विश्व सार्वभौमिक हेल्थ कवरेज दिवस क्यो?inter national universal Health Coverage Day

 


12 दिसंबर को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय सार्वभौमिक हेल्थ कवरेज दिवस मनाया जाता है। यह दिवस 2012 से मनाया जा रहा है।सार्वभौमिक हेल्थ कवरेज से तात्पर्य है। हर व्यक्ति के लिए वित्तीय कठिनाई का सामना किये बगैर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बनाना। इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस के रूप मे मनाने का उद्देश्य है कि सारे विश्व में कहीं भी हर व्यक्ति को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए सभी देशों मे मजबूत और लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों को स्थापित करना।और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की आवश्यकता के बारे मे जागरुकता को बढाना है।यहिं यह उल्लेख करना जरूरी है कि सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों के हिस्से के रूप मे सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राप्त करने की कोशिश करने हेतु सहमत हुए हैं।


 विश्व में स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े तथ्य-

 दुनिया की कम से कम आधी आबादी के पास अभी भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी कवरेज नहीं है, लगभग 100 मिलियन लोगों को अभी भी अत्यधिक गरीबी के दुष्चक्र मे धकेला जा रहा है। स्वास्थ्य देखभाल के लिए भुगतान करने के लिए 930 मिलियन से अधिक लोग (दुनिया की लगभग 12% आबादी) अपने घरेलू बजट का कम से कम 10% स्वास्थ्य पर खर्च करते हैं।

 अधिकांश निम्न और मध्यम आय देशों मे हृदय रोग, सांस की बीमारी,मधुमेय या कैंसर से 30 वर्षीय व्यक्ति के 70 वर्ष की आयु से पहले मरने का जोखिम बढ गया है। यह  पुरुषों के लिए 22% और महिलाओं के लिए 15% था। 2017 में अनुमानित 5.4 मिलियन बच्चों की मृत्यु उनके पाँचवे जन्मदिन तक पहुंचने से पहले ही हो गई थी।14 में से 1बच्चे की 5 साल की उम्र तक पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है।


भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े तथ्य-

देश में प्रत्येक 1445 लोगों में केवल एक डाक्टर है।जबकि (WHO ) का मानदंड 1000 लोगों पर एक डॉक्टर है।

 60 प्रतिशत ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में केवल एक चिकित्सक है। जबकि लगभग 5% प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं जहां एक भी चिकित्सक नहीं है 

देश मे नर्स और रोगी अनुपात 1ः483 है। इसका तात्पर्य है कि देश में 20 लाख नर्सों की कमी है।

WHO अध्ययन के मुताबिक भारत के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य श्रमिक पर्याप्त रूप से योग्य नहीं है।

 2018 में भारत का जन स्वास्थ्य खर्च जीडीपी का 1. 28 प्रतिशत था। विश्व बैंक के अनुसार 2017 में विश्व के पाकेट खर्च से बाहर स्वास्थ्य खर्च पर 18.2प्रतिशत जनसंख्या थी।जबकि भारत की जनसंख्या 62.4प्रतिशत थी। जो अपने सामान्य खर्चे से बाहर सेविंग  से करती है।जिसके पास कोई स्वास्थ्य बीमा कवर नहीं होता है। 


क्या है सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज -

स्वास्थ्य कवरेज का मतलब देश के किसी भी भाग में बसे नागरिक की आय के स्तर सामाजिक स्थिति, लिंग, जाति,धर्म के बिना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य वहनीय,उत्तरदायी, गुणवत्तापूर्ण एवं यथोचित स्वास्थ्य सेवाओं के आश्वासन को सुनिश्चित करना है।इसमें रोकथाम उपचार एवं पुनर्वास देखभाल शामिल हैं।एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की निम्न विशेषताएं होती हैं 


1- एक मजबूत कुशल अच्छी तरह से संचालित स्वास्थ्य प्रणाली

2-  स्वास्थ्य सेवाओं के वित्तपोषण के लिए एक कुशल प्रणाली 

3-आवश्यक दवाओं और प्रौद्योगिकियों तक पहुंच

4- अच्छी तरह से प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की पर्याप्त क्षमता 


सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज क्यों चाहिए?

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज से जाति, धर्म,राजनीतिक एवं सामाजिक आर्थिक स्थिति के भेदभाव के बिना शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का आनंद लेना हर मनुष्य का अधिकार है। प्रत्येक मनुष्य को  सभ्य जीवन मानक जैसे स्वास्थ्य एवं परिवार के तंदुरुस्ती,भोजन, वस्त्र, आवास व चिकित्सा देखभाल की प्राप्ति का अधिकार है। इन आकस्मिकताओं जैसे कि बेरोजगारी,बीमारी, दुर्घटना, अपंगता, विधवा या बुढ़ापे की देखभाल आवश्यक है।अच्छा स्वास्थ्य दीर्घकालिक आर्थिक विकास का आधार है। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का दौहरा लाभ प्राप्त करने के परिणाम स्वरुप स्वास्थ्य समुदाय एवं मजबूत अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अनेक देश किस अंगीकार कर रहे हैं।

 सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लाभ-

 1-जनसंख्या के स्वास्थ्य में सुधार।

 2-कुशल उत्तरदायी एवं पारदर्शी स्वास्थ्य प्रणाली

3-  गरीबी में कमी।

4-बृहद उत्पादकता 

5-नौकरियों में बढ़ोतरी

6- वित्तीय सुरक्षा

 7- अधिक से अधिक इक्विटी


सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के मापक-

WHO 4 श्रेणियों में 16 आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करते हुए देशों में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के स्तर और इक्विटी को मापता है।

1- प्रजनन मातृ नवजात और बाल स्वास्थ्य-

 परिवार नियोजन

 प्रसवपूर्व और प्रसव देखभाल

पूर्ण बाल टीकाकरण

 निमोनिया के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं 

2- संक्रामक रोग-

तपेदिक उपचार 

एचआईवी एंटीरेट्रोवाइरल उपचार

हेपेटाइटिस का इलाज 

मलेरिया की रोकथाम

पर्याप्त स्वच्छता

3-गैर संचारी रोग 

बढे हुए रक्तचाप का उपचार और रोकथाम

 बढे हुए रक्त शर्करा के उपचार और रोकथाम

सर्वाइकल कैंसर की जांच 

तंबाकू (गैर )धूम्रपान 


4-सेवा छमता और पहुँच

बुनियादी अस्पताल पहुंच

 स्वास्थ्य कार्यकर्ता घनत्व

 आवश्यक दावाओं तक पहुंच स्वास्थ्य सुरक्षाः अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों का अनुपालन 

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास-

संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों में से एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को भी शामिल किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन( WHO)सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की  दिशा में अपने सहयोगी संगठनों (DFID,GIZ,ILO,UNAIDS,UNDO,UNFPA,UNICEF,USAID,)के जरिये कार्य कर रहा है। इसके द्वारा इस दिशा में उठाये गये मुख्य पहल


1Universzk Health Coverage


2-UHC 2030


3-P4Social Health 

Protection Network


2- भारत की पहल-

 राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन(NHRM)

 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)

जननी सुरक्षा योजना 

मिशन इंद्रधनुष 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (NHP-2017) 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY)

कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESIS)

 केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CJHS)

 आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन(ABNHPM)

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