जंकफूड / फास्ट फूड स्वास्थ्य के लिए क्यों हानिकारक?
जंक फूड या फास्ट फूड ऐसे पदार्थ हैं।जिनमें कैलोरी छोड़कर कुछ भी पोषक तत्व नहीं होते हैं। ये सभी पदार्थ जंक फूड के वर्ग में आते हैं। इनमें समोसा, पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन, पकोड़े, जैसे पदार्थों हैं।ये तो इस वर्ग में आते ही हैं। हमारे घरों में रोजाना उपयोग होने वाले बिस्कुट,फ्लेक्स,नमकीन, ओट्स,आलू चिप्स, आइसक्रीम, जैसे पदार्थ भी जंक फूड वर्ग में ही आते हैं। इसीलिए इन पदार्थों का सेवन या तो हमें नहीं करना चाहिए।
और यदि किसी कारणवश करना ही पड़ता है। तो सीमित मात्रा में करना चाहिए। इन सभी पदार्थों में बसा शक्कर, तथा नमक की मात्रा ज्यादा होती है। जो हमारे लिए अत्यंत हानिकारक हैं। इन पदार्थों के ज्यादा सेवन से शरीर में अनावश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिससे मोटापे के साथ-साथ खून की कमी, थकावट मांसपेशियों एवं हड्डियों में दर्द भी हो सकता है।
क्या है विकल्प ?
अब क्योंकि यह पदार्थ हमारे लिए इतने हानिकारक है तो इनकी जगह खाने के लिए कुछ सेहतमंद पदार्थों का चयन करना चाहिए। इस सूची में भुने चने,उबले चने, भुने मखाने सूखे बीज,मेवे, फल,सलाद अंकुरित सब्जियों की चार्ट, पोहा, उपमा, इडली,दलिया आदि बहुत सारे पदार्थों को रखा जा सकता है ।कोल्ड ड्रिंक जंक फूड में सबसे अब्बल स्थान पर है। जिनका सेवन शायद आधे से ज्यादा घरों में हो रहा है। गर्मी में यदि ठंडा पीने का मन है तो मट्ठा, नारियल पानी नींबू पानी, बेल का सरबत, कोकम शरबत,गन्ने का रस,जैसे पदार्थ लिए जा सकते हैं।खाने में पदार्थों का चयन हमेशा सोच समझकर तथा स्थानीय आधार पर करना चाहिए।
हम आज जो सेवन कर रहे हैं। उनका परिणाम हमें कल देखने को मिलेगा। इसी पर हमारा शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य निर्भर करता है।आज मनुष्य ने बहुत प्रगति कर ली है। हर क्षेत्र में तेज रफ्तार से हो रही प्रगति के साथ कदमताल करने के लिए मनुष्य अपना अधिकांश समय काम पर खर्च कर रहा है। इस आगे बढ़ने तथा सीखने की होड़ में आज हम अपनी तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।अब अपने लिए समय निकालना अपनी दिनचर्या तथा स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देना हमें दर्द का काम लगने लगा है। दिन भर बस मोबाइल या कंप्यूटर के सामने लगे रहते हैं।और भूख लगने पर जंग गया फास्ट फूड का सेवन करते हैं। इसी के चलते आज 10 में से 9 लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। चाहे वह मोटापा हो, उच्च रक्तचाप हो या पोषक तत्वों की कमी हो। बच्चों तथा तरुणों मे तो जैसे होड़ लगी रहती है। कि बाजार में कौन सा जंक फूड आया है।
जिसे आज हमें लेना है। इनकी बढ़ती खपत को देखते हुए बाजार में इनका उत्पादन बढ़ता जा रहा है। भारत जैसे प्राचीन सभ्यता वाले देश में खानपान ही हमारी प्राचीन सभ्यता से जुड़ा है। हम लोग आज खानपान की नई सभ्यता को अंगीकार करते जा रहे हैं। इसी का परिणाम आज शारीरिक समस्याओं के तौर पर देखने को मिल रहा है।