मनुष्य के लिए पशु चिकित्सा क्यों जरुरी है।

 


जानवरों ने मनुष्यों को दूध देने के साथ ही उनके खेतों में और अन्य कार्य में मदद की है। दूध एक स्वस्थ आहार का एक मजबूत घटक है। और यह हमे  जानवरों से प्राप्त होता है। यह सब यही दर्शाता है कि जानवर मनुष्य के जीवन के लिए



 कितने महत्वपूर्ण है।हर युग में कुत्तों को इंसानों का सबसे वफादार माना जाता है। हमारे जीवन में जानवरों की भूमिका बहुत बड़ी है। जानवर कई तरीकों से मनुष्य के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। यह कई घरों में हमारे दोस्त या साथी या परिवार के हिस्से के रूप में भी होते हैं। हमारी पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवित जीव पाए जाते हैं।जिनको



 मुख्यतःतीन वर्गों में विभाजित किया गया है। एक पेड़ पौधों की श्रेणी है। तो दूसरे को जानवरों की श्रेणी में विभाजित किया गया है। कभी इंसान भी जानवरों की श्रेणी का ही हिस्सा था। लेकिन इंसान अपने असाधारण गुणों के कारण वह जानवरों की श्रेणी से अलग हो गया है। इस पृथ्वी पर पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करने के लिए पौधों जानवरों और इंसान का समान रूप से उपस्थित होना जरुरी है। जानवरों या पशु शब्द सूनते ही हमारे आंखों के सामने कई जानवरों की छवि



 उभर आती है। इनमें से कुछ ऐसे जानवर होते हैं जो हम अपने आसपास के क्षेत्र में देखते हैं।तो कुछ को हमने केवल फिल्मों, और किताबों में ही देखा होता है। इस पृथ्वी पर जानवरों के अस्तित्व मानव जाति की विकास के बाद से है। इस पृथ्वी पर अनेकों प्रकार के जानवरों का निवास है। जिन्हें उनकी विशेषताओं के साथ सम्मिलित किया गया है। जीव-जन्तू पारिस्थितिकी तंत्र के घटकों के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।जानवरों



 की हर प्रजातियां पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए और अन्य जैविक घटकों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। पौधे जानवर और इंसान अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। उनमें से किसी एक की भी अनुपस्थित प्रकृति में असंतुलन पैदा कर देगी।इससे उन पर निर्भर जीवों के अस्तित्व को बचाने का खतरा भी बढ़ जाता है।



 अतः हम अपने जीवन में जानवरों के महत्व को नकार नहीं सकते।वह हमें भोजन आश्रय, साहचर्य और मनोरंजन इत्यादि प्रदान करते हैं। जानवरों की  वफादारी ने उन्हें इंसानों का सबसे पसंदीदा साथी बना दिया है। आज भी हम गांव में जानवरों को इंसानों के साथ देख सकते हैं जिनमें से कुत्तों को आम तौर पर देखा जा सकता है। हमसे बहुत लोगों को जानवरों से बहुत प्यार होता है। और हम उन्हें अपने घरों में पालतू जानवर बना कर रखते हैं।कुत्ते, बिल्ली, खरगोश, चूहा, तोता, गाय भैंस बकरी, भूख इत्यादि।  यह सभी काफी बुद्धिमान जानवर होते हैं। और यह इंसान की भावनाओं को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि पशु इंसानों के लिए अच्छे साथी के रूप में हमेशा उपयोगी



 साबित होते हैं। आज के समय में विकास और नई तकनीक के कारण इंसानों और जानवरों के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है। जानवरों का उपयोग  मनुष्यों के द्वारा अपने कार्य के भार को कम करने के लिए किया जाता रहा है। इनको खेतों में कार्य और खेती से अनाज उठाने के लिए उपयोग किया जाता है। बैल, घोड़े, गधे आदि। जो कि मनुष्यों के काम को काफी आसान बना देते हैं इसलिए उन्हें बीस्ट आफ बर्डन भी कहा जाता है। जानवरों को पहाडों,रेगिस्तानी इलाकों में परिवहन के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में उपयोग किया जाता है। आजकल विभिन्न प्रकार के मशीनों ने जानवरों के उपयोग को कम कर दिया है।फिर भी उनका उपयोग दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों द्वारा निरंतर रूप से किया जा रहा है ।भेड़ बकरी लोमड़ी कंगारू जैसे



 कई जानवरों की त्वचा और उनके खाल के उपयोग से  कपड़े और की अन्य उपयोगी सामान तैयार किए जाते हैं।हम जानवरों से रेशम के धागे भी  प्राप्त करते हैं।जिनसे  कुछ अच्छे कपड़े भी तैयार किए जाते हैं।इस प्रकार से पशुओं के उपयोग से मनुष्य को कितना लाभ है। अर्थात मनुष्य का जीवन पूर्ण रुप से पशुओं पर आश्रित है। अतः ऐसे में हम सबके लिए जरूरी है।कि हमारे



 पशुओं की भी देखभाल या उनका स्वस्थ रहना भी अनिवार्य है। पशु चिकित्सा के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने की बहुत बड़ी आवश्यकता है। क्योंकि यह सभी जानवर अगर स्वस्थ रहेंगे तो एक हमारा पारिस्थितिकी तंत्र आगे बढ़ पाएगा। विश्व पशु चिकित्सा दिवस अप्रैल के अंतिम शनिवार यानी 29 अप्रैल को मनाया जाता है।ऐसे में इस अवसर पर पशुपालन और डेयरी विभाग भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के सहयोग से विश्व पशु चिकित्सा दिवस 2023 का आयोजन करने जा रहा है। यह पशु चिकित्सा व्यवसाय को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।इस साल इस दिवस का विषय है चिकित्सा क्षेत्र में विविधता समानता और समावेश को बढ़ावा देना। पशुधन उत्पादन



 प्रबंधन के माध्यम से वन्य जीव संरक्षण पर्यावरण, जैवविविधता की सुरक्षा की जाये।जैव आतंकवाद के खतरे को समझकर देश की सुरक्षा पशु और मानव स्वास्थ्य और कल्याण एवं खाद्य सुरक्षा, खाद्य गुणवत्ता  इकोसिस्टम दवाओं और फार्मास्युटिकल्स विकास, जैविक चिकित्सा अनुसंधान ग्रामीण विकास शिक्षकों प्रशिक्षकों, और नीति निर्माताओं के रूप में,आर्थिक विकास में पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका और उनको पहचानने मनुष्य के लिए जितना विकास मनुष्य के विकास  से है और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित है। उतना ही विकास मनुष्य को जैव विविधता के संरक्षण के लिए अपने पशु और अन्य जानवरों की सुरक्षा के लिए जागरूकता करना अनिवार्य है। क्योंकि मनुष्य अपने साथ जिन भी पालतू पशुओं को पालता है उनके स्वस्थता उनके स्वास्थ्य और संरक्षण के लिए मनुष्य को खुद ही जागरूक होना पड़ेगा। भारत में डेयरी उद्योग का बहुत बड़ा कारोबार है। भारत



 लगभग दूध उत्पादन में विश्व में नंबर एक देश है ऐसे मे पशुधन,पशुसंरक्षण हेतु पशु चिकित्सा के प्रति आम जन को जागरुक करना जरुरी है।

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