भारतरत्न एपीजे अब्दुल कलाम और विश्व छात्र दिवस World student Day
भारत के मिसाइल मैन भारत रत्न और भूतपूर्व राष्ट्रपति डा एपी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूभर 1932 को धनुषकोटिगाँव रामेश्वरम तमिलनाडु मे हुआ था।इनके पिताजी मछुवारे का कार्य करते थे।अब्दुल कलाम ने देश के मिसाईल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों को विकसित करने मे प्रमुख भूमिका निभाई।वे 2002 से 2007 तक देश के ग्यारहवें राष्ट्रपति रहे। अब्दुल कलाम ने 1957 मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की इसके बाद1958 मे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ )में शामिल हो गए।
11 साल बाद कलाम ने बेहतर संस्थान का रुख किया और इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो) में शामिल हो गये। वह एसएलवी 3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे। एसएलवी 3 पहला सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल था। जिसे भारत में डिजाइन किया गया था और बनाया गया था।1982 मे फिर से कलाम ने डीआरडीओ मे काम करना शुरू किया।यहाँ उन्होंने मिसाइल तैयार करने का आधार रखा।और कई तरह के सफल मिसाइलें तैयार किये।इस सफलता के कारण उनको भारत में मिसाइल मैन कहा जाने लगा। इन सफल मिसाइलों में से एक था अग्नि जो देश की पहली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल थी।जो 1989 में लॉन्च की गई। अग्नि को एसएलवी 3 के कुछ पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाया गया था। अब्दुल कलाम 1992 से 1997 के बीच देश के रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार की भूमिका में रहे। 2 साल बाद कलाम सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए।और 1999 से 2001 तक कैबिनेट मंत्री का पद संभाला।
कलाम ने 1998 में भारत द्वारा किए गए परमाणु परीक्षणों में प्रमुख भूमिका निभाई थी। जिसने भारत की परमाणु शक्ति मजबूत की। इसलिए उन्हें एक राष्ट्रीय नायक माना जाने लगा। उसी साल कलाम ने देश के लिए अपना विजन तैयार किया। जिसका शीर्षक था टेक्नोलॉजी विजन 2020।इस योजना को एक रोड मैप के रूप में लिया गया। जिसका उद्देश्य था अगले 2 दशक मे देश को अल्प विकसित से विकसित देश में बदलना।इस योजना में जिन उपायों पर भरोसा किया गया उनमें अधिक कृषि उत्पादकता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बढ़ाना था।और आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया जाना था। साल 2002 मे एनडीए ने कलाम को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया।जो भारी मतों से जीते। और 2007 तक भारत की 11वें राष्ट्रपति रहे।
कलाम बतौर एक नागरिक देश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की ओर इस तरह ले जाने के लिए समर्पित रहे कि वह और अधिक विकसित हो सके। उन्होंने कई विश्वविद्यालय में कई व्याख्यान दिए और अनगिनत छात्रों को प्रेरित किया। वह 27 जुलाई 2015 को शिलांग मे भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईटी में लेक्चर देने के दौरान गिर पडे़।और कार्डियक अटैक के कारण उन्हें मृत्यु घोषित किया गया।उनकी मृत्यु पर राष्ट्र ने शोक ब्यक्त किया। उन्होंने एक पूर्ण जीवन जिया और कई लोगों को प्रेरित किया। उनके वैज्ञानिक योगदान के साथ-साथ भारत को एक देश के रूप में आगे बढ़ाने के लिए उनके प्रयास को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। कलाम ने विंग्स आफ फायर के नाम से अपनी आत्मकथा लिखी जो 1999 प्रकाशित हुई एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्र योगदान के लिए की गई सेवा के लिए उन्हें 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। कलाम ने अपना बचपन अभाव में बिताने के बादजूद भी अपना पूरा जीवन देश और मानवता की सेवा में व्यतीत कर दिया। न केवल भारत के लोग बल्कि पूरी दुनिया मिसाइल मैन डॉक्टर कलाम की सादगी, धर्मनिरपेक्षता आदर्श, शांँत व्यक्तित्व और छात्रों और युवाओं के प्रति उनके ब्याख्यान बहुत प्रभावशाली रहे हैं।युवा पीढ़ी को दिए गए उनके प्रेरक संदेश तथा उनके स्वयं के जीवन की कहानी तो देश की आने वाली कई पीढियां को सदैव प्रेरित करने का कार्य करती रहगी। छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए वह अक्सर कहा करते थे कि छात्रों के जीवन का एक तय उद्देश्य होना चाहिए। और इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि वह हर संभव स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करें। छात्रों की तरक्की के लिए उनके द्वारा जीवन पर्यंत किये गये महान कार्यों को देखते हुए सन 2010 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा उनके 79वाँ जन्म दिवस पर उनका जन्म दिवस विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। और तभी से डॉक्टर कलाम की जयंती पर 15 अक्टूबर को प्रतिवर्ष विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।