मानसिक स्वास्थ्य क्यों जरुरी?World Mental Health day

 


विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को विश्वभर मे मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। यह पहली बार 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ की पहल पर मनाया गया था। जो एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है। जिसके सदस्य और संपर्क150 से अधिक देशों मे हैं।इसके प्रमुख प्रभाव पर ध्यान देने के लिए इस वार्षिक जागरूकता कार्यक्रमों को मनाया जाता है। कुछ देशों में जैसे ऑस्ट्रेलिया में यह दिन मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 1994 के प्रथम थीम था। दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थन किया जाता है। जो दुनिया भर में स्वास्थ्य मंत्रालयों और नागरिकों, सामाजिक संगठनों के साथ अपने मजबूत संबंधों का उपयोग करके मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरुकता बढाने का कार्य करता हैं। वर्तमान समय में सभी लोगों के लिए मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना बड़ी जरूरत बन गया है।आज के भाग-दौड़ भरी जिंदगी में युवाओं को इसका खास ख्याल रखना होता है। लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन के शिकार होते जा रहे हैं। लोगों में इन्हीं सब विषयों पर जागरूकता बढ़ाने और मेंटल हेल्थ की अस्मिता को समझाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है।किसी भी मानव के लिए मानसिक स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हमारा मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं होता है। तो हमारा शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। कोविड काल के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर विश्वभर मे असर अधिक देखने को मिला है। वर्तमान जीवन शैली में चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण लोग मानसिक बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं। मानसिक विकास शरीर पर प्रभाव डालने के साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाते हैं। इन्हीं मानसिक विकारों के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत करने के लिए हमें नियमित रूप से व्यायाम सही खान-पान भरपूर नींद और मनोरंजन की आवश्यकता होती है। मानसिक स्वास्थ्य से अभिप्राय वह वह स्थित है जिसमें हम अपने मस्तिष्क में और हमारे आसपास चल रही चीजों के बारे में जागरूक रहते हैं। लेकिन इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं करते हैं।जब इस स्थिति मे मानव होता है।तो वह मानसिक स्वास्थ्य से परेशान महसूस होता है। हर पल को संपूर्णता के साथ और उसकी पूर्ण उपयोगिता करते हुए जीना ही स्वस्थता हैं। इसका अभ्यास करने के लिए अपने पूरे ध्यान को इस समय या वर्तमान पर लगाना होता है। आज के समय में मानसिक विकार में अवसाद दुनिया भर में सबसे बड़ी समस्या है। यह कई सामाजिक समस्याओं जैसे बेरोजगारी, गरीबी, और नशाखोरी,आदि को जन्म देती है। मानसिक रोगों के विभिन्न प्रकारों के तहत अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया चिंता आर्टिज्म डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, नशे की लत कमजोर याददाश्त, भूलने की बीमारी,आदि होते हैं।मानसिक बीमारी को बढाने में सोशल मीडिया का उपयोग और अलगाव या अकेलेपन जैसे कारक भी शामिल है। इसके साथ-साथ पारिवारिक स्थिति जैसे अन्य कारक भी हो  सकते हैं।मानसिक स्वास्थ्य के तीन प्रमुख घटक हैं। संज्ञानात्मक स्वास्थ्य भावनात्मक स्वास्थ्य और  व्यावहारिक स्वास्थ्य इनमें से प्रत्येक घटक एक दूसरे से अंतःक्रिया करते हैं। और इन्हें प्रभावित करते हैं। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए प्रतिवर्ष एक अलग थीम निर्धारित की जाती है। वर्षभर इसी थीम पर आधारित कार्यक्रम सेमिनार और अन्य आयोजन होते हैं। 

2033 की थीम है मेंटल हेल्थ इज यूनिवर्सल ह्यूमन राइट

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