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Showing posts from September, 2023

सनातन मे श्राद्ध क्या है ,क्यों और कैसे दें?

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  भारतीय सनातन संस्कृति इसीलिए महान है।क्योंकि सनातन के अनुसार आत्मा अमर है। वह मरती नहीं है।केवल शरीर बदलती है।यहांँ जीते जी रिश्तों का महत्व तो  है ही। परन्तु मरने के बाद भी उनकी आत्मा की सन्तुष्टि या उनके प्रति भूलोक मे श्रद्धा तीन पीढियों तक बनी रहती है।श्राद्ध ही श्रद्धा से बना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य नारायण कन्या राशि में विचरण करते हैं तब पितृ लोक पृथ्वी लोक के सबसे अधिक नजदीक आता है।  श्राद्ध का अर्थ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव से है।जिसे मनुष्य अपनी सामर्थ्य के अनुसार उनकी तिथि पर अन्न,फल-फूल,मिठाई,वस्त्र किसी ब्राह्मण,गरीबों या जरुरतमंदो को भोजन जलपान कराके,और वस्त्र आदि उन पित्रों के नाम से दान करते हैं। ताकि पित्रों की आत्मा को सन्तुष्टि या शान्ति मिले।और उनका आशिर्वाद श्राद्ध कराने वालों पर बना रहे। पितरों को किया जाने वाले श्राद्ध दो तिथियां पर किए जाते हैं।प्रथम मृत्यु या क्षय तिथि पर और द्वितीय पितृ पक्ष में जिस तिथि को पितृ की मृत्यु हुई है। अथवा जिस तिथि को उसका दाह संस्कार हुआ है। वर्ष में उस तिथि को एकोदष्टि श्राद्ध में केवल एक पितृ की...

अनंत चतुर्दशी क्यों मनाते हैं?Anant chaturdashi

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  भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, और पूजा के बाद अनंत धागा धारण करते हैं। इस दिन गणेश के विसर्जन के साथ 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का भी समापन होता है। यह व्रत सुख ,शान्ति, धन और संतान की कामना के लिए किया जाता है। अनन्त चतचर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनेक रूपों की पूजा की जाती है। अनंत भगवान विष्णु की पूजा के बाद हाथ पर अनंत सूत्र बांधा जाता है। यह सूत्र कपास या रेशम का बना होता हैं।और इनमें 14 गांँठें होती हैं। इस दिन गणेश विसर्जन होने की वजह से इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। भारत के कई राज्यों में गणेशोत्सव,और गणेश विसर्जन बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। कई जगहों पर इस दिन धार्मिक झांकियां भी निकाली जाती है। पुरानी मान्यता के अनुसार अनंत भगवान ने सृष्टि के आरंभ में 14 लोकों 1- तल,  2-अतल,  3-वितल, 4- सुतल  5-तलातल, 6-रसातल, 7-पाताल, 8-भू, 9-भुवः, 10-स्वः, 11-जन, 12-तप, 13-सत्य, 14-मह, की रचना की थी। इन लोकों  का पालन और रक्षा...

सरदार भगतसिंह भारतीय स्वतन्त्रता के क्रान्तिकारी Bhagat singh

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  भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के महान स्वतन्त्रता सेनानियों मे से एक थे सरदार भगतसिंह।भगतसिंह एक  क्रान्तिकारी थे। भगतसिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा मे हुआ था।इस समय यह स्थान पाकिस्तान मे है।उनका पैतृकगांव खट्कड़ कलाँ है जो पंजाब मे है।जब भगतसिंह का जन्म हुआ था उस समय उनके पिता किशनसिंह,और दो चाचा जेल मे थे। भगत सिंह बचपन से ही अंग्रेजों के अत्याचारों से परिचित थे। वे बचपन से ही अंग्रेजों को भगाने के लिए तरकीब सोचते थे।और बचपन से ही क्रान्तिकारी विचार उनके मन के अन्दर आ गये थे।  वे बचपन मे खेतों में काम करते समय बंदूकों की फसल उगाने का खेल करते थे। वे अपने साथियों को दो दलों में बांट देते थे। और परस्पर एक दूसरे पर आक्रमण करके युद्ध का अभ्यास किया करते थे। भगत सिंह के हर कार्य में उनकी वीरता और निर्भीकता होने का आभास मिलता था। भगत सिंह  के चाचा ने भारतीय देशभक्त संघ की स्थापना की। अजीत सिंह के खिलाफ 22 मामले दर्ज हुए थे। जिसके कारण वह ईरान पलायन के लिए मजबूर हो गए। उनके परिवार गदर पार्टी के समर्थक थे।और इसी कारण से बचपन से भगत सिंह के दिल में देशभ...

