हिमालय कितना उपयोगी और इसका संरक्षण क्यों?Himalay
हिमालय पारिस्थितिकी तन्त्र और जन जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। भारत को मध्य एशिया की ठंडी और सूखी हवाओं से बचाता है।जहां एक तरफ वह हिमखण्डों को जन्म देता है। वहीं जन जीवन और पर्यावरण के लिए जल स्रोत का कार्य करता है।हिमालय देश को सुरक्षा प्रदान करता है।इससे जुडे़ देशों के लिए सीमा और शत्रुओं के लिए बाधा बनने का कार्य करता है।हिमालय के हिमखण्डों से निकलने वाली बडी़ नदियाँ ब्रह्मपुत्र,सिन्धु गंगा,(अलकनंदा,भागीरथी,भिंलगना)पारिस्थितिकी तन्त्र और मानव विकास मे अहम भूमिका निभाती हैं।हिंद महासागर के बारिश से भारी तूफानों और मानसूनी हवाओं को उत्तरी देशों तक पहुंचने से रोकता है। और उत्तरी भारत में भारी बारिश का कारण बनता है। यदि हिमालय न होता तो भारत का अधिकांश हिसा रेगिस्तान की तरह बंजर होता। हिमालय से निकलने वाली नदियों मे सूखे मौसम के दौरान भी हिमखण्डों से ही पानी प्रदान होता है।और यह बारहमासी नदियां हैं। हिमालय पर कई प्रकार की जडी़ बूटियांँ हैं।जिनका वर्णन अथर्वेद और आयुर्वेद के जडी़-बूटियों के ग्रंथो मे मिलता है। सोमवल्ली,संजीवनी बूटी,अरुंधती,ब्रह्मकमल, जिन सेंग,जैसी जडी़ बूटिंया हिमालय के विशेष क्षेत्र मे पायी जाती हैं।
हिमालय से सटे देश भारत,नेपाल,भूटान,म्याँमार,चीन,पाकिस्तान,अफगानिस्तान,हैं। जिन सबके सरोकार हिमालय से जुडे़ हैं।भारतीय चिकित्सा पद्धति तो आदिकाल से ही जडी़ बूटियों के महत्व पर निर्भर है।यही नहीं हिमालय के ढलानों में घने जंगल है। इन जंगलों में कई प्रकार के पेड़ पौधे वनस्पतियां होती हैं। यह जंगल लकड़ी के एक स्टोर हाउस है।ये वन बहुत प्रकार के जंगली जानवरों और पक्षियों को आश्रय प्रदान करते हैं। हिमालय पर्वत की तीन समान्तर श्रेणियाँ हैं।हिमाद्री(बृह्द हिमालय या आंतरिक हिमालय)हिमाचल(लघुहिमालय)शिवालिक (बाहरी हिमालय)उत्तर भारत के सभी सुंदर पहाड़ी स्टेशन जैसे श्रीनगर, पहलगाम,गुलमर्ग शिमला, कुल्लू मनाली, धर्मशाला, देहरादून,पौडी़ मसूरी,लैन्सडौन, नैनीताल,पिथौरागढ हिमालय में स्थित है। हजारों आगंतुक इन पहाड़ी स्टेशनों पर आते हैं। इन पहाड़ों को अपने ऊंँचे चोटियों और गहरी घाटियों से पार करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए हिमालय ने कई आक्रमणकारियों को आसानी से हमारे देश पर हमला करने से रोका है।इस प्रकार हमारे उत्तरी सीमा के सन्तरी के रूप में हिमालय की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। हिमालय की मुख्य चोटिया एवरेस्ट नागा पर्वत,गॉडविन ऑस्टिन निलगिरी, कंचनजंगा,त्रिशूल,चौखम्भा,आदि है।हिमालय की श्रृखलायें 2400किमी से भी अधिक फैली हैं। हिमालय भारत का मुकुट,आन बान और शान है।हिमालय पारिस्थितिकी तन्त्र,जन जीवन,और मानव विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।अतःहिमालय के संरक्षण और सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सबकी है।