विश्व शान्ति दिवस World Peace day2023
आज के भागम भाग जिंदगी और तरक्की की दौड़ में आगे बढ़ती दुनिया और गला काट प्रतिस्पर्धा के बीच दुनिया भर में अशांति और युद्ध का माहौल बना रहता है। बिगत लम्बे समय से जैसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। विश्व के बाजार इस युद्ध से अछूते नहीं है।
पूरे विश्व में शांँति का माहौल को प्रोत्साहित करने के लिए 21 सितंबर को विश्व भर में अंर्तराष्ट्रीय शांँति दिवस मनाया जाता है।भारत की संस्कृति तो बसुधैव कुटुम्बकम की रही है। अर्थात भारत ऐसा देश है जो पूरे विश्व को अपना कुटुम्ब(परिवार) मानता है।विश्व शान्ति पृथ्वी पर सभी लोगों और राष्ट्रों के भीतर और उनके बीच शान्ति की आदर्श स्थिति की अवधारणा है। यह दिवस आपसी भाईचारा तथा सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य सहित संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से इस दिवस को मनाया जाता है। सर्वप्रथम इस दिवस को मनाने की घोषणा 1981 की गयी। यह 1981 से सितंबर के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था। लेकिन 2001 मे संयुक्त महाराष्ट्र संघ ने सर्व सम्मति से इस दिन को अहिंसा और संघर्ष विराम की अवधि के रूप मे नामित करने के लिए मतदान किया।यह दिवस संयुक्त राष्ट्र ने 21 सितंबर को निर्धारित कर दिया। तब से यह दिवस 21 सितंबर को मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में युद्ध में मारे गए लोगों की स्मृति में एक घंटी बजाई जाती है। जो सभी महाद्वीपों के बच्चों द्वारा दान दिए गए सिक्कों से बनाई गई है। इस सिक्के के एक तरफ लिखा है कि दुनिया भर में लंबे समय तक शांँति बने रहे। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य विश्व में युद्धविराम और शान्ति का वातावरण कायम करना है। सयुंक्त राष्ट्र संघ हर वर्ष विश्व।शान्ति दिवस पर नयी थीम रखता है।2023 की थीम है।'' शान्ति के लिए कार्य वैश्विक लक्ष्यों के लिए हमारी महत्वाकांक्षा ''आपसी विश्वास,समावेशिता, राष्ट्रों के भीतर सामन्जस्य,समरसता के साथ जीना। इस हेतु संयुक्त राष्ट्र ने विश्वभर मे शांँति का संदेश पहुंचाने के लिए कला, खेल, साहित्य, सिनेमा, संगीत जगत, की प्रसिद्ध हस्तियों को शांँति दूत के रूप में नियुक्त कर रखा है। जो अपने-अपने तरीके से इस दिन कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।आइए हम सब "वसुधैव कुटुम्बकम" की भावना को प्राप्त करने का प्रण करें।