पर्यटन क्यों जरुरी?World Tourism day

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  पर्यटक वे लोग हैं। जो यात्रा करके अपने सामान्य वातावरण से निकलकर बाहर के स्थानों में घूमने जाते हैं। यह दौरा ज्यादा से ज्यादा1साल के लिए होता है। पर्यटन नये स्थानों को देखने,मनोरंजन, व्यापार,और अन्य उद्देश्यों से किया जाता है।पर्यटन से दुनिया भर में किसी भी तरह के पर्यटर्न से स्थानीय कर प्राप्तियां के रूप में अर्थव्यवस्था को जो लाभ होता है।उससे सामाजिक निर्धनता का उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा ,आवास, जल तथा स्वच्छता,और मनोरंजन के अनेक अवसरों आदि के आधारभूत सेवाओं की व्यवस्थाओं को वास्तविकता से  ठीक कर करने का अवसर भी  मिलता है।  पर्यटन दुनिया भर से लोगों को एक साथ लाता है।विश्व पर्यटन दिवस पहली बार 27 सितंबर 1980 को मनाया गया। प्रथम विश्व पर्यटन दिवस को संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन ने मनाया। विश्व पर्यटन दिवस का मुख्य उद्देश्य है पर्यटन को विकसित करना विश्व के पर्यटन स्थलों के महत्व एवं गुणवत्ता को बरकरार रखने एवं उपलब्ध पर्यटन सुविधाओं एवं सेवाओं का विस्तार करना है। ताकि पर्यटन के क्षेत्र का आर्थिक विकास हो सके।और विभिन्न देशों में रोजगार के अवसर बन सकें।...

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य क्या है?World Environmental Health day

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  विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का अर्थ है कि हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के स्वास्थ्य अर्थात पर्यावरण का स्वच्छ और स्वस्थ रहना भी बहुत जरुरी है। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस हर साल 26 सितंबर को विश्व भर में मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 2011 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ इन्वायरमेंट हेल्थ द्वारा की गई थी। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का हर वर्ष कोई ना कोई थीम होता है। 2022 में इसका थीम था। सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति। 2023 वैश्विक पर्यावरणीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Global Environmental,public  health) की थीम है।विश्व स्तर पर स्वास्थ्य लक्ष्य और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना।  स्वास्थ्य पर्यावरण से किसी भी प्राकृतिक विशेष क्षेत्र की पर्यावरण स्थित पर्यावरण  स्वास्थ्य के कुछ मुख्य आकृषण हैं। प्रदूषण स्तर, सार्वभौमिक विविधता,पीने के पानी की शुद्धता,और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित है। पर्यावरण स्वास्थ्य के तीन सबसे महत्वपूर्ण लक्षण हैं।  भौतिकपर्यावरण-उच्चावच,संरचना,जलवायु,मिट्टी,वनस्पति, तथा जीवजन्तु सम्मिलित हैं। जैविक पर्यावरण-हमारे चारों ओर भौतिक व...

मैडम भीखा जी कामा का भारतीय स्वतन्त्रता मे क्यो योगदान था?What was the contribution of Madam bhika ji cama in Indian Indepedence?

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  भीखा जी कामा का जन्म 24 सितम्बर1861 को मुम्बई मे एक पारसी परिवार मे हुआ था।उनके पिता का नाम सोराब जी फ्रैम जी पटेल था।उनकी माता का नाम जयजीबाई सोराबाई पटेल था।पिता जी पेशे से ब्यापारी थे। मैडम कामा की शिक्षा नेटिव गर्ल्स  स्कूल से हुई थी।वह शुरू से ही तीव्र बुद्धि वाली और संवेदनशील थी।वह हमेशा ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी गतिविधियों में लगी रहती थी। वर्ष 1896 में मुंबई में प्लेग रोग फैलने के बाद भीखा जी ने उन मरीजों की सेवा की थी।बाद में वह खुद भी इस बीमारी की चपेट में आ गई थी।इलाज के बाद वह ठीक हो गई थी।लेकिन उन्हें आराम और आगे इलाज के लिए यूरोप  जाने की सलाह दी गई। वर्ष1906 में उन्होंने लंदन में रहना शुरू किया। जहां उनकी मुलाकात प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी श्याम जी कृष्ण वर्मा और वीर सावरकर से हुई लंदन में रहते हुए दादाभाई नाराजी की वह निजी सचिव भी रहीं दादा भाई नौरोजी ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस का चुनाव लड़ने वाले पहले एशियाई थे। विदेश में रहकर उन्होने भारत की स्वतंत्रता के लिए क्रांतिकारी रचनायें की ।और कई प्रकार का साहित्य प्रकाशित करवाया। और उनका प्रचार- प्रसार किया। ताकि ...

भारतीय कालगणना क्यों विश्व मे सर्वश्रेष्ठ?

