भारत की प्रगति से चीन ,पाक मे बौखलाहट क्यों?
वर्तमान में भारतीय समाज को चारों ओर से घेरने के लिए देश-विदेश के तमाम भारत विरोधी ताकतें इकट्ठा हो गई है। विगत वर्षों में भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है देश की आर्थिक प्रगति की इस रफ्तार को देखकर दुनिया के बड़े-बड़े देश चकित हैं। तथा भारत का लोहा मानने को विवश है। भारत हर क्षेत्र में चाहे सीमा की रक्षा का क्षेत्र हो,अथवा समुद्री सुरक्षा का क्षेत्र, उद्योग धंधों में, शिक्षा में, स्वास्थ्य में ,रोड, रेल कनेक्टिविटी में ,अंतरिक्ष अनुसंधान का क्षेत्र हो, अथवा सामाजिक सुरक्षा का क्षेत्र। देश की प्रगति आसमान छूने को आतुर है।दुनिया की महाशक्तियां जहां लड़खडा़ रही हैं। वही भारत दुनिया की पांचवीं मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर सीना ताने खड़ा है। जहां भारत कभी सेना के लिए वर्दी, जूते, मौजे ,जैसी सामान्य जरूरतों के लिए भी आयात पर निर्भर था।वहीं अब वह लड़ाकू विमान तेजस से लेकर मिसाइल तक निर्यात करने में सक्षम बन गया है। रक्षा उपकरणों के निर्यात में भारत को अभूतपूर्व सफलता मिल रही है। अंतरिक्ष की बात करें तो भारत उपग्रह प्रेक्षण में दुनिया का सबसे मुफीद व सस्ता देश माना जाता है।इसरो ने एक साथ मे भारत के ही नहीं बड़े अमीर देशों के उपग्रहों को भी पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने में एक बार नहीं बार-बार सफल हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत बहुत शीघ्र दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने वाला है।
भारत की इस प्रगति को देख पाकिस्तान और चीन जैसे परंपरागत प्रतिद्वन्दी दोनों परेशान तो हैं ही।परन्तु बडे़ शक्तिशाली राष्ट्र भी बहुत खुश नहीं है। पाकिस्तान व चीन का गठजोड़ तो देश को गाहे-बगाहे नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहता ही है। कुछ विदेशी ताकतें भी नहीं चाहते कि भारत मे राष्ट्रवाद मजबूत और एकजुट हों। इन्हें लगता है कि जब तक देश का राष्ट्रवादी समाज शसक्त और मजबूत बनकर खड़ा रहेगा। तब तक भारत को कमजोर करने का उनका सपना साकार नहीं हो सकता।
इन तत्वों में भारत की प्रगति को लेकर बौखलाहट है।वह इसी कारण है।इनकी बौखलाहट के क्या परिणाम होंगे यह तो समय बताएगा, पर इतना तय है कि इससे भारत का प्रगति रथ रुकेगा नहीं।और न ही भारत इनके सामने झुकेगा,क्योंकि बढ़ते रहना ही भारत की नियति है।