ऊर्जा संरक्षण क्यों जरुरीहै?National Energy Conservation day
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हर साल 14 दिसम्बर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मानव जाति के भविष्य के सामने आने वाले महत्वपूर्ण सम्बधी पहलू जैसे ऊर्जा उत्पादन मे कमी,खपत की बढती मांग। ऊर्जा किसी भी राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पहलू है।यह उद्योगों,कृषि उपकरणों के उत्पादन,प्रकाश ब्यवस्था, खाना पकाने, कमरे गर्म करने कम्प्यूटर,परिवहन,संचार,अत्याधुनिक चिकित्सा,उपकरण ,और अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इस दिवस का आयोजन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE)के द्वारा किया जाता है।इस दिवस का आयोजन ऊर्जा दक्षता और संरक्षण मे भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन जैसे विषय के बारे मे लोगों मे जागरुकता विकसित करना है।इस दिवस पर ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र मे देश की उफलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण को बढावा देने का भी प्रयास किया जाता है। गैर अक्षय ऊर्जा स्रोंतों का ईंधन उपयोग मे 80 प्रतिशत है।और अनुमान है कि ये अगले 40 वर्षों मे समाप्त हो सकते है।हम ऊर्जा की बचत करते हैं।और लग भग 75 प्रतिशत अपनी जरुरतों का कच्चे तेल से आयात करके पूरा करते हैं।किसी भी माध्यम से ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए किये गये उपाय या कार्यवाही करना ऊर्जा संरक्षण है।आज के समय मे ऊर्जा संरक्षण और इसके उपयोग के बारे मे जागरुकता बढाना।सभी लोगों के लिए सुरक्षित और टिकाऊ ऊर्जा की सामर्थ्य सुनिश्चित करना,और कार्बन उत्सर्जन को कम करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।