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  भारतीय काल गणना खगोलीय घटनाओं के  सापेक्ष मानी जाती है। काल (समय) वास्तव में अमूर्त होता है। घटती घटनाओं से काल को जाना जाता है। पदार्थो व परिस्थितियों का परिवर्तन अव्यक्त काल व्यक्त करता है। भारतीय काल गणना इतनी वैज्ञानिक और परिपूर्ण है कि उसे आज तक अपनी सामाजिक परम्पराओं व मान्यताओं द्वारा संभालकर रखा गया है। सदियों से भारत में लोगों द्वारा इस गणना की सहायता लेकर अनेक कार्यो में इसका सफलतापूर्वक लाभ लिया जा रहा है। समय की व्यवस्थित गणना का प्रयास मनुष्य के जन्म के साथ ही प्रारंभ हो गया। भारत में समय की गणना प्रकृति में परिवर्तन एवं खगोलीय घटनाओं को आधार मानकर की गई। आकाश में 27 नक्षत्र हैं।तथा इनके 108 पाद होते हैं। विभिन्न अवसरों पर नो-नो पाद मिलकर 12 राशियों की आकृति बनाते हैं। हमने गोलाकार अंतरिक्ष को 27 नक्षत्रों और 12 राशियों में विभाजित किया।ये नक्षत्र और राशियाँ गोलाकार अंतरिक्ष के निशान मील के पत्थर हैं। आकाश में स्थित पिंडो की स्थिति इन्हीं मील के पत्थरों अर्थात नक्षत्र और राशियों के माध्यम से जानी जाती है। भारतीय कालगणना में श्रृष्टि के प्रारंभ से लेकर अब तक सेकण...

विश्व शान्ति दिवस World Peace day2023

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  आज के भागम भाग जिंदगी और तरक्की की दौड़ में आगे बढ़ती दुनिया और गला काट प्रतिस्पर्धा के बीच दुनिया भर में अशांति और युद्ध का माहौल बना रहता है। बिगत लम्बे समय से जैसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। विश्व के बाजार इस युद्ध से अछूते नहीं है।  पूरे विश्व में शांँति का माहौल को प्रोत्साहित करने के लिए 21 सितंबर को विश्व भर में अंर्तराष्ट्रीय शांँति दिवस मनाया जाता है।भारत की संस्कृति तो बसुधैव कुटुम्बकम की रही है। अर्थात भारत ऐसा देश है जो पूरे विश्व को अपना कुटुम्ब(परिवार) मानता है।विश्व शान्ति पृथ्वी पर सभी लोगों और राष्ट्रों के भीतर और उनके बीच शान्ति की आदर्श स्थिति की अवधारणा है। यह दिवस आपसी भाईचारा तथा सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य सहित संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से इस दिवस को मनाया जाता है। सर्वप्रथम इस दिवस को मनाने की घोषणा 1981 की गयी। यह 1981 से सितंबर के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था। लेकिन 2001 मे संयुक्त महाराष्ट्र संघ ने सर्व सम्मति से इस दिन को अहिंसा और संघर्ष विराम की अवधि के रूप मे नामित करने के लिए मतदान किया।यह दिवस संयुक्त राष्ट्र ने 21 सितंबर ...

तोरी मे उत्तम स्वास्थ्य के गुण कैसे? Sponge,Gourd

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  तोरी रात्रि भोजन मे सबसे अधिक खायी जाती है।यह पानी और फाइबर से भरपूर होती है।तुरई किसी भी प्रकार के दाल,या काले चने के साथ पकाये जाने पर सम्पूर्ण भोजन के समान पोषक तत्व प्रदान करती है। पोषक तत्वों की भरमार--तोरी मे कैलोरी, कोलेस्ट्रोल ना के बराबर होती है।इसमे शक्तिशाली एंटीआक्सीडेंन्ट,एल्काइड कंपाउंड प्रचुर मात्रा मे होते हैं।जो मेटाबोलिज्म को नियन्त्रित करते हैं। इसमे डाइटरीफाइबर,पानी,विटामिन ए,विटामिनसी,आयरन,मैगनीशियम,और बिटामिन बी जैसे भरपूर पोषक तत्व मौजूद हैं। तोरी के लाभ---- तोरी मे बीटा कैरोटीन के रूप मे विटामिन ए भरपूर मात्रा मे उपलब्ध होता है। जिससे आँखों की रोशनी मे सुधार होता है।यह आंशिक अंधेपन और अन्य आंखों के रोगों मे मदद करता है। बजन घटाने मे---- इसमे बसा और कोलेस्ट्रोल न होने के कारण शरीर मे फैट नहीं बढने देता है।यह भोजन मे प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट,और बसा को तुरन्त पचाने मे मदद करता है।तुरई मे मोजूद इन्सुलीन जैसे पेप्टाइड्स,और एल्कलाइड्स,ब्लड शुगर के लेबल को कन्ट्रोल करते हैं। कब्ज मे लाभकारी---- तोरी के गुदा मे प्रचुर मात्रा मे पानी होता है।ओर सेलुलोज होता हैजो प्रा...

