भारत की नई शिक्षा नीति क्या है?NEP2020
भारत की नई शिक्षा नीति 2020 में काफी बदलाव हुआ है।पहले यह मानव विकास संसाधन मंत्रालय के अन्तर्गतआता था।अब नई शिक्षा नीति के लागू होने पर इसका नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय हो गया है।यह नीति उच्चशिक्षा को अपनी भाषा मे पढने की स्वतन्त्रता देने के साथ ही बच्चों को कला और खेल- कूद के क्षेत्र मे बढावा देती है।नई शिक्षा नीति केअन्तर्गत कई महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं।जिसमे 2030 तक सकल नामांकनअनुपात को 100 प्रतिशत तक लाना शामिल है। शिक्षा के क्षेत्र मे केन्द्र व राज्य सरकार की मदद से जी डी पी का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर ब्यय करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
नई शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत शैक्षणिक संरचना को 5 + 3 + 3 + 4 मे डिजाइन किया गया है। जबकि पुरानी शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम 10+2 के अनुसार चलता था।
इस नीति मे बच्चों को 3-8,8-11,11-14 और14-18 उम्र के अनुसार 4 अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया गया है।
पहले हिस्से में प्राइमरी से दूसरी कक्षा (5साल)
दूसरे हिस्से में तीसरे से पांचवी कक्षा(3साल )
तीसरे हिस्से में छठी से आठवीं कक्षा(3साल) और चौथे हिस्से मे नौंवी से12वीं कक्षा (4साल)को अलग-अलग हिस्सों मे शामिल किया गया है।
नई शिक्षा नीति 2020 के नियम और प्रमुख बिंदु
1- फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत पहले 3 वर्ष बच्चों को आंगनबाड़ी में प्री स्कूलिंग शिक्षा लेनी होगी।
इसके बाद बच्चे अगले 2 वर्ष कक्षा 1 एवं 2 स्कूल मे पढेंगे। इसमें कक्षा 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों को कवर किया जाएगा। उनके लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। और 5 वर्ष में उनका पहला चरण समाप्त हो जाएगा।
2-प्रिप्रेटरी स्टेज -प्रिप्रेटरी स्टेज में कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई होगी। इसमें 8 से 11 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा। यह चरण 3 वर्ष में पूरा हो जायेगा। इस स्टेज में बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि विषयों की पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा।
3-मिडिल स्टेज- मिडिल स्टेज में कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई होगी।इसमें कक्षा 11 से 14 तक की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा। यह चरण 3 वर्ष में पूरा हो जाएगा। इस स्टेज में बच्चों के लिए खास कौशल विकास कोर्स भी शुरू किये जाएंगे।
4-सेकेंडरी स्टेज- सेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होगी जो कि इसमें 14 से 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा। यह चरण 4 वर्ष में पूरा होगा। इस स्टेज में बच्चों को अपने विषयों को चयन करने की आजादी होगी।
नई शिक्षा नीति 2020 की विशेषताएं- नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक के छात्रों को मातृभाषा स्थानीय भाषा और राष्ट्रभाषा में ही अध्ययन करवाया जाएगा।
भाषा के चुनाव के लिए छात्रों पर कोई बाध्यता नहीं होगी। उनके लिए संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं को पढ़ने के विकल्प भी मौजूद रहेंगे।
कक्षा 10 बोर्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। अब छात्र को सिर्फ 12वीं की परीक्षा देनी होगी।
ग्रेजुएशन की डिग्री 3 और 4 वर्ष की होगी ।
एक वर्ष पढ़ाई करने के बाद यदि छात्र पढ़ाई छोड़ता है। और फिर दोबारा अपनी पढ़ाई जारी करने का मन बनाता है तो वह अपनी पढ़ाई वहीं से प्रारंभ कर सकता है। जहां से उसने अपनी पढ़ाई को छोड़ा था।
छात्र को कॉलेज के पहले वर्ष की पढ़ाई पूरी होने पर सर्टिफिकेट दूसरे वर्ष पर डिप्लोमा तीसरे और चौथे वर्ष में डिग्री दी जाएगी। 3 वर्ष की डिग्री उन छात्रों के लिए होगी जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। जबकि हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4साल की डिग्री लेनी होगी। 4 वर्ष की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स एक वर्ष में एम ए कर पाएंगे।
एम फिल की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।
एम ए के छात्र सीधे ही पीएचडी कर पाएंगे।
यदि कोई अपने कोर्स के बीच में से किसी दूसरे कोर्स में शामिल होना चाहता है तो वह सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर अपना कोर्स बदल सकता है।
स्कूली बच्चों को खेलकूद, योग, नृत्य,मार्शल आर्ट, जल एवं पर्यावरण,बागवानी, सहित अन्य शारीरिक गतिविधियों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।ताकि बच्चा भविष्य मे अपने रुचि के अनुसार भविष्य मे अपना ब्यवसाय चुन सके।