकार के धर्म को मानने की खुल...

काशी मे 501 वंचित जातियों के लोगों को पुजारी बनाकर सामाजिक समरसता को दिया बढावा।

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  काशी में आयोजित कार्यक्रम में 501 वंचित जनजाति मुसहर, किन्नर ,और महिलाओं को राम मंत्र की दीक्षा देकर पुजारी बनाया गया।यह सामाजिक समरसता का एक अच्छा उदाहरण है। यह लोग राम के आदर्शों को घर-घर तक पहुंचाएंगे, काशी की लमही कस्बे में 16 और 17 अप्रैल को श्री राम संबंध कथा और महादीक्षा संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, के साथ-साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश,  वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर,सोनभद्र,बलिया आजमगढ़ जौनपुर मऊ गाजीपुर, बलरामपुर, आदि जनपदों से बड़ी संख्या में वंचित समाज के लोगों ने भागीदारी करके श्री राम कथा का श्रवण किया। रामनवमी के दिन आयोजित ऐतिहासिक महादीक्षा संस्कार कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और रामपंथ के मार्गदर्शन इंद्रेश कुमार, रामपंथ के धर्माध्यक्ष महेंद्र बालक दास और रामपंथ के पंथाचार्य डॉक्टर राजीव श्रीगुरु द्वारा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्रांति का सूत्रपात करते हुए 501 वंचित समाज के लोगों को राम मंदिर की दीक्षा देकर पुजारी बनाया गया। यह शायद पहला ऐसा अवसर है जब इतनी बड़ी संख्या में वंचित, किन्नर,और महिलाओं को...

जानिए जंगल मे आग लगने से कितना बडा़ नुकसान होता है? Damage from fire

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  जंगलों में लगने वाली आग से जैव विविधता,प्रकृति और सम्पूर्ण जीव जगत को बहुत बडा़ नुकसान पहुंँचता है। बहुत से वन्य जीव -जंतुओं ,पक्षियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ती है। उनके नये,घोसलों,अण्डो,नवजात बच्चों सहित खुद की भी जान चली जाती है। भीषण अग्नि से अनेक प्रजातियों, जीव-जंतुओं,और वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियों के विलुप्त होने की आशंका हो जाती है। जिससे बहुत समय तक पारिस्थितिकीय संकट उत्पन्न हो सकता है।और कार्बन श्रृंखला टूटने का भी खतरा बढ़ जाता है। जंगल की आग में कई जानवरों की मौत हो जाती है वहीं कुछ जानवरों के आवास नष्ट हो जाते हैं।  जिससे वे शहरों और गांवों की ओर भागने लगते हैं। उच्च तीव्रता वाली जंगल की आग वनस्पतियों और जीवों के जीवन को नष्ट कर देती है।जंगल की आग अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है, क्योंकि कई परिवारों और समुदाय का भोजन,चारा, रोजगार,और ईंधन के लिए वे जंगल पर निर्भर रहते हैं।  इसके साथ-साथ वातावरण में व्याप्त उच्च तापमान शुष्कता, निम्न आद्रता हवा की तेज और भूमि का ढालू होना जंगल की आग के फैलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बहुत बडी़ मात्रा मे न...

क्या है विश्व रेडक्रास डे 2024 की थीमWorld Red cross day2024

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  विश्व रेडक्रॉस दिवस 8 मई को मनाया जाता है। इस दिवस को हेनरी ड्यूनेट जो एक मानवतावादी सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनके जन्म दिवस पर मनाया जाता है। वे रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के संस्थापक थे।उनका जन्म 8 मई 1928 को हुआ था।उन्होने 1859मे इटली मे साल्फेरिनो का युद्ध  देखा जिसे कई  सैनिक मरे और कई सैनिक युद्ध मे घायल हुए। उस समय घायल सैनिकों की सहायता हेतु कोई भी नहीं था। इस परिस्थिति मे हैरी ड्यूनेट ने घायल सैनिकों  की मदद हेतु वैलिटियर्स की मदद से खाना-पीना और चिकित्सा की सुविधा मुहैया करवायी।और उनके इलाज करके उनके घरों को पत्र लिखे। 1917 में दुनिया का पहला पहला नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।1863 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय रेड क्रास संस्थान की स्थापना की।विश्व रेडक्रास दिवस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य-मानव विपदा के समय कठिनाइयों से राहत दिलाना है। मानवतावाद,सहायता,असहाय और घायल सैनिकों, नागरिकों, की रक्षा करना है। कोरोना काल मे विश्व रेडक्रास का महत्व बहुत बढ गया था। और इस संस्था ने मदद भी की थी। भारतीय रेडक्रास - भारत का रेडक्रास से सम्बध प्रथम विश्व युद्ध से है। भ...