क्या है गोवा मुक्ति दिवस का इतिहास है? What's the History of Goa Liberation Day?
गोवा का इतिहास- गोवा का इतिहास पुराना रहा है।ईसा पूर्व तीसरी सदी मे यहां पर मौर्य वंश के शासन की स्थापना हुई थी। पहली सदी के शुरुआत मे यहांपर कोल्हापुर के सातवाहन वंश के शासकों का अधिकार स्थापित हुआ था।फिर बादामी के चालुक्य शासकों का शासन हुआ।उन्होंने 580 से 750ई तक राज किया।फिर अनेकानेक शासकों ने गोवा पर राज किया।1352 मे गोवा पर दिल्ली सल्तनत ने कब्जा करने का प्रयास किया जिसे विजयनगर के शासक हरिहर प्रथम ने खदेड़ दिया।अगले 100 सालों तक विजय नगर के शासकों ने गोवा पर राज किया।1469 मे गुलबर्ग के बहामी सुल्तान द्वारा फिर से गोवा फर कब्जा किया।फिर बहामी शासकों के पतन के बादबीजापुर के आदिल शाह का गैवा पर कब्जा हुआ।जिसकी राजधानी गोअ-वेल्हा थी।
वास्कोडिगामा जो एक पुर्तगाली नाविक था।भारत मे गोवा के तट पर 1498मे पहुँचा था।और 12 वर्षों के अन्दर ही गोवा पर अपना कब्जा जमा लिया।1510 से शुरु हुआ पुर्तगाली शासन जिसमे स्थानीय सहयोगी तिमैया की की मदद से पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया।और फिर पुर्तगाली शासन 19 दिसम्बर 1961 मे समाप्त हुआ।अर्थात पुर्तगालियों ने 451 सालों तक गोवा पर शासन किया।1843 मे को पुर्तगालियों ने राजधानी को बदला और उसे पंजिम ले गये।1947 मे भारत के आजाद होने पर पुर्तगाली शासक पुर्तगाल को मुक्त करने के लिए राजी नहीं हुए।17 दिसम्बर1961 को भारतीय सेना ने गोवा पर आक्रमण किया।जिसका नाम था आपरेशन विजययह आपरेशन राजनयिक विफलता के बाद जरुरी हो गया था।18और19 दिसम्बर को भारतीय सेना ने गोवा पर नियंत्रण कर लिया।19 दिसम्बर1961 को पुर्तगाली गवर्नर जनरल एंटोनियो वासालो ई सिल्वा ने भारतीय सेना के सामने आत्म समर्पण कर लिया।और इस प्रकार से गोवा मुक्त हो गया।
भारत मे 19 दिसम्बर को गोवा को आजाद कराने के लिए बहुत आन्दोलन और विद्रोह हुए थे।जैसे कुंकली विद्रोह,पिन्टो विद्रोह,राणे विद्रोह, गोवा कांग्रेस,महिलाओं की भागीदारी,डा राममनोहर लोहिया का योगदान और राष्ट्रीय स्वयंसेवकों का योगदान,आदि का भी योगदान रहा है।19 दिसम्बर को भारतीय सशस्त्र बलों की स्मृति मे गोवा दिवस मनाया जाता है।