एटलस माँथ दुनिया का सबसे खूबसूरत कीट और बहुत उपयोगी
बेहद आकृषक और बहुत उपयोगी एटलस माँथ विश्व का सबसे बडा़ एटलस माँथ पिथोरागढ मे मिला है।पिथौरागढ़ जिले में वन विभाग के सहयोग से नेशनल माँथ सप्ताह के अंतर्गत इसकी शुरुआत हो गई है। विंग्स फाउंडेशन ने पहली बार नेशनल माँथ गणना सीजन एक शुरू किया है। इसके तहत विंग्स फाउंडेशन ने नेशनल माँथ सप्ताह में जिले में मिलने वाले माँथ की खोजबीन कर उनकी जानकारी जुटाई। पिथौरागढ़, मुंसियारी,
मूनाकोट, डीडीहाट, अस्कोट क्षेत्र में फाउंडेशन के सदस्यों ने माँथ की खोजबीन की। जिले में मिलने वाले माँथ के बारे में जानकारी जुटाई गई इसके साथ ही जिन ब्यक्तियों ने अपने क्षेत्र में मिलने वाली माँथ की फोटो या कोई जानकारी दी उन्हें प्रमाण पत्र दिए गए।
विश्व में माँथ की लगभग 16000 प्रजातियां पाई जाती है इनमें से 10000 प्रजातियां भारत में ही हैं। पिथौरागढ़ में पहली बार माँथ के बारे में जानकारी जुटाई गई।विंस फाउंडेशन के सदस्यों को पिथौरागढ़ में माँथ दिखाई दी। इसे एंपरर ऑफ डार्कनेस भी कहा जाता है। इसकी उम्र 20 से 25 दिन तक होती है।इसके पंखों का फैलाव 24 सेंटीमीटर तक होता है।यह अपने अण्डे नींबू, अमरुद, और दालचीनी आदि के पौधों पर देती है। इसके लार्वा अपने बचाव के लिए एक गंध स्प्रे करते हैं जो 12 इंच तक फैल जाता है। यह एक तेज गंध होती हैं। इससे यह छिपकलियों और चींटियों से अपना बचाव करती हैं। एटलस की दोनों पंखों के किनारे पर कोबरा के सिर जैसी आकृति बनी होती है।यह बहुत सुन्दर,आकृषक और डरावनी भी होती है। इस आकृति के कारण परभक्षी इनसे दूर हो ही रहते हैं। यह अगस्त और सितम्बर माह मे होता है।यह अक्सर रात को चलता है दिन मे नहीं। इनके कोकून से रेशम निकलता है।जो बहुत उपयोगी होता है। जिससे पर्स टाई और शर्ट आदि बनाए जाते हैं।जो सुन्दर और महंगे होते हैं।