FLN क्या है? एवं इसके उद्देश्य क्या हैं? What is FLN and what are its objectives?

 


FLN (foundational Literacy and Numeracy ) बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान एफ एल एन कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New education policy 2020) का एक घटक है। इसे निपुण भारत मिशन के अंतर्गत चलाया जा रहा है। एफ एल एन का उद्देश्य 3 वर्ष से 9 वर्ष तक आयु वर्ग के लगभग सभी बच्चों का समग्र विकास करना है।   यह एक महत्वपूर्ण कोर्स है जो बच्चों को उच्च कक्षाओं में सार्थक रूप से किसी भी चीज को सीखने के लिए तज्ञ कर सकेगा। मिशन के तहत 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान से जुड़ी आवश्यकता को पूर्ण किया जाएगा। 

विकास की दृष्टिकोण से प्रत्येक बच्चे के लिए प्रारंभ के वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं।क्योंकि इसी आयु में उनका विकास तीव्र गति से होता है। बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष की आयु से पूर्व ही हो जाता है।बच्चों के शिक्षा की प्रारंभिक वर्ष में भाषा और गणित कौशल (संख्याज्ञान)का निर्माण करने और दिशा निर्देश प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने मिशन FLN प्रारंभ किया है। इस मिशन की अंतर्गत सरकार का लक्ष्य है कि 2026- 27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने लिखने एवं अंक गणित को सीखने की क्षमता का विकास करना है।और इसके लिए सरकारी व गैर सरकारी विद्यार्थियों के छात्रों के शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। FLN को बुनियादी साक्षरता में मौखिक भाषा पठन और लेखन के कौशल शामिल है।FLN के विकासात्मक लक्ष्य मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान इसमें वार्तालाप, कौशल विकास, सुनना, समझना, और मौखिक शब्दावली का विकास करना शामिल है।मौखिक भाषा के अनुभव पढ़ने और लिखने के कौशल विकसित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

FLN के तीन लक्षण खेल, खोज, और गतिविधि आधारित शिक्षा शास्त्र को शामिल करके बच्चों को पढाना बच्चों को दैनिक जीवन की गतिविधियों से जोड़कर पढाना।बच्चों की घरेलू भाषाओं को औपचारिक रूप से शामिल करके एक समावेशी कक्षा का वातावरण सुनिश्चित करना है।


भाषा विकास--- भाषा विकास एक ऐसी प्रक्रिया है।जो मानव जीवन मे बहुत पहले आरम्भ हो जाती है।नवजात बच्चा बिना भाषा के जन्म लेता है।किन्तु 10 माह मे ही बोली गयी  बातों को अन्य ध्वनियों से अलग करने मे सक्षम हो जाता है। भाषा का विकास ध्वनियों और इशारों से शुरु होता है।और फिर शब्दों और वाक्यों से बच्चों के साथ बहुत प्रकार की बातें करके। और जब बच्चा संवाद करके प्रतिक्रिया देने लगता है।तो उसका भाषा विकास आरम्भ होने लगता है।फिर मौखिक कहानी सुनाना,फिर प्रश्नोत्तरी करना।किताबें पढाना,भाषा विकास मे बहुत मदद करता है।भाषा विकास के क्रम

1-सुनना 2-बोलना 3-पढना 4-लिखना 

इस आधार पर भाषा विकास ठीक प्रकार से आगे बढता है।

भाषा के प्रकार-

1-मौखिक(कथित) भाषा 

2-लिखित भाषा

3-सांकेतिक भाषा

भाषा के घटक-

1-स्वर विज्ञान

2-आकृति विज्ञान

3-वाक्य विन्यास

4-वाक्य विन्यास शब्दार्थ

5-ब्यावहारिकता

भाषा का मुख्य उद्देश्य है।विचारों को ब्यक्त करना।


संख्याज्ञान--

बुनियादी संख्याज्ञान मे संख्याबोध,आकार,और स्थानिक संबध,नाप,डेटा,संधारण आदि। सर्वे के अनुसार 5 करोड़ से अधिक बच्चों मे बुनियादी साक्षरता एवं गणितीय समझ मे कमी पायी गयी है।

बच्चों के सीखने के मार्ग मे आ रही बाधा को दूर करते हुए खेल एवं संक्रियता आधारित बुनियादी साक्षरता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना।

बच्चों को संख्या माप और आकार के क्षेत्र मे तर्क को समझने उनमे संख्यात्मक और स्थानिक समझ विकसित करने सक्षम बनाना है। बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराना जो उन्हें सांस्कृतिक विरासत से भी अवगत कराई यह सामग्री उनकी स्थानीय भाषा अथवा मातृभाषा में उपलब्ध हो FLN मिशन का उद्देश्य है।

शिक्षकों प्रधानाध्यापकों एवं प्रशासकों की क्षमताओं के उन्नत पर सतत फोकस करना। बच्चों की उच्चतम शिक्षा की मजबूत आधारशिला के लिए शिक्षकों माता-पिता समुदाय एवं नीति निर्माता का परस्पर सक्रिय जुड़ाव पोर्टफोलियो सामूहिक व संयुक्त प्रोजेक्ट वर्क खेल रोल प्ले मौखिक परीक्षण एवं शॉर्टेस्ट इत्यादि के माध्यम से शिक्षा के स्तर का मूल्यांकन किया जाना।


Popular posts from this blog

वक्फ बोर्ड क्या है? वक्फ बोर्ड में संशोधन क्यों जरूरी?2024 Waqf Board

सात युद्ध लड़ने वाली बीरबाला तीलू रौतेली का जन्म कब हुआ?Veerbala Teelu Rauteli

संघ(RSS) के कार्यक्रमों में अब सरकारी कर्मचारी क्यों शामिल हो सकेंगे? Now goverment employees are also included in the programs of RSS