सिन्धु नदी समझौता क्या है? Sindhu Rivrer

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सिन्धु नदी एशिया की सबसे लम्बी नदी है।यह पाकिस्तान,भारत के जम्मू-कश्मीरऔर चीन के पश्चिमी तिब्बत से होकर बहती है।सिन्धु नदी मे बाढ 1956,1973,1976,1992,1994,2010,2015,2022 मे आयी।पाकिस्तान हर हमेशा भ्रष्टाचार,कुप्रबन्धनऔर खराब पर्यावरणीय आपदाओं के कारण पानी मे डूब जाता है।नदियों के जल के वितरण के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच एक सन्धि हुई। जिसका नाम है सिन्धु जल सन्धि है।इस सन्धि पर 19 सितम्बर 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधान मन्त्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूबखान ने हस्ताक्षर किये थे। उस समय विश्व बैंक ने विकास और निर्माण कार्यों हेतु मध्यस्तता की थी। सिन्धु नदी की कुल लम्बाई 3180 किमी है।सिन्धु नदी प्रणाली मे 6 नदियों के जल को भारत और पाकिस्तान के बीच साझा किया गया हैं।जिनमे पूर्वी नदियों ब्यास,रावी और सतलुज का नियन्त्रण भारत को तथा पश्चिमी नदियों सिन्धु,चिनाब और झेलम का नियन्त्रण पाकिस्तान को दिया है। सिन्धु जल संन्धि के अनुसार भारत के पास इन बहती हुई नदियों के पानी से बिजली बनाने का अधिकार है लेकिन पानी को रोकने और नदियों की धारा बदलने का अधिकार नहीं है।साथ ही बाढ ...

विश्व बांस दिवस Bamboo day

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  विश्व बांस दिवस18 सितंबर को मनाया जाता है इसका मुख्य उद्देश्य है इसके उपयोग के बारे मे लोगों को जागरूक करना है। बांस कई चीजों मे काम आता है।फर्नीचर बनाने,भोजन,जैव ईंधन,कपडे़ बनाने,और अन्य उपयोग की वस्तुओं को बनाने मे, यह पौधा विश्व मे सबसे तेजी से बढने वाला पौधा है।यह एक दिन मे 1 मीटर तक बढ जाता है। बांस शक्ति,लचीलेपन,और विकास का प्रतीक है।इससे बेहद नरम और उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनते हैं।भारत मे राष्ट्रीय बांस मिशन 2006-07 मे शुरू हुआ।भारत विश्व मे दूसरा बडा़ देश है। जो बांस उत्पादन और उपयोग मे बांस को लाता है।इसकी खेती बडे़ पैमाने पर की जाती है।हर साल लाखों टन बांस निर्यात होता है।बांस की लकडी़ का इस्तेमाल बडे़ पैमाने पर बागवानी,पशुधन,और मत्स्य पालन मे होता है।यही नहीं बांस कार्बनडाई आक्साइड को अवशोषित करने और आक्सीजन उत्पन्न करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। बांस बहुत प्राचीन बनस्पति है।जिसका उपयोग भारत सहित बहुत देशों मे होता है।विश्व मे सबसे अधिक बांस दक्षिण पूर्व ऐशिया चीन मे पाया जाता है। तथा भारत के मिजोरम, असम और पूर्वोत्तर राज्यों मे बडे़ तादात मे पाया जाता है।2009 मे...

विश्वकर्मा विश्व के पहले शिल्पकार?Viswakarma

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  भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के शिल्पकार के रूप मे जाना जाता है। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा को हिंदू धर्म मे निर्माण एवं सृजन के देवता के रूप में पूजा जाता है। कहते हैं कि श्रीलंका का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था।भगवान श्री कृष्ण की पवित्र नगरी द्वारिका का निर्माण,और पाण्डवों की महामाया सभा का निर्माण भी विश्वकर्मा भगवान ने ही किया था।विश्वकर्मा पंचमुखी है। उनके पांच मुख हैं जो पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और ऋषियों के मत्रों द्वारा उत्पन्न  हैं।  उनके नाम है मनु मय त्वष्टा, शिल्पी, और देवज्ञ। हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को श्रृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का वंशज माना जाता है।ब्रह्मा जी के पुत्र धर्म तथा धर्म के पुत्र वासुदेव थे।जिन्हें सिर्फ शास्त्रों मे आदि पुरुष माना जाता है। इन्ही वासुदेव की अर्द्धाग्नि से विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। हिंदू मान्यता के अनुसार विश्वकर्मा जी  वास्तुकला विज्ञान के ऐसे इंजीनियर थे। जिन्होंने देवताओं के लिए शानदार हथियारों का निर्माण किया था। और निर्माणों कार्यों,हेतु ...

ओजोन परत का संरक्षण क्यों जरुरी? OZONE LAYER

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  16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। आज दुनिया भर में मनाया जाने वाला यह दिवस हमारी धरती की सुरक्षा के रूप में काम करने वाली ओजोन परत की संरक्षण के लिए है। यह दिन हम सभी को ओजोन के विकास को समृद्ध और मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।ओजोन परत हमें हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है।और इस परत को अत्यधिक रासायनिक हानिकारक गैसों से बचाना हमारी जिम्मेदारी है। ओजोन परत की रक्षा करना विश्व के  सभी देशों ने स्वीकार किया है। यह दिवस विश्व के लिए महत्वपूर्ण पर्यावरण चिंतनों मे से एक माना जाता है। हर वर्ष विश्व ओजोन दिवस की एक थीम होती है। इस बार विश्व ओजोन दिवस 2023 का थीम है (माँन्ट्रियल प्रोटोकॉल) अर्थात ओजोन परत को ठीक करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना है। संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने 16 सितंबर 1987 को ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे। 16 सितंबर 1995 से हर साल विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। ओजोन लेयर धरती के ऊपर वायुमंडल की एक परत है। जो सूर्य से सीधी आने वाली किरणों को रोकती है।ओजोन परत सूरज की खतरनाक अल्...

