भारत परमाणु सम्पन्न कब बना?
11 मई 1998 को भारत ने राजस्थान के पोखरण में जब परमाणु परीक्षण किए थे।अचानक किये गये इन परमाणु परीक्षणों से पूरी दुनिया हैरान रह गयी। अमेरिका के सेटेलाईट भी इन परीक्षणों को कैच नहीं कर पाये। और न ही
दुनिया के किसी भी देश को इसका पता चला। उसके बाद भारत का नाम न्यूक्ललियर हथियारों वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया था। 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस यानी नेशनल टेक्नोलॉजी डे के रूप में भी मनाया जाता है।इस परीक्षण का नाम ऑपरेशन शक्ति था। इन परीक्षणों का नेतृत्व भारत के पूर्व
राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई थे। जिनकी दृढ इच्छा शक्ति से ये परीक्षण हुए। पहले सुबह 11 मई को ही भारत के पहले स्वदेशी विमान हंसा ने भी उड़ान भरी थी।जब राजस्थान में परमाणु परीक्षण किये जा रहे थे।
11 मई 1998 से पहले भारत ने 18 मई 1974 को पहला परमाणु परीक्षण किया था। उस समय
परीक्षण का नाम था इस्माइल बुद्धा ।दुनिया का सबसे पहले परमाणु बम का परीक्षण 16 जुलाई 1945 को अमेरिका में और 4 साल बाद सोवियत संघ ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था। ।भारत के परमाणु परीक्षणों से सारा विश्व चकित रह गया। उस समय परीक्षण स्थल के आसपास के मकानों में दरारें आ गई परंतु राष्ट्र की इस महान उपलब्धि के अवसर पर लोगों को अपने घरों की चिंता इतनी नहीं हुई।जितनी प्रसन्नता इस महान
सफलता पर हुई थी। भारत में इन परीक्षणों को करने का मुख्य उद्देश्य विश्व को यह बता देना था कि पड़ोसी देशों की सामरिक योग्यता का वह उत्तर देने में समर्थ है। और अपनी सुरक्षा और बचाव करने के लिए आत्मनिर्भर होना जरूरी है।भारत द्वारा किये गये इन परीक्षणों के बाद अमेरिका, जापान सहित कई प्रमुख देशों ने भारत पर कई तरह के प्रतिबन्ध लगाये। लेकिन भारत इन सबसे भी सफलता पूर्वक बाहर निकला। केवल इजराइल ने ही
भारत का समर्थन किया था। भारत के इन परीक्षणों का विरोध करने वाले यह भूल गए थे।कि भारत ने 1974 में भी परमाणु परीक्षण किया है।जबकि इससे पहले पूरे विश्व में 2052 परमाणु परीक्षण किये जा चुके थे ।इनमें से अमेरिका ने 1945 से अब तक 1032 किये है। इसके अतिरिक्त सोवियत संघ ने 714, फ्रांस ने 210 ब्रिटेन ने 457 , और चीन ने 44, परीक्षण किये हैं। उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी।कि भारत का परमाणु परीक्षण कार्यक्रम अपने को ऊर्जा क्षेत्र में
आत्म निर्भरता के लिए और अपनी सुरक्षा के लिए है।भारत कभी भी पहले न्यूक्लियर हथियारों का प्रयोग नहीं करेगा। लेकिन विश्व मे अब भारत परमाणु सम्पन्न देश और परमाणु शक्ति के रुप मे जाना जाता है।