विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य क्या है?World Environmental Health day
विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का अर्थ है कि हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के स्वास्थ्य अर्थात पर्यावरण का स्वच्छ और स्वस्थ रहना भी बहुत जरुरी है। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस हर साल 26 सितंबर को विश्व भर में मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 2011 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ इन्वायरमेंट हेल्थ द्वारा की गई थी। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का हर वर्ष कोई ना कोई थीम होता है। 2022 में इसका थीम था। सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति। 2023 वैश्विक पर्यावरणीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Global Environmental,public health) की थीम है।विश्व स्तर पर स्वास्थ्य लक्ष्य और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना।
स्वास्थ्य पर्यावरण से किसी भी प्राकृतिक विशेष क्षेत्र की पर्यावरण स्थित पर्यावरण स्वास्थ्य के कुछ मुख्य आकृषण हैं। प्रदूषण स्तर, सार्वभौमिक विविधता,पीने के पानी की शुद्धता,और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित है। पर्यावरण स्वास्थ्य के तीन सबसे महत्वपूर्ण लक्षण हैं।
भौतिकपर्यावरण-उच्चावच,संरचना,जलवायु,मिट्टी,वनस्पति, तथा जीवजन्तु सम्मिलित हैं।
जैविक पर्यावरण-हमारे चारों ओर भौतिक वातावरण के सजीव घटक,और उनकी प्रक्रियायें सम्मिलित हैं। सभी पेड़-पौधे,पशु -पक्षियों और उनके बीच तथा भौतिक पर्यावरण मे होने वाली प्रक्रियायें जैविक पर्यावरण मे सम्मिलित हैं।
सांस्कृतिकपर्यावरण-
सांस्कृतिक पर्यावरण मे धर्म,नैतिकता,प्रथायें,लोकाचारकानून,व्यवहार प्रतिमान,समस्त भौतिक और अभौतिक,वस्तुवें जैसे रेल,मकान,सड़क,गाडी़ जहाज आदि,जिसे मनुष्य अपने अनुभवों,एवं सामाजिक सम्पर्क के कारण सीखता है।और उनके अनुरुप अपने को ढालने का प्रयास करता है। अर्थात मानव तथा प्राकृतिक पर्यावरण के पारस्परिक सम्बधों द्वारा ही सांस्कृतिक पर्यावरण का निर्माण होता है।
रासायनिकों का प्रयोग किसी भी क्षेत्र में स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। स्वास्थ्य के मुख्य इस प्रकार है। प्रदूषण स्तर की विविधता, पीने के पानी की शुद्धता, स्वतंत्रता की स्थिति कृषि उत्पादन,जीवाश्म ईंधन, शहरीकरण परिवहन
शहरी परिवहन,-जैसे सड़कों का चौड़ीकरण या राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति या मेट्रो रेल परियोजनाओं को इस ढंग से तैयार करना जिससे कि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो। रासायनिक उर्वरकों का बढ़ता प्रयोग,और कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन,पर्यावरण प्रदूषण की समस्या, प्रदूषण जीवन के लिए कितना हानिकारक और क्रियाशील है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अगर पानी का (TDS) 100 से 250 बीपीएम पार्ट्स प्रति मिलियन है।तो यह पानी पीने के लिए शुद्ध है। इससे कम या ज्यादा टीडीएस वाले पानी को नहीं पीना चाहिए। इन तत्वों का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता और मलमूत्र निपटान की स्वच्छता से है।इसका मतलब यह है की प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन 20से 40 लीटर पानी घर से उचित दूरी पर उपलब्ध होना आवश्यक है।
पर्यावरण स्वच्छता मे कृषि उत्पादन का अर्थ है फसल उत्पादन,उचित रूप से पशुपालन, विज्ञान और तकनीक का प्रयोग इन क्षेत्रों मे कृषि के माध्यम से खाद्यान्न तो उपलब्ध होता ही है। साथ ही अनेक प्रमुख उद्योगों के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध होता है।
जीवाश्म ईंधन- एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जलकर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल डीजल आदि के रूप में है।इन सबका उपभोग उचित और पर्यावरण को संरक्षित करके करना होगा।यही पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस की सार्थकता होगी।