हिन्दी विश्व मे लोकप्रिय क्यों? Hindi diwas

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  हिन्दी भाषा आज विश्व मे बोली जाने वाली 3 प्रमुख भाषाओं मे से एक है। हिन्दी शब्द की उत्पति सिन्धु से जुडी़ है।सिन्धु सिंध नदी को कहते हैं।सिन्धु नदी के आस -पास का क्षेत्र सिन्धु प्रदेश कहलाता है।संस्कृत शब्द सिन्धु ईरानियों के सम्पर्क मे आकर हिन्दू या हिन्द हो गया।14 सितंबर 1946 को संविधान सभा ने  देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत के आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया था।  पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। तब से हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व के साथ भारत की भाषयी  विविधता को बढ़ावा देनेऔर प्रचार -प्रसार के लिए मनाया जाता है। साल 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने एक बार एक मत होकर हिंदी को भारत के राजभाषा के तौर पर स्वीकार किया था। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के बाद यह तय किया गया था कि इसे हर क्षेत्र में प्रसारित किया जाएगा। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति...

सिक्ख सैनिक और सारागढी युद्ध Battle of saragarhi

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  वैसे तो इतिहास मे बहुत से युद्ध लडे़ गये हैं।मगर सारागढी़ का युद्ध कुछ अलग ही था।सारागढ़ी का युद्ध 12 सितंबर 1857 को लड़ा गया था। इस युद्ध में 36 सिख रेजीमेंट की चौथी बटालियन के 21 जाट  सैनिकों ने 10000 से ज्यादा अफगान हमलावरों का सामना किया था।और शहीद होने से पहले 600 से ज्यादा अफगानिस्तानियों  को मार गिराया था। यह युद्ध ब्रिटिश भारतीय सेना और अफगान कर्जजतियों के बीच लड़ा गया था। यह स्थान आज के समय में पाकिस्तान में स्थित है ।इतिहास में अद्भुभुत पराक्रम तथा वीरता दिखाने वाले सैनिकों में इन युद्ध के सिक्ख सैनिकों के नाम जाता है।  इस प्रसिद्ध युद्ध पर केसरी नाम की एक हिंदी फिल्म भी बन चुकी है। अभिनेता अक्षय कुमार अभिजीत फिल्म केसरी ने इस युद्ध को बखूबी से  दिखाया है। 12 सितंबर 1897 को सुबह 8:00 बजे सारागढी किले के  लेकर संतरी ने अंदर आकर यह खबर दी। कि हजारों पठानों का एक लश्कर झंडों और भालों के साथ उत्तर की तरफ सारागढी किले की तरफ बढ़ रहा है। संतरी के अनुसार उनकी तादात 10000 से ज्यादा थी। उस समय अंग्रेज सेना का नेतृत्व हवलदार ईशर सिंह कर रहे थे जब उन्होंने...

राष्ट्रीय युवा दिवस क्यो?और स्वामी विवेकानन्द National youth Day2024

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  भारत के युवा सन्यासी स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 मे कोलकत्ता मे हुआ था।देश का भविष्य कहे जाने वाले युवाओं के लिए स्वामी जी की विचार धारा,आदर्श,और उनके कार्यों का माध्यम भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इसीलिए  भारत मे 12 जनवरी 1984 से उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप मे घोषित किया गया।स्वामी जी का बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था।उन्होंने शिक्षा ग्रहण के बाद 25 वर्ष मे सन्यास ले लिया था। युवाओं को प्रेरित करने वाले उनके विचार   1-उठो जागो और तब तक मत रुको। जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये। 2- खुद को कमजोर समझना सबसे बडा़ पाप है। 3-तुम्हें कोई पढा नहीं सकता कोई आध्यात्मिक नहींबना सकता।तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है।आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं। 4-सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है।फिर भी हर बार एक ही सत्य होगा। 5-बाहरी स्वभाव केवल अंदरुनी स्वभाव का बडा़ स्वरूप है। 6-ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियाँ पहले से हमारी हैं।वो हम ही हैं जो अपनी आँखो पर हाथ रख लेते हैं।और फिर रोते हैं।कि कितना अंधकार है। 7- विश्व एक विशाल ब्यायामशाला है।ज...

FLN क्या है? एवं इसके उद्देश्य क्या हैं? What is FLN and what are its objectives?

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  FLN (foundational Literacy and Numeracy ) बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान एफ एल एन कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New education policy 2020) का एक घटक है। इसे निपुण भारत मिशन के अंतर्गत चलाया जा रहा है। एफ एल एन का उद्देश्य 3 वर्ष से 9 वर्ष तक आयु वर्ग के लगभग सभी बच्चों का समग्र विकास करना है।   यह एक महत्वपूर्ण कोर्स है जो बच्चों को उच्च कक्षाओं में सार्थक रूप से किसी भी चीज को सीखने के लिए तज्ञ कर सकेगा। मिशन के तहत 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान से जुड़ी आवश्यकता को पूर्ण किया जाएगा।  विकास की दृष्टिकोण से प्रत्येक बच्चे के लिए प्रारंभ के वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं।क्योंकि इसी आयु में उनका विकास तीव्र गति से होता है। बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष की आयु से पूर्व ही हो जाता है।बच्चों के शिक्षा की प्रारंभिक वर्ष में भाषा और गणित कौशल (संख्याज्ञान)का निर्माण करने और दिशा निर्देश प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने मिशन FLN प्रारंभ किया है। इस मिशन की अंतर्गत सरकार का लक्ष्य है कि 2026- 27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा ...

