विश्व के लिए कैंसर क्यों खतरा बन रहा है?World cancer day

 


हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन वीश्वभर के देशों को साथ मिलकर कैंसर से लड़ने और इसकी रोकथाम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे एक बेहद खास उद्देश्य है और 

कैंसर दुनियाभर में मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह है।

इस साल की थीम है ( क्लोज द केयर गैप) एवरीवन डिजर्व्स एक्सेस टू  2024 कैंसर इतनी गंभीर बीमारी है जिससे दुनियाभर में लाखों मौतें होती हैं। WHO के अनुसार जानलेवा बीमारी कैंसर को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकडे़ डराने वाले हैं।WHO के अनुसार वर्ष 2050 तक गरीब देशों मे  कैंसर से होने वाली मौतें दोगुनी हो जाएंगी।इस दौरान दुनिया भर में कैंसर के नए रोगियों की संख्या 3.5 करोड़ से अधिक हो जाएगी। जो वर्ष 2022 के मुकाबले 77 फीसदी अधिक होगी। WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च आँन कैंसर ने 115 देशों की सर्वे के आधार पर ये नतीजे जारी किए हैं। वर्ष 2022 में कैंसर के करीब 2 करोड नये मामले सामने आए। जिनमें 97 लाख लोगों की मौत हुई। अकेले भारत में ही 14 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें से भी अधिक महिलाएं हैं। रिपोर्ट के अनुसार चिंताजनक बात यह है कि अधिकांश देश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी )में कैंसर होने पर पर्याप्त खर्च नहीं कर रहे हैं यह भी तब जबकि हर पांच में से एक व्यक्ति कैंसर से प्रभावित है इतना ही नहीं नौ में से एक पुरुष और बारह में से एक महिला की कैंसर से मृत्यु हो जाती है। आईएआरसी ने कैंसर के लिए तंबाकू, शराब मोटापे के अलावा जीवनशैली और बिगड़ते पर्यावरण को जिम्मेदार माना है। विश्व भर में मानव विकास सूचकांक की आधार पर कैंसर के मामलों में भारी असमानताएं देखने को मिली है। खासकर स्तन कैंसर में उच्च मानव विकास सूचकांक वाले देशों में भर में 27 मे से एक महिला को स्तन कैंसर होता है। और 71 में से एक की इसमे मृत्यु हो जाती हैं।इसके विपरीत कम एचडीआई वाले देशों में 27 में से केवल एक महिला को अपने जीवन काल में स्तन कैंसर का पता चलता है। इनमें से 48 में से सिर्फ एक महिला की मृत्यु होती है।कैंसर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है।  इसलिए इस बीमारी के प्रति लोगों को अधिक से अधिक जागरुक बनाने के लिए हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। इस साल यह दिन रविवार 

हर साल 4 फरवरी को World Cancer Day मनाया जा रहा है। इसके पीछे का उद्देश्य, लोगों में इस जानलेवा बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाना है। इस दिन कैंसर के बारे में जानकारी और इसके लक्षणों की पहचान कर, जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना और इससे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जानकारी देने की कोशिश की जाती है। अगर इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में लोगों को पता होंगी, इसकी रोक-थाम करने में काफी मदद मिल सकती है।

हर साल वर्ल्ड कैंसर डे की एक थीम चुनी जाती है। इस साल की थीम है( क्लोज द केयर गैप) एवरीवन डिजर्व्स एक्सेस टू कैंसर केयर, इस थीम की मदद से कैंसर के सभी मरीजों को आसानी से इलाज करवाने का मौका मिल सके इस बात पर जोर दिया गया है। पिछड़े देशों और आर्थिक रुप से कमजोर मरीज अक्सर कैंसर का इलाज बेहतर तरीके से नहीं करवा पाते हैं। इसलिए इस गैप को दूर करने के लिए इस थीम को चुना गया है। इसकी सब-थीम है। (टूगेदर वी चैलेंज दोज इन पावर) इस सब-थीम की मदद से लीडर्स को कैंसर को खत्म करने के लिए संसाधनों की पूर्ति करवाने की जवाबदेही पर जोर दिया गया है।

वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास काफी पुराना नहीं है। साल 1999 में, वर्ल्ड सम्मिट एगेन्स्ट कैंसर, पेरिस, में इस दिन को मनाने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके बाद साल 2000 में 4 फरवरी को पहली बार वर्ल्ड कैंसर डे मनाया गया था। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य कैंसर के खिलाफ विश्व के सभी देशों का एक साथ मिलकर युद्ध करना और इस जानलेवा बीमारी को खत्म करने में अपना पूरा संयोग देना। इस बीमारी से जुड़े शोध और देखभाल को बढ़ावा देना, इस दिवस को मनाने के मुख्य उद्देश्य है।आइये हम सब कैंसर के खिलाफ समाज को जागरूक करें।

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