अन्तर्राष्ट्रीय गणित दिवस पाई की खोज किसने की?International Mathematics day
14 मार्च को विश्व गणित दिवस मनाया जाता है।कार्यकारी परिषद ने अपने 205 वें सत्र मे कहा था।गणित दिवस आंतर्राष्ट्रीय इंटरैक्टिव संघ के नेतृत्व मे हर साल एक नई थीम के साथ एक परियंजनि होती है।2024 का विषय गणित है गणित के साथ खेलना।
पहले यह पाई दिवस के रुप मे मनाया जाता था। पाई दिवस (Pi Day) संकेत चिन्ह(π) मनाया जाता है। पाई एक विकट संख्या है। ज्यामिति में किसी वृत्त की परिधि की लंबाई और व्यास की लंबाई के अनुपात को पाई(π) कहा जाता है। गणित अभियांत्रिकी और विज्ञान के कई महत्वपूर्ण फार्मूले पाई पर आधारित है। प्रत्येक वृत्त में पाई (π) एक गणितीय नियतांक यानी निर्धारक है। जिसका मान 3.14 होता है लेकिन दशमलव के बाद की पूरी संख्या का अब तक आकलन नहीं किया जा सका है, इसलिए इसे अनंत माना जाता है।
क्या है पाई ? ( What is pie ? )
गणित में किसी वृत्त की परिधि की लंबाई और उसके व्यास की लंबाई के अनुपात को पाई(π) कहा जाता है। यह अनुपात प्रत्येक वृत्त में 3.141 होता है परंतु अब तक दशमलव के बाद की पूरी संख्या का आकलन नहीं किया जा सका है। इसलिए इसे अनंत माना जाता है। पाई एक अपरिमेय संख्या है यानी एक वास्तविक संख्या जिसे एक साधारण अंश द्वारा व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
π(पाई)=22/7=3.14159265358979323
पाई (π) का मान अनंत है यह दशमलव के बाद अनंत तक खींचा जा सकता है इसके अंक किसी भी नियमित क्रम (पैटर्न) का अनुसरण नहीं करते हैं।
पाई(π) की खोज-
महान भारतीय गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने पाई(π) के सिद्धांत की खोज की।संपूर्ण विश्व को शून्य से अवगत कराने वाले तथा गणित में दशमलव पद्धति का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट ने ही पाई(π) सिद्धांत का प्रतिपादन भी किया था। आर्यभट्ट ने गणित के क्षेत्र में महान आर्कमिडीज से भी अधिक सटीक पाई के मान को निरूपित किया था।
जब संपूर्ण विश्व केवल 9 तक गिनती जानता था। उस समय आर्यभट्ट ने शून्य की खोज कर गणित की दुनिया को एक नई दिशा दी थी।
भारत में 5वीं सदी में ही महान भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट ने पाई के मान का सटीक अनुमान लगाया था। आधुनिक युग में सर्वप्रथम पाई का मान 1706 में गणितज्ञ विलिया जोंस ने सुझाया था। आर्यभट्ट ने अपने अर्यभटीय गणित पाद के श्लोक 10 में पाई के अनुमान का उल्लेख किया है।
“चतुराधिकं शतमष्टगुणं द्वाष्टष्टिस्तथा सहस्त्राणाम्।
अयुतद्वयस्य विषम्भस्य अनुपालनौ वृत्तपरिणाहः।
अर्थात 100 में 4 जोड़कर 8 से गुणा करें और फिर 6 2000 जोड़े इस नियम से 2,000 परिधि के एक वृत्त का व्यास पता लगाया जा सकता है
(100+4)×8+62000/20000=3.1416
व्यास और परिधि का अनुपात इसके अनुसार (2πr/2r) यानी 3.1416 है जो पांच महत्वपूर्ण आंकड़ों तक बिल्कुल सही है।
पिरामिड के आकार की गणना करने के लिए पाई का इस्तेमाल किया जाता है।
तारों की दूरी
दो तारों की बीच की घुमावदार दूरी मापने के लिए भी पाई का प्रयोग किया जाता है।
नदी की लंबाई नापने में
पिरामिड के आकार की गणना करने के लिए पाई का इस्तेमाल किया जाता है।
ब्रह्मांड का आकार बताने में
ब्रह्मांड का आकार अंडाकार है यह पाई की मदद से ही पता लगाया गया था।
विंस्टन यूनिवर्सिटी के एस्ट्रो फिजिक्स डिपार्टमेंट के चेयरमैन डेविड स्परजेल ने यह जानकारी दी।
पाई दिवस के अवसर पर विश्व भर में कई उत्सव मनाए जाते हैं जैसे इस दिन संग्रहालय और विज्ञान केंद्रों में शैक्षिक कार्यक्रम, संगीत, पाई याद करने की चुनौतियां और गणित के प्रशंसक पाई के एक टुकड़े का आनंद लेकर इस दिन को मनाते हैं। इस दिन लोग पाई पाठ प्रतियोगिता भी करते हैं।
पाई(π) से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
पाई कभी न समाप्त होने वाली और कभी ना दोहराने वाली संख्या है।
पाई एक अपरिमेय संख्या है अर्थात एक पूर्णांक को किसी अन्य संख्या से भाग देकर पाई की गणना संभव नहीं है।
पाई एक वृत्त की परिधि और उसके व्यास का अनुपात है।
ग्रीक वर्णमाला में पाई(π) 16वा अक्षर है अंग्रेजी में पी भी 16वा अक्षर है
प्राचीन काल में पाई(π) का अध्ययन करने वाले गणितज्ञ आर्किमिडीज थे। लेकिन आर्किमिडीज से भी पहले 5वीं सदी में महान भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट ने पाई (π) के सिद्धांत की खोज की थी।भारत के ज्ञान- विज्ञान का प्रचार प्रसार न होने के कारण भारत की बहुत सी खोजें विश्व पटल पर न आ सकी।और इस अभाव के कारण श्रेय न मिल सका है।
पाई दिवस यानी 14 मार्च को ही अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म हुआ था।
पाई(π) का मान कभी खत्म नहीं होता है। इसलिए हम किसी वृत्त की सही परिधि या क्षेत्रफल का पता नहीं लगा सकते हैं।
2 मार्च 2009 को US House of Representative ने एक Non- Binding Resolution पास किया जिसके अंतर्गत 14 मार्च 2009 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय पाई डे घोषित किया गया।
पाई (π)का इस्तेमाल 250 वर्षों से किया जा रहा है।
पाई डे 1:59:29 समय पर मनाया जाता है।
मार्च में ही क्यों मनाया जाता है पाई दिवस ?
पाई(π) का मान 3.14 है। संख्या का पहला अंक तीन है और मार्च वार्षिक कैलेंडर में तीसरा महीना है। अतः इसे मार्च में मनाया जाता है। दिनांक और संख्या 14 के अनुसार पाई दिवस मार्च की 14 तारीख को मनाया जाता है पाई दिवस के विषय में एक दिलचस्प बात यह है कि।इस दिन का उत्सव 1.59 बजे शुरू होता है जिससे पाई(π) का अनुमानित मूल्य 3.14159 हो जाये।