भारत की नई शिक्षा नीति क्या है?NEP2020

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  भारत की नई शिक्षा नीति 2020 में काफी बदलाव हुआ है।पहले यह मानव विकास संसाधन मंत्रालय के अन्तर्गतआता था।अब नई शिक्षा नीति के लागू होने पर इसका नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय हो गया है।यह नीति उच्चशिक्षा को अपनी भाषा मे पढने की स्वतन्त्रता देने के साथ ही बच्चों को कला और खेल- कूद के क्षेत्र मे बढावा देती है।नई  शिक्षा नीति केअन्तर्गत कई  महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं।जिसमे 2030 तक सकल नामांकनअनुपात को 100 प्रतिशत तक लाना शामिल है। शिक्षा के क्षेत्र मे केन्द्र व राज्य सरकार की मदद से जी डी पी का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर ब्यय करने का भी लक्ष्य रखा गया है। नई शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत शैक्षणिक संरचना को 5 + 3 + 3 + 4 मे डिजाइन किया गया है। जबकि पुरानी शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम 10+2 के अनुसार चलता था। इस नीति मे बच्चों को 3-8,8-11,11-14 और14-18 उम्र के अनुसार 4 अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया गया है। पहले हिस्से में प्राइमरी से दूसरी कक्षा (5साल) दूसरे हिस्से में तीसरे से पांचवी कक्षा(3साल ) तीसरे हिस्से में छठी से आठवीं कक्षा(3साल) और चौथे हिस्से मे नौंवी से12वीं ...

अशोक चक्र नीरजा भनोट भारत,अमेरिका पाकिस्तान से सम्मानितNeeraja bhanot,

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  5 सितम्बर 1986 को पैन एम फ्लाइट 73 जो मुम्बई से कंराची होते हुए अमेरिका जाना था फ्लाइट को। फ्लाइट मुम्बई से निकली जिसमे 380 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे।नीरजा भनोट केबिन क्रू की इन्चार्ज थी।और नयी ट्रैनी थी।वह 7 सितम्बर तक अपने लौटने के इन्तजार मे थी।ताकि 24वाँ जन्म दिवस परिवार के साथ मना सके। लेकिन तकदीर को यह मंजूर न था।सुबह के लगभग 6 बजे इसी वक्त पैन एम 73 कंराची एअर पोर्ट पर लैंडिंग हुई। एक एअर पोर्ट ह्वीकल से 4 आंतकवादी आते हैं।और विमान की सीढियों पर चढते हैं।जो सिक्योरिटी वर्दी पहने हुए थे।जिनके पास असाल्ट राइफल,पिस्टल,हैंड ग्रेनेड थे।और बारूद लगे बेल्ट पहने थे।हथियार बन्द आतंकियो को सीढियां चढते नीरजा भनोट ने पर्जेंस आफ माइंड लगाकर तुरन्त एक्शन ले लिया और इंटरकाँम पर पायलट और उसके क्रु को स्पेशल कोड मे सब बता दिया।आतंकवादियों के काकपिट मे पहुंचने से पहले ही पायलट और फ्लांइग क्रू दल काकपिट मे मौजूद इमरजन्सी गेट से बाहर निकलने मे कामयाब हो गये।और नीरजा ने गेम पलट दिया।  ये आंतकवादी अबू निदाल संगठन से थे।ये आतंकवादी पैन एम फ्लाइट73 को कंराची,फ्रैन्कफर्ट मे रुकना...

कृष्ण जन्माष्टमी कब है?16कलायें क्या,और क्या है भगवान कृष्ण का इतिहास ? krishana Janmashtami2024

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  भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के अष्टमी तिथि को हुआ था।अर्थात 5251 वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।उस रात चंद्रमा का आठवां चरण था। रोहिणी नक्षत्र और रात के 12 बजे हुआ।जिसे अष्टमी तिथि के रूप में माना जाता है। 2024मे 26 अगस्त को अष्टमी तिथि सुबह 3:29 बजे से आरंभ होकर 27अगस्त को 2:19 बजे सुबह तक है।हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण विष्णु के आठवें अवतार माने गये हैं।  कन्हैया, श्याम, गोपाल,मुरलीधर द्वारकाधीश वासुदेव, आदि नामों से उनको जाना जाता है।भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव भारत,नेपाल इंडोनेशिया,अमेरिका सहित विश्व भर मे मनाया जाता है। श्री कृष्ण निष्काम कर्मयोगी आदर्श दार्शनिक, स्थिति एवं देवी संप्रदायों से सुसज्जित महानपुरुष थे।उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्री मद्भागवत गीता और महाभारत में श्री कृष्ण का चरित्र विस्तृत रूप से लिखा गया है।  भागवत गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है। जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। उस उपदेश के लिए भगवान कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान दिया गया जाता है। भगवान श्री कृष्ण का अस्त्र ...

