जानिये UPS 2024, OPS,और NPS से कितना अलग है? What is UPS 2024? OPS and NPS
आइये जानते हैं UPS, OPS, NPS तीनों पेंशन योजनाओं को-
पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि मासिक पेंशन के रूप में दी जाती है।पुरानी पेंशन स्कीम में अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की मृत्यु हो जाए तो उनके परिजनों को पेंशन की राशि दी जाती है। इस स्कीम में पेंशन देने के लिए कर्मचारियों के वेतन से किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं होती है। पुरानी पेंशन स्कीम रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों के अंतिम बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत यानी आधी सैलरी की राशि तक पेंशन के रूप में दी जाती है। इस स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता और मेडिकल बिलों की रिबर्समेंट की सुविधा भी दी जाती है इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है।
NPS और OPS में अन्तर
नई पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना में अंतर---
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती की जाती है। जबकि पुरानी पेंशन योजना में वेतन से पेंशन के पैसे की कटौती नहीं की जाती है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) की सुविधा उपलब्ध होती है।जबकि नई(NPS)पेंशन योजना के तहत जीएफ की कोई सुविधा नहीं दी गई है।
पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत कर्मचारियों के पैसों का भुगतान सरकारी राजकोष से किया जाता है। जबकि नई पेंशन योजना पूरी तरह शेयर बाजार पर टिकी है। नई पेंशन योजना मे कर्मचारियों के पैसे को शेयर बाजार में लगाया जाता है जिस पर टैक्स का भी भुगतान करना जरूरी है। वही पुरानी पेंशन योजना में यह प्रावधान नहीं है। पिछले काफी समय से लोग पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। जानकार मानते हैं की पुरानी योजना के मुकाबले नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को काफी कम फायदे मिलते हैं। जिससे उनका भविष्य सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। यही नहीं जब नौकरी पूरी हो जाएगी और जो पैसे मिलेंगे उस पर टैक्स भी देना पड़ता है।
यही सब वजह से कर्मचारी संगठन नई पेंशन योजना (NPS) का विरोध कर रहे हैं।
आरबीआई के शोध पत्र में पुरानी पेंशन योजना पर क्या कहा गया है।वहीं दूसरी ओर सरकार का मत इसके उलट है।आरबीआई के एक शोध पत्र में कहा गया है की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मामले में राजकोषीय बोझ नई पेंशन योजना से 4.5 गुना से अधिक हो सकता है।राज्यों का पुरानी पेंशन योजना पर वापस लौटना पीछे की ओर कदम रखने जैसा है। यह मध्यम से लंबी अवधि तक राज्यों के वित्तीय स्थिति को अस्थिर कर सकता है। गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, एवं हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन को लागू करने का फैसला किया गया है। उनका मानना है कि (ओपीएस) में अल्पकालिक आकर्षण है, वहीं मध्यम से लंबे समय में वह राज्यों के लिए एक चुनौती बन सकता है। पुरानी पेंशन योजना लागू करना सरकार के लिए चुनौती पूर्ण हो सकता है। राज्य 2040 तक OPS पर वापस लौटने से वार्षिक पेंशन खर्चे में शकल घरेलू उत्पाद का केवल 0.1% बचाएंगे। लेकिन 2040 के बाद वार्षिक शकल घरेलू उत्पाद की 0.5% तक पेंशन खर्चे में औसतन अतिरिक्त वृद्धि होगी।
पुरानी पेंशन योजना से सरकार को क्या समस्या है? मुख्य समस्या यह थी की पेंशन की देनदारी अनफंडेड हो रही थी। मतलब आय का कोई जरिया नहीं था। और भुगतान की राशि में लगातार इजाफा होता जा रहा था। भारत सरकार का बजट में हर साल पेंशन के लिए प्रावधान किया जाता है।भविष्य मे साल दर साल इतना भुगतान कैसे किया जाए। इस पर कोई स्पष्ट योजना नहीं थी। एक तरफ पेंशन की देनदारियां बढ़ती जा रही थी। दूसरी ओर हर साल पेंशनरों को दी जाने वाली सुविधाओं में बढ़ोतरी हो रही थी।मतलब महंगाई भत्ता दिए जाने से पेंशन भुगतान की राशि में और भी इजाफा होने लगा था।पिछलेतीन दशक मे केंद्र और राज्यों के लिए पेंशन देनदारियां कई गुना बढ़ गई थी।1990-91 में केंद्र का पेंशन बिल 3272 करोड रुपए था।और सभी राज्यों के लिए कुल ब्यय 3131 करोड रुपए था 2020-21 तक केंद्र का बिल 58 गुना बढ़कर 190886 करोड रुपए हो गया।और राज्यों के लिए 125 गुना बढ़कर 386001करोड़ हो गया। अब समझ लेते हैं नई पेंशन योजना क्या है। सरकार ने नई पेंशन योजना को साल 2004 में शुरू किया था। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को निवेश की मंजूरी मिलती है। जिसके तहत वह अपने पूरे करियर में पेंशन खाते में नियमित तौर पर योगदान करके अपने पैसे के निवेश को अनुमति दे सकते हैं। यही नहीं एनपीएस में जब सरकारी कर्मचारी का रिटायरमेंट हो जाता है तो इसके बाद उसे पेंशन राशि का एक हिस्सा एक मुफ्त निकालने की छूट मिलती है। वहीं बाकी रकम के लिए य एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं। यहां समझलें कि एन्युटी एक तरह का इंश्योरेंस प्रोडक्ट है। जिसमें एक मुफ्त निवेश करना होता है और आप इसे हर महीने, 3 महीने, या साल में भर में निकाल सकते हैं। रिटायर्ड कर्मचारियों की मृत्यु होने तक उसे नियमित आमदनी मिलती है। जबकि अगर उसकी मृत्यु हो जाए तो पूरा पैसा नौमनी को मिल जाता है। पुरानी पेंशन योजना बहाल संयुक्त मंच के अनुसार 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम केवल छलावा साबित हुई है। जो भी कर्मचारी सेवा निवृत हो रहे हैं उनके साथ भारी अन्याय हो रहा है।अब सरकार ने दोनों विकल्प दिये हैं। NPS और UPS दोनों मे से किसी एक को चुनने का विकल्प सरकारी कर्मचारियों को होगा।UPS,1 अप्रैल 2024 से लागू होगा।