सिन्धु नदी समझौता क्या है? Sindhu Rivrer
सिन्धु नदी एशिया की सबसे लम्बी नदी है।यह पाकिस्तान,भारत के जम्मू-कश्मीरऔर चीन के पश्चिमी तिब्बत से होकर बहती है।सिन्धु नदी मे बाढ 1956,1973,1976,1992,1994,2010,2015,2022 मे आयी।पाकिस्तान हर हमेशा भ्रष्टाचार,कुप्रबन्धनऔर खराब पर्यावरणीय आपदाओं के कारण पानी मे डूब जाता है।नदियों के जल के वितरण के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच एक सन्धि हुई। जिसका नाम है सिन्धु जल सन्धि है।इस सन्धि पर 19 सितम्बर 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधान मन्त्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूबखान ने हस्ताक्षर किये थे। उस समय विश्व बैंक ने विकास और निर्माण कार्यों हेतु मध्यस्तता की थी। सिन्धु नदी की कुल लम्बाई 3180 किमी है।सिन्धु नदी प्रणाली मे 6 नदियों के जल को भारत और पाकिस्तान के बीच साझा किया गया हैं।जिनमे पूर्वी नदियों ब्यास,रावी और सतलुज का नियन्त्रण भारत को तथा पश्चिमी नदियों सिन्धु,चिनाब और झेलम का नियन्त्रण पाकिस्तान को दिया है। सिन्धु जल संन्धि के अनुसार भारत के पास इन बहती हुई नदियों के पानी से बिजली बनाने का अधिकार है लेकिन पानी को रोकने और नदियों की धारा बदलने का अधिकार नहीं है।साथ ही बाढ सुरक्षा,या बाढ नियन्त्रण मे किसी भी योजना को क्रियान्वित करने मे प्रत्येक देश एक दूसरे को बचायेगा।और एक दूसरे को कोई क्षति नहीं पहुँचायेगा। भारत इस प्रणाली से 20 प्रतिशत पानी का उपयोग कर सकता है।रावी नदी भारत ओर पाकिस्तान को अलग करती है।यह हिमांचल प्रदेश मे हिमालय से निकलती है।तथा पाकिस्तान की सिन्धु नदी से होते हुए अरब सागर मे गिरती है।