भारत मे टेलीविजन का इतिहास और विश्व टेलीविजन दिवसWorld Television Day

 


विश्व टेलीविजन दिवस हर साल 21 नवम्बर को मनाया जाता है। संचार और वैश्वीकरण में टेलीविजन के  महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए इसके महत्व को रेखांकित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा टेलीविजन की जरूरत को महसूस किया गया और आम लोगों की जिंदगी में टेलीविजन के पड़ते प्रभाव को देखते हुए आखिरकार टेलीविजन के आविष्कार के करीब सात दशक बाद टेलीविजन दिवस मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1996 में की थी।तब से हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है।इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है विश्वभर में टेलीविजन के महत्व को बताना। टेलीविजन एक ऐसा माध्यम है।जो लोगों को मनोरंजन, शिक्षा और सूचना प्रदान करता है। लोगों को दुनिया भर से जुड़ने और एक दूसरे के बारे में जानने और संस्कृतियों,रीति- रिवाजों,दुनिया मे हो रही घटनाओं,और मानव सभ्यताओं के विकास में मदद करता है। टेलीविजन अविष्कार को सूचना के क्षेत्र में एक ऐसी क्रांति का आविष्कार माना गया है। जिसे हम घर बैठे ही विश्व मे हो रही घटनाओं को लाइव देख सकते हैं। टेलीविजन दिवस के अवसर पर दुनिया भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में टेलीविजन चर्चा और टेलीविजन के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावों पर विचार-विमर्श शामिल होता है। ग्लोबल टीवी ग्रुप ने साल 2023 के लिए (Accessibility) सभी के लिए टेलीविजन शुलभ हो।थीम चुना है।

भारत मे टेली विजन का इतिहास

 भारत में टेलीविजन के इतिहास की शुरुआत 1959 से हुई।जब भारत के पहले टेलीविजन स्टेशन टेलिविजन इंडिया की स्थापना दिल्ली में की गई थी।यह स्टेशन यूनेस्को की मदद से स्थापित किया गया था। और शुरू में इसका प्रसारण केवल हफ्ते में दो दिन और वह भी केवल एक घंटे के लिए होता था।1965 में टेलिविजन इंडिया का नाम बदलकर दूरदर्शन कर दिया गया। और इसका रोजाना  प्रसारण शुरू होने लगा। दूरदर्शन भारत का पहला सार्वजनिक टेलीविजन था। और यह जल्द ही भारत में सबसे लोकप्रिय टेलीविजन चैनल बन गया। 1970 के दशक में भारत में निजी टेलीविजन चैनलों की शुरुआत हुई।पहला निजी टेलीविजन चैनल इंडिया टीवी की शुरुआत 1989 में हुआ था। इसके बाद कई अन्य निजी टेलीविजन चैनलों की  शुरूआत हुई। आज भारत में कई टेलीविजन चैनल मौजूद हैं। इन चैनलों में समाचार मनोरंजन, खेल, शैक्षिक और धार्मिक कार्यक्रम सहित कई अलग-अलग तरह के कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। 90 के दशक में टेलीविजन शोज भारत के लोगों के लिए सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन चुके थे। इन शोज ने लोगों को मनोरंजन शिक्षा और सूचना प्रदान किया। इन शोज ने लोगों के जीवन को बहुत प्रभावित किया। उस समय के टेलीविजन शोज मे महाभारत रामायण, शक्तिमान, हम पांँच हमारा आंगन,कौन बनेगा करोड़पति,बहुत लोकप्रिय हुए। भारत में टेलीविजन का इतिहास देखें तो यह मास मीडिया टूल के रुप मे बहुत प्रभावकारी और आमूल चूल परिवर्तन करने वाला रहा है।इसने भारत और विदेशों के धार्मिक सांस्कृतिक,शिक्षा,मनोरंजन,और सभ्यताओं को जोड़ने मे बहुत प्रभावशाली रूप से कार्य किया है।

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