मानव का चान्द पर कदम/international moon day

 पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चंद्रमा ही है। मानव  हजारों साल से चंद्रमा की उत्पत्ति और उसके बारे में जानकारी और सोच करने के लिए अंतरिक्ष की यात्रा करने का विचार करता रहा है। जैसे-जैसे मनुष्य चंद्रमा पर सफलता प्राप्त करेगा।वह हर बार नई जानकारी प्राप्त करके भविष्य के बारे मे सटीक प्रयासों मे सफलता प्राप्त करेगा। मानव को सबसे बडी़ सफलता  20 जुलाई 1969 को प्राप्त हुई।जब नासा का अपोलो 11 चन्द्रमा पर उतरा था।अमेरिका के नील आर्मस्ट्राँग,और एल्ड्रिन द्वारा चन्द्रमा की सतह पर कदम रखा गया।इनके साथ तीसरा ब्यक्ति कोलिन्स था।यह मानव जगत की पहली उपलब्धि थी। जिसे अमेरिका ने सर्व प्रथम सफल किया। इन तिकडी़ ने अन्तरिक्ष मे आठ दिन से अधिक समय बिताया और चन्द्रमा की सतह पर 21 घण्टे का समय बिताया था।ये 24 जुलाई 1969 को पृथ्वी पर प्रशान्त महासागर मे सुरक्षित वापस उतरे। चन्द्रमा से 47.5 पौण्ड चन्द्र सामग्री एकत्र करके वे वापस पृथ्वी पर लाये। नासा द्वारा इस उपल्ब्धि को  संयुक्त राष्ट्र महासंघ ने 20 जुलाई 2022 से अन्तराष्ट्रीय चन्द्र दिवस के रुप मे मनाया गया । यह मानव जाति की बडी़ उपलब्धि थी।यह दिवस बडे़ उत्साह के साथ मनाया जाता है।इस सफलता के बाद दुनिया मे यह विश्वास जगा कि मानव एक दिन ब्रह्माण्ड की यात्रा कर सकता है।और अन्तरिक्ष क्षेत्र मे नवाचार बढने लगे।आज अमेरिका रुस,भारत चीन ने इस क्षेत्र मे बडी़ उपलब्धियां हांसिल की है। इन देशों ने भी कई अपने उपग्रह चन्द्रमा पर भेजे हैं।अन्तराष्ट्रीय चन्द्र दिवस 2023 की थीम हमारे विश्व द्वारा स्थापित एक अन्तराष्ट्रीय शानदार मूर्ति का प्रतीक है।


Popular posts from this blog

वक्फ बोर्ड क्या है? वक्फ बोर्ड में संशोधन क्यों जरूरी?2024 Waqf Board

सात युद्ध लड़ने वाली बीरबाला तीलू रौतेली का जन्म कब हुआ?Veerbala Teelu Rauteli

संघ(RSS) के कार्यक्रमों में अब सरकारी कर्मचारी क्यों शामिल हो सकेंगे? Now goverment employees are also included in the programs of RSS