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Showing posts from April, 2024

भारत के रक्षा निर्यात मे ऐतिहासिक बृद्धि कैसे हुई? India Defence,Export

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  आज के समय में भारत के रक्षा निर्यातक भौगोलिक रूप से विश्व के कोने-कोने तक अपनी पहुंच बना चुके हैं। आज पूरी दुनिया को भारतीय हथियार पसंद आ रहे हैं। भारत के निर्यात किए गए उत्पाद  मालदीव,श्रीलंका,रुस,यूएई,पोलैण्ड,फिलीपींस,सऊदीअरब,मिस्र,इजरायल,स्पेन,चिली,समेत कई अन्य देशों तक पहुंच रहे हैं। भारतीय रक्षा उत्पादों की मांग विश्व स्तर पर बढ़ती ही जा रही है,सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को वैश्विक स्वीकृति मिल चुकी है। जिन भारतीय रक्षा उत्पादों का अधिक से अधिक निर्यात किया जा रहा है, उनमें निजी सुरक्षा उपकरण,आफशोर पेट्रौल व्हिकल,एएलएच हेलीकॉप्टर, एसयू,एवियानिक्स कोस्टल सर्विलांस सिस्टम, लाइटइंजीनियरिंग मैकेनिकल पार्ट्स, कवच एममोडी अन्य कई,रक्षा उपकरण शामिल है, इन आध्याधुनिक,रक्षा उपकरणों और तकनीकों, के चलते अंतरराष्ट्रीय खरीददारों की भारतीय उत्पादों में विशेष रुचि बढी है। और भरोंसा भी बढा है। भारत ने विश्व के लगभग 85 देशों को रक्षा उत्पाद बेचे हैं। रक्षा उत्पाद निर्यात में भारत ने मात्र एक वर्ष में 32.5 प्रतिशत  की रिकार्ड बृद्धि निर्यात किया है। पहली बार देश का रक्षा...

भारत रत्न डा भीमराव जी का देश के लिए क्या योगदान?Dr Bhermrawa Ambedkar ji

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  भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकरजी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था।वे अपने माता -पिता के 14वीं सन्तान थे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को बाबासाहेब नाम से भी जाना जाता है अंबेडकर जी का भारत के संविधान निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है। अंबेडकर जी एक जाने-माने राजनेता व प्रख्यात विधि व्यक्ता थे। उन्होंने देश से छुआछूत जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आंदोलन किए। और अपना पूरा जीवन गरीबों को दे दिया दलित और पिछड़ी जाति के हक के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। आजादी के बाद वे सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और कानून मन्त्री का दायित्व उनके पास था। समरसता के लिए उन्होंने काम  किया। इसके लिए उनको 1990 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।  15 साल की उम्र में उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की। अंबेडकर जी पढ़ने में बहुत अच्छे थे, और इंटर के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई एलफिंस्टन कॉलेज से की।उन्हें सारी परीक्षाएं बहुत अच्छे अंको से पास की। इसलिए बड़ौदा के गायकवाड राजा सैंया जी ने ₹25 की स्कॉलरशिप हर महीने उनको शिक्षा के लिए दिये। उन्होंने राजनीति विज्ञान और अ...

हिन्दू नववर्ष चैत्रशुक्ल प्रतिपदा विश्व मे सर्वश्रेष्ठ क्यों?Hindu Nawvarsh

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  1,36,08,53,125वें नववर्ष एवं चैत्र शुक्ल प्रतिपदा,युगाब्द 5126,विक्रमी संवत 2081तद्नुसार मंगलवार 9 अप्रैल2024 के शुभ अवसर पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें। भारतीय संस्कृति में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महत्वपूर्ण स्थान है। ब्रह्मपुराण में उल्लेख है- चैत्र मास से जगद्ब्रह्मा ससर्ज पृथमेहनि, शुक्ल पक्षे समग्रन्तु तदा सूर्योदये गति। यानी प्रतिपदा तिथि को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचनाकर मानव की उत्पत्ति की थी। महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने इसी शुभ तिथि को सूर्योदय से सूर्यास्त तक दिन, महीना और वर्ष की गणना करते हुए प्रथम भारतीय पंचांग की रचना की थी। जहां एक ओर दुनिया के अन्य देशों में नया साल मनाने का आधार किसी व्यक्ति, घटना व स्थान से जुड़ा है, विदेशी लोग अपने नववर्ष अपने देश की सामाजिक और धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार मनाते हैं,लेकिन भारतीय नववर्ष ब्रह्मांड के अनादि तत्वों से जुड़ा है। ग्रह- नक्षत्रों की गति पर आधारित भारतीय नववर्ष सबसे अनूठा और सर्वाधिक वैज्ञानिक है। भारतीय ज्योतिष के विद्वानों ने वैदिक युग में बता दिया था, कि अमुक दिन, अमुक समय से सूर्यग्रहण होगा। यह का...