22 मार्च विश्व जल दिवस क्यों जरुरी?World water day

 


जल ही जीवन है।जल संरक्षण और जल रखरखाव  को लेकर दुनिया भर में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रति वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। दुनिया का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से घिरा है।लेकिन पीने योग्य पानी केवल 3 प्रतिशत ही है। 97 प्रतिशत पानी पीने योग्य नहीं है। केवल 3 प्रतिशत जल से ही पूरी दुनिया जीवित है,सभी जीव -जन्तुओं के पीने,जीवित रहने, पेड़-पौधों के लिए ,खेती करने, घर का काम करने, नहाने,खाना बनाने, सभी समय जल की आवश्यकता होती है। हम हर साल देखते हैं कि पानी बचाने के लिए बड़े-बड़े अभियान चलाए जाते हैं।जहां पानी को लेकर लोग और कई सामाजिक संगठन बड़े, छोटे

कार्यक्रमो मे जल बचाने हेतु अपने विचार रखते हैं। 22 दिसंबर 1992 में प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें यह घोषणा की गई कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाएगा इसके बाद 1993 में दुनिया भर में 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाने लगा। जल दिवस के आसपास जल सम्मेलन का आयोजन भी किया जाता है। पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पर मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीवधारियों, पशु -पक्षियों,और पर्यावरण सभी के लिए जल अनिवार्य है। जल के बिना जीवन नहीं  है। लेकिन आज जल का अनावश्यक उपयोग हो रहा है। बढती

जनसंख्या,और औद्योगीकरण के कारण पानी की खपत में बढ़ोतरी हुई है। विश्व भर में सभी देशों में जल के संरक्षण उपयोगिता और महत्व को समझाने के लिए और बढ़ते जल संकट की ओर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है,और हर साल इसकी थीम भी रखी जाती है। इस वर्ष विश्व जल दिवस " 2024 की थीम है शान्ति के लिए जल का लाभ उठाना " है आये हम जल संरक्षण की शपथ लें, और जल ही जीवन को ब्यवहार मे लाये।हमे पानी की एक-एक बून्द को संरक्षित करना है।

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