राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस National Police Commemoration day
21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख की हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में सशस्त्र चीनी टुकडी़ ने घात लगाकर किये गये हमले में पुलिस के 10 जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। 20 अक्टूबर 1959को उत्तर पूर्वी लद्दाख मे हार्ट स्प्रिंग की जगह पर तीन पुलिस के दलों को तैनात किया गया था। जो भारतीय अभियान को आगे बढ़ाने की तैयारी में थे। यह दल लानक ला के रास्ते में था। इस दिन दो दलों के सदस्य दोपहर को हार्ट स्प्रिंग्स में लौट आए। लेकिन तीसरे दल में दो पुलिस कांस्टेबल और एक कमांडर शामिल थे।वे वापस नहीं आये। सभी पुलिस कांस्टेबल को खोए हुए पुलिस वालों की तलाश में अगली सुबह लगाया गया। इस टीम का नेतृत्व डीएसपी श्री करम सिंह ने किया। दोपहर के समय चीनी सेना के जवानों को एक पहाड़ी पर देखा गया। जिन्होंने श्रीकरम सिंह के नेतृत्व वाले दल पर गोलियां चलाई और ग्रेनेड फेंके। उनके लिए कोई छिपने की जगह नहीं थी। तो ज्यादातर पुलिस वाले घायल हो गए। इस ऑपरेशन में हमारे देश के 10 पुलिस कांस्टेबल शहीद हुए और बाकी सब घायल हो गए। सात घायल कांस्टेबल को चीन की सेना ने बंदी बना लिया था। पूरे तीन सप्ताह के बाद 13 नवंबर 1959 को चीनियों द्वारा केवल 10 पुलिस कर्मियों के शव लौटाये गये।इन शवों का हाट स्प्रिंग की जगह पूरे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों के वार्षिक सम्मेलन में यह फैसला लिया गया कि अब से 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इन शहीदों एवं ड्यूटी के दौरान मारे गए अन्य सभी पुलिसकर्मियों की स्मृति में 21अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। पुलिसकर्मियों द्वारा दिए गए बलिदान तथा राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता को बनाये रखने मे पुलिस की उत्कृष्ट भूमिका का सम्मान करते हुए 2018 मे इस अवसर पर चाणक्यपुरी नई दिल्ली मे स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश समर्पित किया गया।
यह स्मारक पुलिस बलों में राष्ट्रीय पहचान,एकरूपता एक समान इतिहास और भविष्य के लिए देश भावना भरने के साथ-साथ उनकी इस प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।कि उन्हें अपने प्राणों की कीमत पर भी देश की रक्षा करनी है। पुलिस स्मारक में एक केंद्रीय शिल्पकृति के अलावा शौर्य की दीवार तथा एक संग्रहालय भी मौजूद है। केन्द्रीय शिल्पकृति के रूप में मौजूद एक30 फुट ऊँचा ग्रेनाइट का एकल पाषाण खंड पुलिसकर्मियों की शक्ति विनम्रता, और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है।शौर्य की दीवार जिस पर शहीदों के नाम उत्कीर्ण हैं।कर्तव्य के पथ पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले पुलिसकर्मियों की बहादुरी और बलिदान के रुप मे अचल प्रतीक के रुप मे स्थित है।
यहाँ मौजूद संग्रहालय की संकल्पना में भारतीय पुलिस व्यवस्था के इतिहास और विकास यात्रा के दर्शन होते हैं। यह स्थान पुलिस बल और आम नागरिकों दोनों के मन में एक तीर्थ जैसा आदर रखता है। यह स्मारक आम जनता के लिए सप्ताह भर खुला रहता है।प्रत्येक शनिवार और रविवार को सूर्यास्त के एक घंटा पूर्व यहाँ बैण्ड परेड और रिट्रीट समारोह का आयोजन भी किया जाता है।21अक्टूबर को देश भर मे शहीद पुलिस कर्मियों को श्रृन्द्धांजलि अर्पित की जाती है।