क्या है अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2024 की थीम? International Labour Day 2024
विश्व के किसी भी क्षेत्र, देश और समाज के विकास मे श्रमशक्ति/मजदूरों की शक्ति का अहम रोल होता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस सौ अधिक देशों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। जो हमें लोकतंत्र के अधिकारों के लिए चल रहे संघर्ष, और काम का एक सहयोगी और भविष्य के निर्माण के महत्व की याद दिलाता है, सभी के लिए अच्छे कार्यों के अवसरों को बढ़ावा देने की पेशकश से लेकर, प्रस्ताव में लैंगिक समानता और स्थिरता की विचारधारा तक इस दिन को सकारात्मक बदलाव का एक मंच बनाया गया है। यह सामूहिक शक्ति न्याय के लिए चल रही लड़ाई और एक ऐसी दुनिया के निर्माण की महत्वपूर्ण याद दिलाती है, जहां हर किसी के योगदान को महत्व दिया जाता है,और संरक्षित किया जाता है। इसलिए 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है।
पहली बार मजदूर दिवस 1889 को अमेरिका मे मनाया गया। 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर मे मजदूर सड़कों पर आ गए अपने हक के लिए मजदूर हड़ताल पर बैठ गए इस आंदोलन का कारण मजदूरों की कार्य अवधि से था। उस समय मजदूरों से 1 दिन में 15 घंटे काम लिया जाता था। इस आंदोलन के दौरान मजदूरों पर पुलिस ने गोलियां चलायी और कई मजदूरों की मौत हो गयी। और कई घायल हो गये।
इस घटना के 3 साल बाद यानी 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। और इस बैठक में तय किया गया कि हर मजदूर से प्रतिदिन 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। और सम्मेलन के बाद 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का फैसला लिया गया। हर साल मजदूरों को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। बाद में कई देशों में भी मजदूरों को 8 घंटे ही मजदूरी करने का फैसला ले लिया गया। भारत में भी मजदूर अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। भारत में 1 मई 1923 को पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया।लेबर किसान पार्टी आफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाने की घोषणा की गई ।कई संगठनों और सोशल पार्टी ने इस फैसले का समर्थन किया। हर साल मजदूर दिवस की थीम होती है। जिसके आधार पर इस दिन को मनाया जाता है ।2024 का थीम है। जलवायु परिवर्तन के बीच काम की जगह पर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना।
श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में इस दिवस को मनाया जाता है। यह दिवस मजदूरों के नाम समर्पित है।मजदूर किसी भी देश के विकास के लिए अहम भूमिका में होते हैं। हर कार्य क्षेत्र मजदूरों के परिश्रम पर निर्भर करता है। यदि मजदूर परेश्रम नहीं करेगा तो किसी भी क्षेत्र या राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है। अतः जब मजदूर परिश्रम करता है तो बहुत प्रकार का निर्माण कार्य होता हैं। देश समाज और राष्ट्र मजबूत होते हैं।मजदूरों को पूरे विश्व मे सम्मान मिलना चाहिए ।क्योंकि उनके परिश्रम के बिना मनुष्य का विकास हर क्षेत्र मे सम्भव नहीं है। श्रमिक/मजदूर को हर जगह, हर समय, सम्मान मिले, उनकी समस्या, और हक के लिए सबको सहयोग की आवश्यकता है।