विश्व मानवता दिवस World Humanitarianday
विश्व मानवता दिवस प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को मनाया जाता है।गिरते मानव मूल्य इस दिवस की विशेष प्रासंगिकता एवं उपयोगिता है। यह दिवस उन लोगों को याद करने का है।जिन्होंने मानवीय उद्देश्यों के कारण दूसरों की सहायता के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।यह दिवस विश्वभर मे मानवीय कार्यों एवं मूल्यों को प्रोत्साहन दिये जाने के अवसर के रुप मे भी देखा जाता है।इसको मानने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीडिश प्रस्ताव के आधार पर किया गया।इस दिवस को विशेष रुप से 2003 मे संयुक्त राष्ट्र के बगदाद,इराक स्थित मुख्यालय पर हुए हमले की वर्षगांठ के रूप मे मनाया जाना आरम्भ किया गया। उस समय संयुक्त राष्ट्र संघ के 22 सहकर्मी इस मुख्यालय के मारे गये थे। जो निंदनीय है।
विश्व मे मानवीय कार्यों एवं मानव मूल्यों को प्रेरित करने वाली भावना का जश्न मनाने का भी एक अवसर है।इसका उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है।जो दूसरों की मदद करने के लिए विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।एवं मानवता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।आज सारी दुनिया सबसे ज्यादा आतंकवाद से पीडि़त है।इसके साथ-साथ मानवीय मूल्यों पर कुठाराघात करने वाले विषय जातिवाद,अस्पृश्यता,साम्प्रदायिकता,मंहगाई,भुखमरी,गरीबी,विलासिता,अमीरी -गरीबी का बढता फासला ,अनुशासन हीनता,पदलिप्सा,महत्वाकांक्षा,उत्पीड़न एवं चरित्रहीनता, जबरन धर्मातरण, आदि अनेक परिस्थितियों से मानवता पीडित एवं प्रभावित है। ये समस्यायें किसी युग मे प्रभावशाली रही होंगी या न रही होंगी। परन्तु आज ये बहुत प्रभावशाली तरींके से हैं।और इनका समाधान या मुकाबला भी प्रभावशाली तरीके से होना चाहिए।हिंसक परिस्थितियां जब प्रबल हों तो अहिंसा का मूल्य बढ जाता है।
मानवतावाद को विकसित करने का मुख्य आधार धर्म है।अतः आज विभिन्न धर्मों की मानवतावादी,बुद्धिवादी और जनवादी शक्ति को नकारा नहीं जा सकता।बल्कि इनके माध्यम से भेदभावों से भरी ब्यवस्था,पर जोरदार प्रहार किया जा सकता है। धार्मिक विचारधारायें, दुखीःपीडित एवं अशान्त मानवता को शान्ति प्रदान कर सकती हैं। हर साल आपदाओं एवं मानव भूलों से लाखों लोगों की जाने जाते हैं। विशेषतय दुनिया के सबसे गरीब सबसे हांसिये पर आ गए हैं। और कमजोर व्यक्तियों को अपार दुखः का सामना करना पड़ता है। मानवतावादी सहायता कर्मी इन आपदा प्रभावित समुदाय एवं लोगों को राष्ट्रीयता, सामाजिक समूह, धर्म, लिंग, जाति, या किसी अन्य कार्य के आधार पर भेदभाव के बिना जीवन बचाने में सहायता और पुनर्वास प्रदान करने का प्रयास करते हैं। वे सभी संस्कृतियों और विचारधाराओं और पृष्ठभूमि को प्रतिबिंबित करते हैं। और मानवतावाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से एकजुट हो जाते हैं। इस तरह की मानवतावादी सहायता मानवता निष्पक्ष तटस्थता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित है। आज हिंसा आतंक, संग्रह स्वार्थ, शोषण, और क्रूरता अधिकांश मानवता को मूर्छित कर रहे हैं।
इसे तोड़ने के लिए सह अस्तित्व को बढ़ाना होगा। तथा सहयोग एवं स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने का आकार देना होगा। दूसरों के प्रति संवेदनशीलता मानवता का आधार है। जब तक व्यक्ति किसी दूसरे को अपनी सहमति नही देगा तब तक उसके प्रति संवेदनशील नहीं बन पायेगी।इस दिवस पर विश्व के बडे़ नेता और संगठन इन संघर्ष से प्रभावित लोगों की मदद हेतु अपने राष्ट्रों और और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मदद के लिए पहल करते हैं।