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5सितम्बर 2024की थीम क्या है,क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? में बड़ी है What is the theem of National Teachers' day 5 September2024 why is Teachers Day celebrated?

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  भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को भारतरत्न,प्रथम उपराष्ट्रपति ,और भारत के द्वितीय राष्ट्रपति राधाकृष्णन का जन्मदिवस है।उनका जन्म 5सितम्बर1888 को तमिलनाडु मे हुआ।वे एक शिक्षक थे। डॉ राधाकृष्णन ने प्रस्ताव दिया कि छात्र,समाज में शिक्षकों के बहुमूल्य योगदान को स्वीकार करने के लिए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाऐ 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप मे डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के असाधारण योगदान,और देश के सभी शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान ,उनकी मेहनत,त्याग, निस्वार्थ सेवा भाव, और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को सम्मान देने के लिए  5 सितम्बर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।इस दिन शिक्षार्थी और समाज अपने शिक्षकों के सम्मान और उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं। और अपने उन शिक्षकों को स्मरण करते हैं। जिनसे वे शिक्षित हुए।  शिक्षक दिवस 2024 की थीम है एक सतत भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना थीम पर केंद्रित है यह थीम पर्यावरण के प्रति जागरूक, सामाजिक रूप से जिम्मेदार,और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार पीढ़ी को आकार देने में शिक्षकों...

डेंगू बुखार के कारण?लक्षण और इलाजDengu

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  बरसात के बाद डेंगू ज्यादा फैलने लगता है।डेंगू बुखार एक मच्छर जनित रोग है। डेंगू का बुखार चढ़ाने वाला मादा एडीज एजिप्टी मच्छर छोटा और गहरे रंग का होता है। इसकी टांगे ज्यादा खुली हुई नहीं होती है।और ना ही यह ज्यादा ऊपर तक उड़ पाता है। इसलिए आम तौर पर यह पैरों,टखनों और कोहनी पर काटता है।सूरज निकलने के 2 घंटे बाद और सूर्यास्त से 3-4 घंटे पहले तक यह सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है। यह मच्छर ज्यादातर सुबह के समय काटते हैं। डेंगू का बुखार कष्टदायक होता है। और शरीर को दुर्बल कर देता है। जो लोग डेंगू बुखार से दूसरी बार संक्रमित हो जाते हैं उनमें गंभीर बीमारी विकसित होने का काफी अधिक जोखिम होता है। डेंगू बुखार के कारण..... डेंगू बुखार चार निकट संबंधी डेंगू विषाणुओं से सम्बधित है। जो वेस्ट नाइल संक्रमण और पीत ज्वर का कारण बनते हैं।  डेंगू बुखार मच्छर के काटने से फैलता है जब संक्रमित मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है तो वायरस उस व्यक्ति के रक्त प्रवाह में प्रवेश कर जाता है। और संक्रमण का कारण बनता है डेंगू बुखार से ठीक होने के बाद आपको संक्रमण  करने वाले वायरस के प्रति दीर्घकालिक प्रत...

दादा भाई नौरा जी ने ब्रिटेन में किस संगठन की स्थापना की? Which Organisation did Dada bhai naura ji established in London?

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  दादा भाई नौरा जी का जन्म 4 सितम्बर 1825 को नवसारी मे एक पारसी परिवार मे हुआ था। एलफिंस्टन इंस्टीट्यूट से उन्होने स्कूली शिक्षा प्राप्त की।1854 मे उन्होने रस्ट गोस्टर एक पाक्षिक प्रकाशन की स्थापना की।जो प्रकाशन पारसी अवधारणाओं को स्पस्ट करने और पारसी सामाजिक सुधारों को प्रकाशित करके जन जागरण का कार्य करता था।इसी समय द वाँइस आफ इंडिया नामक एक समाचार पत्रिका भी प्रकाशन किया। 1856 मे वे एलफिस्टनकालेज बाम्बे मे गणित और दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर बने।1859 मे उन्होने कपास ब्यापार कम्पनी की स्थापना की।1861मे द जोरास्ट्रियनट्रस्ट फंडस की स्थापना की।1865 मे नौरा जी नेलंदन इंडियन सोसायटी का निर्देशन और शुभारम्भ किया।जिसका उद्देश्य भारतीय सामाजिक,साहित्यिक और राजनीतिक विषयों पर चर्चा करना था।1866 मे उन्होंने ब्रिटिश जनता के सामने भारतीय दृष्टिकोण रखने के उद्देश्य से ईस्ट इंडिया ऐसोशियेशन की स्थापना मे मदद की।1874 मे वे बडो़दरा के प्रधानमन्त्री बने और बाम्बे विधानपरिषद(1885-88)के सदस्य बने।1886 मे कांग्रेस के अध्यक्ष बने।1901मे पाँवर्टी एंड एन ब्रिटिश रुल इन ईंडिया प्रकाशित की।वे फिर ब्रिटेन चल...

