कृष्ण जन्माष्टमी कब है?16कलायें क्या,और क्या है भगवान कृष्ण का इतिहास ? krishana Janmashtami2024

 


भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के अष्टमी तिथि को हुआ था।अर्थात 5251 वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।उस रात चंद्रमा का आठवां चरण था। रोहिणी नक्षत्र और रात के 12 बजे हुआ।जिसे अष्टमी तिथि के रूप में माना जाता है। 2024मे 26 अगस्त को अष्टमी तिथि सुबह 3:29 बजे से आरंभ होकर 27अगस्त को 2:19 बजे सुबह तक है।हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण विष्णु के आठवें अवतार माने गये हैं।  कन्हैया, श्याम, गोपाल,मुरलीधर द्वारकाधीश वासुदेव, आदि नामों से उनको जाना जाता है।भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव भारत,नेपाल इंडोनेशिया,अमेरिका सहित विश्व भर मे मनाया जाता है। श्री कृष्ण निष्काम कर्मयोगी आदर्श दार्शनिक, स्थिति एवं देवी संप्रदायों से सुसज्जित महानपुरुष थे।उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्री मद्भागवत गीता और महाभारत में श्री कृष्ण का चरित्र विस्तृत रूप से लिखा गया है।

 भागवत गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है। जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। उस उपदेश के लिए भगवान कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान दिया गया जाता है। भगवान श्री कृष्ण का अस्त्र सुदर्शन चक्र है। भगवान श्री कृष्ण के माता का नाम देवकी और पिता का नाम वासुदेव था ।और नंद बाबा ने इनका पालन किया। बलराम उनके भाई थे। सुभद्रा उनकी बहन थी। भगवान श्री कृष्ण वासुदेव और देवकी के आठवीं संतान थे। देवकी कंस की बहन थी। कंस एक अत्याचारी राजा था। उसने आकाशवाणी सुनी थी देवकी का आठवीं पुत्र  द्वारा वह मर जाएगा। इससे बचने के लिए कंस ने देवकी और वासुदेव को मथुरा के कारागार में डाल दिया था।मथुरा के कारागार में भाद्र मास की कृष्ण पक्ष के अष्टमी को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ।जन्म होते ही कारागार के सभी ताले और द्वार स्वतः खुल गये थे।कंस के डर से वासुदेव ने नवजात बालक को रात में यमुना पार गोकुल में यशोदा के यहां पहुंचा दिया। गोकुल में उनका लालन-पालन यशोदा और नंद बाबा के घर में हुआ था। अपने जन्म की कुछ समय बाद ही कंस द्वारा भेजी गई राक्षसी पूतना का वध किया। उसके बाद संकटासुरका वध किया। बाद मे उन्होने कई लीलायें की जिसमें गोचरण लीला गोवर्धन लीला, रासलीला,है़।बाद मे  मथुरा में मामा कंस का वध किया। सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहां अपना राज्य बसाया।पांडवों की मदद की और विभिन्न संकटों से उनकी रक्षा की।महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई। और रण क्षेत्र में ही उन्हें उपदेश दिया। 125 वर्षों के जीवन काल की बाद उन्होंने अपनी लीलायें समाप्त की उनके अवतार के तुरंत बाद परीक्षित के राज्य का कालखंड आता है। राजा परीक्षित जो अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र तथा अर्जुन के पौत्र थे। उस  समय से ही कलयुग का आरंभ माना जाता है।

 भगवान श्री कृष्ण में 16 कलाएं मौजूद थी। प्राची दिग कला, दक्षिण दिग कला, प्रतीची दिग कला,उदीची दिग कला,पृथ्वी दिग कला,अंतरिक्ष कला, समुद्र कला,वायु कला, चंद्र कला, सूर्य कला, विद्युत कला, अग्नि कला, मन कला, चक्षुकला, ध्राण कला, और स्रोत कला, प्राची कला को पूर्व दिशा भी कहते हैं पूर्व दिशा का रहस्य क्या है? यह दिशा बहुत ऊर्जात्मक क्यों है? इस दिशा की पूरी जानकारी भगवान श्री कृष्णा जानते थे। दक्षिण दिग कला को दक्षिण दिशा। प्रतीची  दिग कला पश्चिम दिशा और उदीची दिग कला को उत्तर दिशा कहते हैं। इन दिशाओं में क्या-क्या उपलब्ध है इन सभी दिशाओं के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहस्य को भगवान श्री कृष्णा जानते थे। पृथ्वी कला पृथ्वी में कहां मीठा पानी है और कहां कड़वा पानी है। कहां सोना और चांदी है और पृथ्वी के अंदर क्या-क्या खनिज लवण छिपा है। तथा पृथ्वी कैसे बनी है,और पृथ्वी का आधार क्या है उन सभी रहस्यों को भगवान श्री कृष्ण जानते थे। इसी प्रकार अंतरिक्ष क्या है इसका वैज्ञानिक रहस्य क्या है अंतरिक्ष क्यों बना है अंतरिक्ष में क्या-क्या उपलब्ध है। समुद्र और वायु का रहस्य क्या है? इतना विशाल समुद्र क्यों बना है? वायु कैसे काम करती है? और वायु कितने प्रकार की है?समुद्र और वायु कला के वैज्ञानिक रहस्य क्या है? जीवन पर उनके प्रभाव को भगवान श्री कृष्णा जानते थे।चंद्रकला, सूर्यकला, विद्युत कला और अग्नि कला के वैज्ञानिक रहस्य से क्या है? चंद्रमा का जीवन के साथ संबंध क्या है चंद्रलोक पर क्या-क्या है? चंद्रमा की शीतलता का राज क्या है? चंद्रमा जीवन कैसे देता है ?सूर्य के आग का रहस्य क्या है?सूर्य इतना प्रकाश कैसे देता है? सूर्य को कौन कर चलाता है? बिजली का वैज्ञानिक रहस्य क्या है? और आग क्यों जलती है? अग्नि तत्व क्यों बना? अगर आग न होती तो जीवन कैसे चलता है?आग कितने प्रकार की है? और जीवन के साथ क्या संबंध है ?

इन सभी कलाओं को भगवान श्री कृष्णा जानते थे।मन कला चक्षु कला घ्राण और स्रोत कला के शरीर के ऊपर क्या प्रभाव है ?मन क्या है? कैसे काम करता है? शरीर में मन कहां रहता है ?आंखें कैसी काम करती हैं? कहां से मिलती हैं आंखों को रोशनी?आंखों का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहिस्य क्या है? कैसे हम स्वाद को पहचानते हैं। स्वाद कितने प्रकार का है? अगर स्वाद न होता तो क्या होता है? सूंघने  का वैज्ञानिक रहस्य क्या है? नाक क्यों बनी है?तथा शब्दों का विज्ञान क्या है? शब्द कहां से आते हैं? इन शब्दों को कौन बनाता है ?शब्दों से जीवन कैसे चलता है? इन सभी 16 कलाओं में भगवान श्री कृष्ण पांरंगत थे। और जो इन 16 कलाओं के विज्ञान को जान लेता है।उसे योगी कहते है।

भगवान के द्वारा रचित इस ब्रह्मांड और ब्रह्म ज्ञान को जान लेता है।वह योगी है।और जो ज्ञान भगवान श्री कृष्ण को था।विश्व मे असत्य पर सत्य। और अधर्म पर धर्म की जीत का मार्ग प्रसस्त कर गये श्री कृष्ण भगवान।

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