उत्तराखण्ड पिथोरागढ के सरमोली गाँव को कैसे मिला देश के पर्यटन गांव का पुरस्कार?Tourism village sarmoli
पर्यटन की दृष्टि से उत्तराखण्ड का कोना -कोना विख्यात है।लेकिन पर्यटकों की सबसे पहली पसंद बना उत्तराखण्ड पिथोरागढ जिले के सरमोली गांँव।यह मुनस्यारी मे है सरमोली गाँव को
27 सितम्बर 2023 को देश के सर्व श्रेष्ठ पर्यटन गाँव का पुरस्कार मिला। मुनस्यारी अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है।केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन और होम स्टे के माध्यम से प्रतियोगिता का आयोजन किया।जिसमे सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से 795 गाँवो के आवेदन मिले।पर्यटन को बढावा देने के लिए गाँव स्तर पर किये गये बेहतर कार्यों पर सरमोली गाँव को श्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप चयनित किया गया। मुनस्यारी के समीप यह गाँव अपनी समृद्ध संस्कृति,और नैसर्गिक सुन्दरता को समेटे हुए है। पर्यावरण संरक्षण के साथ- साथ इस गांव के लोगों ने ग्रामीण पर्यटन को स्वरोजगार
बनाया। इको टूरिज्म और साहसिक पर्यटन के लिए पर्यटक सरमोली गांव आते हैं। यहाँ से हिमालय,नंदा देवी,राजरंभा,पंचाचूँली,नंदादेवी,चोटियों का दृश्य हर किसी को आकृषित करता है।और सरमोली गाँव का होम स्टे पर्यटकों की पहली पसंद है।मल्लिका विर्दी जो दो बार की सरपंच रह चुकी हैं सरमोली गाँव की।कहना है कि मुनस्यारी क्षेत्र मे नैसृगिक और सतत पर्यटन को बढावा देने के लिए कई वर्षों से लोग कार्य कर रहे हैं।इस हेतु समुदाय ने राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए कडी़ मेहनत की है।यह मुनस्यारी उत्तराखण्ड और उन सभी लोगों, खासकर महिलाओं के लिए गर्व की बात है।जिन्होने अपने अधिकारों के साथ ही पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण की दुनिया मे एक विशिष्ट स्थान बनाने के लिए कडी़ मेहनत की। उन्होने जंगल और विशेष रुप से मेसर कुंड को को पुनर्जीवित करने के प्रयास किये।2007मे मेसर वन कौथिग नामक एक लोक प्रिय वन मेले के साथ- साथ हिमालय कला सूत्र नामक एक प्रकृति और संस्कृति उत्सव आयोजित करना शुरु किया।हिमाल कला सूत्र के दौरान पक्षी उत्सव, तितली और कीट उत्सव,पारंपरिक भोजन उत्सव,ढोल दमुवा,नगाडा़ उत्सव, खलिया चैलेन्ज नामक एक नवाचारी उच्च ऊँचाई मैराथन और कई ऐसे कार्यक्रम आयोजित करना शुरु किया। जिससे सरमोली गाँव को देश मे पहचान मिली।आज सरमोली गाँव ग्रामीण क्षेत्रों मे पर्यटन के लिए माँडल बन सकता है।