राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दिवस क्या है?National Disaster Response day
प्राकृतिक आपदा किसी सामुदायिक क्षेत्र में उत्पन्न गम्भीर ब्यवधान प्राकृतिक रूप से होने वाली तीव्र शुरुआत वाली घटना के प्रभाव से जो मौत ,चोट,संपत्ति या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती है।या उसका कारण बनती है।और जिसके लिए महत्वपूर्ण और समन्वित,सामुदायिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।उसे राष्ट्रीय आपदा कहते हैं। भारत का राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दिवस 19 जनवरी को मनाया जाता है। 19 जनवरी 2024-एनडीआरफ देश मे हर संकट और किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में अपना पूरा योगदान देता है।और अन्य देशों में आपदा के समय सहायता प्रदान करने के साथ भारत और विभिन्न देशों के सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। स्वच्छ भारत, स्वच्छ भारत अभियान,स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम बीमारी की रोकथाम एवं मित्र जागरूकता कार्यक्रम बाल कुपोषण, जागरूकता कार्यक्रम में भी एनडीआरएफ सहायता प्रदान करता आ रहा है।एनडीआरएफ को राज्य आपदा प्रतिक्रिया पर एसडीआरएफ के साथ में काम करने और आपदाग्रस्त क्षेत्र के पास उपलब्ध संसाधनों और उपकरणों की जानकारी एकत्र करने हेतु निर्देशित किया जाता है। बचाव कार्य को देखते हुए भारत को जल्दी ही संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय आपदा बचाव का हिसा बनाया जा सकता है। एनडीआरएफ के महानिदेशक भारतीय पुलिस संगठनों से प्रतिनियुक्ति पर आईपीएस अधिकारी होता है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल एनडीआरएफ 16 बटालियन का एक बल होता है।तथा भारत के अर्धसैन्य बलों का प्रतिनिधित्व द्वारा संचालित होता है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल का स्थापना दिवस 2006 से 19 जनवरी को मनाया जाता है।इस दिन बचाव बल का आधिकारिक तौर पर गठन किया गया था।इसीलिए
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल
19 जनवरी को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) अपने स्थापना दिवस को मनाता है। विशेष, बहु-कुशल बचाव बल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल की बटालियनों से बना है। (एसएसबी) और असम राइफल्स।
एनडीआरएफ डूबने, इमारत ढहने, भूस्खलन, विनाशकारी बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी आपदाओं के दौरान बचाव अभियान चलाने के लिए जिम्मेदार प्राथमिक एजेंसी है।
भारत ने 1990 के दशक के उत्तरार्ध और 2000 के दशक की शुरुआत में प्राकृतिक आपदाओं की एक श्रृंखला देखी। इनमें 2004 में हिंद महासागर की सुनामी, 2001 में गुजरात भूकंप और 2005 में मुंबई बाढ़ शामिल हैं। केदारनाथ आपदा ,अन्य बहुत से क्षेत्रों मे प्राकृतिक आपदाओं मे बचाव कार्यों मे इस बल ने अहम भूमिका निभाई है।जबकि भारतीय सशस्त्र बलों को बचाव और पुनर्प्राप्ति अभियानों के लिए तैनात किया गया था, एक समर्पित बचाव अभियान-केंद्रित प्रतिक्रिया बल की आवश्यकता थी।जो एनडीआरएफ के रुप मे आज कार्य कर रही है।