विश्व हिन्दी दिवस क्यों मनाते हैं?World Hindi diwas

 


10 जनवरी को विश्व हिन्दी  दिवस मनाया जाता है।जबकि 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस मनाया जाता है।हिन्दी विश्व मे सर्वाधिक बोली जाने वाली 5 भाषाओं मे से एक है।भारत कई राज भाषाओं और लिपियों से समृद्ध देश है।यहाँ कई भाषायें बोली जाती हैं। भारत मे आधे से ज्यादा प्रदेशों मे हिन्दी बोली जाती है।भारत मे हिन्दी अधिकतर लोगों की मातृ भाषा है।और यह समाज देश को जोड़ती है। हिन्दी भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है।

 यह देशभक्ति,संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक है।यह हमारे सविंधान की आधिकारिक भाषा है।हिन्दी भाषा भारत के साथ-साथ विदेशों में बसे भारतीयों को भी अपनी एक अलग पहचान दिलाती है।हिंदी को खास दर्जा दिलाने के लिए हर साल 10 जनवरी के दिन विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। 

भारत एक ऐसा देश है, जहां बातचीत के लिए कई तरह की भाषाओं का प्रयोग किया जाता है, लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है जो ज्यादातर भारतीयों को एक डोर में जोड़े रखती है।अब इसके विश्व स्तर पर बडे़ पैमाने पर प्रचार -प्रसार की जरुरत है।आज के समय में भले ही ज्यादातर लोगों का झुकाव अंग्रेजी की तरफ हो गया है। परन्तु वर्तमान समय में भी भारत में राजभाषा और आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी भाषा को ही पहचाना जाता है। विदेशों में भी हिंदी को खास दर्जा दिलाने के लिए हर साल 10 जनवरी के दिन विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हर किसी के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर 10 जनवरी के दिन ही विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है। 

हिंदी भाषा की बात करें तो  विश्व भर के करोड़ों लोग आज भी  हिंदी बोलते हैं। दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम का एक द्वीप है, जहां पर हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है।

विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार, हिंदी विश्व की 10 शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी बच्चा, बड़ा दिन, अच्छा, सूर्य नमस्कार जैसे शब्द जोड़े गए हैं। इसी कसे  ये साबित होता है कि हिंदी भाषा अब विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। विदेश में रहने वाले लोगों को भी अब हिंदी का महत्व पता लग रहा है।

 इसका इतिहास

 हिंदी दिवस के इतिहास की,बात करें तो  विश्व में पहला हिंदी दिवस 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था। इस महासम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य था।विश्व-भर में हिंदी का प्रचार-प्रसार करना । नागपुर में हिंदी दिवस के आयोजन के बाद सबसे पहले यूरोपीय देश नार्वे के भारतीय दूतावास ने पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया था।भारत के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने साल 2006 को घोषणा की कि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाएगा। तब से हम विश्व हिंदी दिवस बेहद धूमधाम से मनाते हैं।विश्व हिन्दी दिवस 

2024  की थीम की बात करें  तो इस साल विश्व हिंदी दिवस सम्मेलन का फोकस है  हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्दिमत्ता तक पर केंद्रित रहेगा। हिन्दी सरल और मधुर और आकृषित करने वाली भाषा है।

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