भारत का आदित्य एल1(सूर्य मिशन)क्यो?AdityaL1

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  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो) ने चांँद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारकर इतिहास रचा है।इसी उत्साह के साथ इसरो द्वारा आदित्य एल -1मिशन (सूर्य मिशन) को 2 सितम्बर 2023 को 11ः50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से छोडा़ गया है।आदित्य एल 1 को 400 किलो वर्ग के उपग्रह के रूप मे वर्गीकृत किया गया है।जिसे ध्रुर्वीय उपग्रह प्रेक्षपण यान XL(PSLV-XL)से लाँच किया गया। इसरो ने इसे पहले अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन कहा है। यह सूर्य का व्यवस्थित अध्ययन करने के लिए सात वैज्ञानिक पेलोड का एक सेट अपने साथ ले गया है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली की लैंग्रैंजियन बिंदु एल1के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना है। जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। लैग्रैंजियन बिन्दु वे हैं।जहां दो वस्तुओं के बीच कार्य करने वाले सभी गुरुत्वाककर्षण बल एक दूसरे को निष्प्रभावी कर देते हैं। इस वजह से एल1बिंदु का उपयोग अंतरिक्ष यान के उड़ने के लिए किया जा सकता है।  भारत का  महत्वाकांक्षी सौर मिशन आदित्य एल 1सौर कोरोना की बनावट और इसके तपने की प्र...

हिमालय कितना उपयोगी और इसका संरक्षण क्यों?Himalay

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  हिमालय पारिस्थितिकी तन्त्र और जन जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। भारत को मध्य एशिया की ठंडी और सूखी हवाओं से बचाता है।जहां एक तरफ वह हिमखण्डों को जन्म देता है। वहीं जन जीवन और पर्यावरण के लिए जल स्रोत का कार्य करता है।हिमालय देश को सुरक्षा प्रदान करता है।इससे जुडे़ देशों के लिए सीमा और शत्रुओं के लिए बाधा बनने का कार्य करता है।हिमालय के हिमखण्डों से निकलने वाली बडी़ नदियाँ ब्रह्मपुत्र,सिन्धु गंगा,(अलकनंदा,भागीरथी,भिंलगना)पारिस्थितिकी तन्त्र और मानव विकास मे अहम भूमिका निभाती हैं।हिंद महासागर के बारिश से भारी तूफानों और मानसूनी हवाओं को उत्तरी देशों तक पहुंचने से रोकता है। और उत्तरी भारत में भारी बारिश का कारण बनता है। यदि हिमालय न होता तो भारत का अधिकांश हिसा रेगिस्तान की तरह बंजर होता। हिमालय से निकलने वाली नदियों मे सूखे मौसम के दौरान भी हिमखण्डों से ही पानी प्रदान होता है।और यह बारहमासी नदियां हैं। हिमालय पर कई प्रकार की जडी़ बूटियांँ हैं।जिनका वर्णन अथर्वेद और आयुर्वेद के जडी़-बूटियों के ग्रंथो मे मिलता है। सोमवल्ली,संजीवनी बूटी,अरुंधती,ब्रह्मकमल, जिन सेंग,जैसी जडी़ बूटिंया हिमाल...

विश्व अल्जाइमर(याददाश्त जाना) दिवस क्या है?Alzheimersday

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  अल्जाइमर अर्थात भूलने की बीमारी जब कोई ब्यक्ति बार-बार किसी गंभीर विषय, आवश्यक चीजों को बार-बार भूलने लग जाता है।सामान्य तौर पर कभी भूल तो होती रहती है।लेकिन बार-बार बातों,वस्तुओं,या सूचनाओं को भूलना जैसे परिवार के सदस्यों,या करीबी दोस्तों को पहचानने मे कठिनाई,नियमित दैनिक कार्यों को करने मे कठिनाई।कपडे़ पहनना,भटकना,या खो जाना,पेशाब करने मे कठिनाई होना।तो समझो वह ब्यक्ति (डिमेंशिया) अल्जाइमर बीमारी से ग्रस्त होने जा रहा है। अल्जाइमर बीमारी दैनिक जीवन मे कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है। वैसे तो यह किसी भी उम्र मे हो सकता है।परन्तु 60 साल के बाद इसके ज्यादा होने की सम्भावना बढ जाती  है।अल्जाइमर या (डिमेंशिया)का मुख्य कारण है। बचपन या कभी भी सिर पर लगी चोट,मोटर ऐक्सीडेन्ट,या गिरकर सिर पर लगी चोट,जब आधे घन्टे से अधिक समय तक बेहोशी,या याददाश्त खो देने जैसी स्थिति बनी हो।इस बीमारी मे रोगी के मस्तिष्क मे दो प्रोटीन,एमिलाँयड बीटा और टाउ का निर्माण होता है।जो न्यूरांन्स को परेशान करते है।और उसे नष्ट करते हैं।इससे मस्तिष्क की स्मृति क्षमता मे कमी आती है। वर्तमान मे अल्जाइमर का कोई खास स्पेश...