16 दिसम्बर को ही विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?Vijay Diwas2024
16 दिसम्बर को भारत विजय दिवस के रूप मे मनाता है। 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध ऐतिहासिक विजय प्राप्त की थी। इस दिन भारतीय सेना की बहादुरी को सलाम किया जाता है।पाकिस्तान के पूर्वी और पश्चिम क्षेत्र में उथल-पुथल मचा हुआ था। पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना और पश्चिमी क्षेत्र की जनता पूर्वी पाकिस्तानी जनता पर कहर ढा रहे थे। 1970 में पाकिस्तान में आम चुनाव का आयोजन हुआ था। और इस चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर्र रहमान की पार्टी आवामी लीग को 313 में से 167 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। इस बहुमत से आवामी लीग की सरकार बनना तय था। परंतु पश्चिमी पाकिस्तान और सेना ने इस चुनाव के परिणाम को मानने से इनकार कर दिया।और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति खान ने शेख मुजिबुर्र रहमान को जेल में डाल दिया इसके साथ ही पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान की सेना ने अत्याचार करना शुरू कर दिया था। और इन अत्याचारों के खिलाफ पूर्वी क्षेत्र के लोगों ने एक मुक्ति वाहनी सेना बनायी जो पूर्वी क्षेत्र की जनता पर हो रहे हमलों के खिलाफ लड़ रही थी। मुक्त वाहिनी को भारतीय सेना ने प्रक्षिशण दिया।
पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान पर अत्याचार को बढाना शुरू कर दिया जबाब मे मुक्ति वाहिनी सेना ने भी गुरिल्ला युद्ध करके जबाब देना शुरु कर दिया। इससे पाकिस्तान के अन्दर खलबली मच गई और पाकिस्तानी सेना ने बौंखला कर 3 दिसम्बर को भारत पर हमला कर दिया। भारत सरकार ने युद्ध की घोषणा कर दी।और पाकिस्तान ने 13 दिनों मे ही घुटने टेक दिये।16 दिसंबर 1971 को नए राष्ट्र का जन्म हुआ जिसका नाम था बांग्लादेश भारत की सेना की मदद से मुक्त वाहनी ने पूरे पूर्वी क्षेत्र को बांग्लादेश को एक आजाद मुल्क के रूप में खड़ा कर दिया। 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान को 13 दिनों के बाद ही युद्ध मे हरा दिया।पाकिस्तान के जनरल ए के नियाजी ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण कर लिया।इसी जीत की यादगार को भारत 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाता है।