हीरोशिमा और नागाशाकी पर परमाणु बमबारी क्यों हुई?Hiroshima and Nagasaki Atom Bomb
मानव इतिहास का सबसे भयंकर द्वितीय विश्व युद्ध 18 सितम्बर 1939 से 2 सितम्बर 1945 तक हुआ था। यह युद्ध लगभग 70 देशों के बीच हुआ था।जिसमे इन 70 देशों की जल,थल और वायु सेना शामिल थी।इस युद्ध मे विभिन्न देशों के लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया था।यह मानव इतिहास का सबसे घातक युद्ध हुआ इस महायुद्ध मे 6-7करोड़ ब्यक्तियों की जानें गयी।इसमे मित्र राष्ट्रों एवं धुरी राष्ट्रों के बीच युद्ध हुआ। इसमे आम नागरिंकों,का नर संहार हुआ।
जिसमे होलोकास्ट भी शामिल था।और केवल इस युद्ध मे ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ था।यह यूरोप,प्रशांत,अटलांटिक,सागर,दक्षिण पूर्व एशिया,चीन मध्य पूर्व भूमध्य सागर,उत्तरी अफ्रीका,आदि स्थानों मे हुआ।इस युद्ध मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई।इसमे जर्मनी,का पतन,जापानी इतावली साम्राज्यों का पतन,संयुक्त राष्ट्र का निर्माण,और महाशक्तियों के रुप मे अमेरिका और सोवियत रुस का उत्थान,इसमे जापान और चीन मे युद्ध,जर्मनी का पोलैण्ड पर हमला,फ्रांस का जर्मनी पर युद्ध की घोषणा।और इग्लैण्ड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने इसका अनुमोदन किया।इसमे जर्मनी महाद्वीपीय यूरोप के बडे़ भाग को हड़पना चाहता था।
और जापान पूर्वी ऐशिया तथा इंडोचाइना मे अपना प्रभुत्व जमाना था।उसने यूरोपीय आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा अमेरिका के पर्लहाबर पर हमला बोल दिया।और पश्चिमी प्रशान्त पर कब्जा जमा लिया।1945 मे सोवियत संघ ने जर्मनी के कब्जे वाले क्षेत्रों और बर्लिन पर कब्जा कर लिया।और जर्मनी ने आत्म समर्पण कर दिया।और अमेरिका ने जापानी सेना पर हमला कर पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों पर कब्जा कर लिया।अमेरिका ने जापानी द्वीप समूहों पर हमला करना चाहा तो उसने 6अगस्त 1945,और 9 अगस्त 1945 को हीरोशीमा और नागाशाकी पर दो परमाणु बम जापान पर गिराये। अमेरिका चाहता था कि जापानियों को जल्द से जल्द आत्म सर्मपण करना पड़े,ताकि अमेरिकी लोगों की जान जानें की संख्या कम से कम हो सके।जापान में मानव इतिहास की बडी़ तबाही हुई।15 अगस्त1945 को जापान ने आत्म समर्पण कर लिया।और एशिया महाद्वीप मे भी विश्व युद्ध समाप्त हो गया।इन परमाणु हमलों मे 1,29000 से 2,36000 के लगभग लोगों की जानें गयी।जो मानव इतिहास पर सबसे बडा़ हमला था।