सिक्किम का भारत मे विलय कब हुआ?
सिक्किम का प्रारंभिक इतिहास 13 वीं शताब्दी में उत्तरी सिक्किम के काबलुंगत्सोक लेप्चाराजा थेकान्गटेक और तिब्बती युवराज ख्ये बुसा के बीच समझौते से होता है। सिक्किम की स्थापना 1642 में हुई थी। पहला राजा चोग्याल सॉन्ग नामग्याल था। सिक्किम पर तिब्बत, भूटान और नेपाल का लगातार आक्रमण आधिपत्य जमाने के कारण होते रहे। लॉर्ड विलियम बेंटिक ने 1835 में सिक्किम दरबार में आंतरिक राजनीतिक गडबडियों का लाभ उठाकर दार्जिलिंग का कुछ इलाका कंपनी ने अपने कब्जे में ले लिया। 1841 में दार्जिलिंग को
ब्रिटिश कंपनी ने खरीद लिया। और 1861 की संन्धि के बाद सिक्किम एक संरक्षित राज्य बन गया। सिक्किम पर नियंत्रण ब्रिटेन की तिब्बत नीति का हिस्सा था। और 1975 में एक जनमत संग्रह करवाया गया। इसमे 97 प्रतिशत जनता ने भारत मे विलय होने का मत दिया। 16 मई 1975 को सिक्किम का पूर्ण विलय भारत के 22वें राज्य के रूप में हो गया।
सिक्किम भारत के एक बहुत ही खूबसूरत राज्यों में से है।जो भारत के उत्तरी पूर्वी भाग में स्थित है।सिक्किम अपनी उत्कृष्ट प्राकृतिक सुंदरता भव्य पहाड़ों सुंदर झरनों नदियों और झीलों के लिए के लिए बहुत प्रसिद्ध है।इसीलिए यह बहुत से सैलानियों का पसंदीदा स्थान है। हिंदू तथा वज्रयान बौद्ध सिक्किम के प्रमुख धर्म है प्रशासनिक समस्याओं के चलते तथा भारत में विलय और जनमत के कारण 1975 में एक जनमत संग्रह के साथ इसका भारत में विलय हो गया। उसी जनमत संग्रह के पश्चात
राजतंत्र का अंत तथा भारतीय संविधान की नियम प्रणाली के ढांचे में प्रजातंत्र का उदय हो गया। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोवा के पश्चात न्यूनतम है।अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। कंचनजंगा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है। सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा है। और इस पर्वत चोटी को प्रदेश के कई भागों से आसानी से देखा जा सकता है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 7096 वर्ग किलोमीटर है इसका भूभाग उत्तर से दक्षिण तक 112 किलोमीटर तथा पूर्व से पश्चिम तक 64 किलोमीटर में फैला हुआ है विश्व की तीसरी सबसे बड़ी और ऊंची चोटी कंचनजंगा
जिससे सिक्किम की रक्षा देवी भी माना जाता है अपनी प्राकृतिक सौंदर्य की छटा विकृति है जय विविधताओं से भरे दुनिया की 18 प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। राज्य में आवृत्तबीजी वनस्पतियां की 5000 प्रजातियां मिलती हैं। सिक्किम में ही नाथुला दर्रा स्थित है।देशभर में पाई जाने वाली आवृत्तबीजी प्रजातियों की एक तिहाई है सिक्किम में होती है। फूलदार पौधों की 4000 प्रजातियां 300 प्रणाग् और संबंधित प्रजातियां पानी जाती है।
कृषि -तीस्ता नदी को सिक्किम की जीवन रेखा कहा जाता है।यहां जैविक खेती होती है। सिक्किम मूलतः कृषि प्रधान है राज्य की 64% से अधिक जनसंख्या जीवन यापन के लिए कृषि पर ही निर्भर है। सिक्किम में कृषि योग्य भूमि लगभग 10 ,90,000 वर्ग हेक्टेयर है। कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 15.36% है ।कृषक सामान्यता मिली-जुली फसने उगाने है। हैं मक्का चावल गेहूं आलू बड़ी इलायची अदरक और संतरा यहां की प्रमुख फसलें हैं। देश में बड़ी इलायची का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला राज्य सिक्किम है इसके अधिकांश भूभाग में इलायची का उत्पादन होता है अदरक और संतरा तथा गैर मौसमी शब्जियां होती हैं।
राज्य मे पर्यटन - सिक्किम अपने प्राकृतिक हरे-भरे पौधों जंगलों घाटियों और पर्वतमाला और भव्य सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यहां के शांति प्रिय लोगों के कारण यह प्रदेश पर्यटन के लिए बहुत ही सुरक्षित और स्वर्ग के समान है ।राज्य सरकार पर्यावरण से मित्रता पूर्ण पर्यटन तथा तीर्थ पर्यटन को प्रोत्साहित दे रही है।जिससे यहां आने वाले लोग सिक्किम की जीवन शैली और प्राकृतिक पर्यटन का आनंद ले सकते हैं। राज्य सरकार ने दक्षिण सिक्किम में चयनित गांव में हिमालयन सेंटर फॉर एडवेंचर टूरिज्म की स्थापना की है।