बेडू कैसे है फेफड़ों और स्वास्थ्य के लिए गुणकारी?
बेडू फल जो मीठा और स्वादिष्ट होता है। इसे हिन्दी मे अंजीर कहते हैं यह फल उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि यह कश्मीर हिमांचल,नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सूडान तथा इथियोपिया में भी पाया जाता है।दुनिया भर में इसकी 800 प्रजातियाँ पाई जाती है। हिमाचल में इसे फाल्गू नाम से भी जाना जाता है।
अंग्रेजी में इसे वाइल्डफिग कहते हैं।बेडू का फल केवल खाने लायक ही नहीं होता बल्कि इसकी जड़, पत्तियां, फल,छाल भी उपयोग के लायक होता है।इसकी पत्तियां जानवरों में दूध की पैदावार को बढ़ाती है। पेड़ से निकलने वाला दूध चोट लगने पर मददगार होता है। इससे सफेद दूध निकलता है उसको शरीर में कहीं चोट लगने पर लगाया जाता है जो चोट को ठीक कर देता है।इस फल की सब्जी भी बनाई जाती है।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कई बीमारियों से दूर रखता है। जून में यह फल पकने लग जाता है। इससे स्क्वाश और जेली बनाई जाती है। हाई ब्लड प्रेशर, पायरिया का इसमे रामबाण इलाज है। इसके फलों के सेवन करने से फेफड़ों से सम्बधित बीमारी दूर होती है। यह फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूती देता है। यह बहुत औषधीय गुणों से भरपूर है। यह कई बीमारी में काम आता है।इसमें विटामिन सी कम होता है लेकिन इसमें प्रोटीन वसा फाइबर सोडियम फॉस्फोरस कैल्शियम और लोह तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
जो शरीर के विकास के लिए बहुत फायदेमंद है।कच्चा होने पर यह हरा होता है। पकने पर लाल और फिर काले रंग का हो जाता है। खाने मे यह बेहद मीठा और स्वादिष्ट होता है। बेडू को ब्यावसायिक तौर पर यदि उपयोग मे लाया जायेगा तो स्वरोजगार हेतु अच्छा विकल्प बन सकता है।