हिन्दी विश्व मे लोकप्रिय क्यों? Hindi diwas

 


हिन्दी भाषा आज विश्व मे बोली जाने वाली 3 प्रमुख भाषाओं मे से एक है। हिन्दी शब्द की उत्पति सिन्धु से जुडी़ है।सिन्धु सिंध नदी को कहते हैं।सिन्धु नदी के आस -पास का क्षेत्र सिन्धु प्रदेश कहलाता है।संस्कृत शब्द सिन्धु ईरानियों के सम्पर्क मे आकर हिन्दू या हिन्द हो गया।14 सितंबर 1946 को संविधान सभा ने  देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत के आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया था। 
पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। तब से हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व के साथ भारत की भाषयी  विविधता को बढ़ावा देनेऔर प्रचार -प्रसार के लिए मनाया जाता है। साल 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने एक बार एक मत होकर हिंदी को भारत के राजभाषा के तौर पर स्वीकार किया था। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के बाद यह तय किया गया था कि इसे हर क्षेत्र में प्रसारित किया जाएगा। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर हिंदी को वर्ष 1953 से पूरे भारत में लागू किया गया। 
जिसके बाद से ही 14 सितंबर को हर वर्ष हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हिंदी दिवस के अलावा 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन के वर्षगांठ मनाने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देना था। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों कॉलेजों और अन्य संस्थाओं में हिंदी दिवसको  बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। 
हिंदी दिवस के मौके पर स्कूलों और कॉलेजों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसमें छात्र हिंदी भाषा में भाषण तैयार करते हैं जबकि कुछ छात्र इस अवसर के लिए निबंध, कविताएं, कहानियां, सुनाते हैं कई संस्थाएं हिंदी दिवस मनाने के लिए सांस्कृतिक उत्सव और गतिविधियां आयोजित करती हैं। राजभाषा कीर्ति पुरस्कार, राजभाषा गौरव पुरस्कार,जैसे पुरस्कार मंत्रालयों में विभागों में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों और नागरिकों  को हिंदी भाषा में उनके योगदान के लिए प्रदान किये जाते है। 
हिंदी पूरे विश्व में लगभग 80 करोड लोग बोलते हैं। और यह विश्व की तीसरी सबसे प्रसिद्ध भाषा है। पहले स्थान पर अंग्रेजी दूसरे पर चीनी भाषा और तीसरे पर हिंदी भाषा का स्थान है।जिसको विश्व में सबसे अधिक लोग बोलते हैं। 
हिंदी जानने समझने और बोलने वालों की बढ़ती संख्या के चलते आज विश्व भर की वेबसाइट हिंदी को भी तवज्जो दे रही है। ईमेल, ई कॉमर्स,फेस बुक, इंटरनेट, एसएमएस, एवं वेब जगत में हिंदी को बड़ी सहजता से पाया जा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, ईवीएम,यूटूब,ब्लागर,इन्स्टाग्राम जैसी कंपनियां अत्यंत व्यापक बाजार और भारी मुनाफे को देखते हुए हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। अमेरिका में 32 विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थानों में हिंदी पढ़ाई जाती हैं।ब्रिटेन के लंदन यूनिवर्सिटी कैंब्रिज और अन्य यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ाई जाती है। जर्मनी के 15 शिक्षण संस्थानो में हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन को अपनाया है। कई संगठन हिंदी का प्रचार करते हैं। चीन में 1942 से हिंदी अध्ययन शुरू हुआ 1957 में हिंदी रचनाओं का चिन्ह में अनुवाद कार्य आरंभ हो गया था।भारत के बाहर हिंदी जिन देशों में बोली जाती है। उनमें पाकिस्तान भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्री लंका, मालदीव्स, म्यांमार, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड,चीन, जापान,ब्रिटेन जर्मनी, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका,मॉरीशस, युगांडा, और त्रिनाथ एवं तबेको, कनाडा, आदि देश है। जिनमें हिंदी बोली जाती है। शुरुआत में हिंदी का प्रचलन उत्तर प्रदेश में था उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हिंदी बोली जाती है और शुद्ध हिंदी बोली जाती है। आज के समय मे भारत मे  अंग्रेजी के बढ़ते प्रचार प्रसार को रोकने के लिए हिंदी का प्रचार प्रसार करना बहुत जरूरी हो गया है।क्योंकि हिन्दी हमारी राजभाषा और राष्ट्रभाषाओं का बचाव होना बहुत जरुरी है। आज हिन्दी भाषा जिस ढंग मे विश्व मे बढ रही है।और भारत मे भी इसके  संरक्षण करना उसका प्रचार प्रसार करना हम सब की जिम्मेदारी है।

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