विश्व विरासत दिवस

 


विश्व विरासत दिवस प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को मनाया जाता है। यूनेस्को ने वर्ष 19 83 से इसे मान्यता प्रदान की थी। विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस।यह इसका पुराना पहला नाम था।   संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ने हमारे पूर्वजों की दी हुई विरासत को अनमोल मानते हुए और लोगों में इन्हें सुरक्षित और संभाल कर रखने के उद्देश्य से ही विश्व विरासत दिवस को मनाने का निर्णय लिया था। पहला विश्व विरासत दिवस 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसलिंग ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइटस द्वारा मनाया गया। वर्ष 2011 तक संपूर्ण विश्व में कुल 911 विश्व विरासत स्थल थे। जिनमें 704 ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक, 180 प्राकृतिक, और 27 मिश्रित स्थल है। किसी भी राष्ट्र का इतिहास उसके वर्तमान और भविष्य की नींव होता है। जिस देश का इतिहास जितना गौरवमयी होगा।वैश्विक स्तर पर उसका स्थान उतना ऊँचा ही माना जाता है।  माना जाता है कि बीता हुआ कल कभी भी वापस नहीं आता। लेकिन उस काल में बनी इमारतें और लिखे गए साहित्य उन्हें हमेशा सजीव बनाए रखते हैं। विश्व विरासत के स्थल किसी भी राष्ट्र की सभ्यता और उसकी प्राचीन संस्कृति के महत्वपूर्ण परिचायक माने जाते हैं। 18 अप्रैल 1978 ईस्वी में पहले विश्व की कुल 12 स्थानों को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया गया था। इस दिन को तब विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस के रूप में मनाया जाता था।लेकिन यूनेस्को ने वर्ष 1983  से इसे मान्यता प्रदान की और इस दिवस को विश्व विरासत दिवस के रूप में बदल दिया। वर्ष 2011 तक संपूर्ण विश्व में कुल 911 विश्व विरासत स्थल थे।क्षम अपने क्षेत्र मे विश्व विरासत दिवस को हम इस प्रकार से भी मना सकते हैं।

हम अपने घर के आसपास के किसी पुरातत्व स्थल या भवन पर जाएं जहां एंट्री फीस ना हो और अगर हो भी  तो तब भी जायें। 

 अपने बच्चों को इतिहास के बारे में बताएं और किसी स्थल, किले,मकबरा  या जगह पर ले जाकर वहां के बारे मे रोचक तथ्य बतायें। जिससे आने वाली पीढी भी हमारी संस्कृति और इतिहास से परिचित हो सके। 

सरकारें कभी इस संदर्भ में डाक टिकट भी जारी करती हैं। 

पुरातत्व स्थलों पर गन्दगी न फैले इस हेतु  जन मानस को जागृत किया जाना चाहिए। ताकि वह ऐसा ना करें विश्व विरासत स्थल वर्ष 1983 में पहली बार भारत के 4 ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल मे जगह दी थी। ताज महल,आगरा का किला, अजन्ता और एलोरा की गुफाएं,

 आज पूरे भारत में कई विश्व विरासत स्थल हैं जो अलग-अलग राज्यों में स्थित है भारत के कई ऐतिहासिक स्थलों को विश्व विरासत सूची में शामिल किया है। 

लाल किला आगरा, अजंता की गुफाएं औरंगाबाद, एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद, ताजमहल आगरा,महाबलीपुरम, कोणार्क का सूर्य मंदिर, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, केवलादेव नेशनल पार्क, फतेहपुर सीकरी, खजुराहो मंदिर, एलिफेंटा की गुफाएं, चोल मंदिर, सुंदरबन नेशनल पार्क, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, सांची का स्तूप ,बोधगया का महाबोधि मंदिर, भीमबेटका की गुफाएं, चंम्पानेर पावारगढ़ पार्क, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, दिल्ली का लाल किला, ऋग्वेद की पांडुलिपियां, हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार,माउन्टेन रेलवे,पट्टाकल के स्मारक आदि।

Popular posts from this blog

वक्फ बोर्ड क्या है? वक्फ बोर्ड में संशोधन क्यों जरूरी?2024 Waqf Board

सात युद्ध लड़ने वाली बीरबाला तीलू रौतेली का जन्म कब हुआ?Veerbala Teelu Rauteli

संघ(RSS) के कार्यक्रमों में अब सरकारी कर्मचारी क्यों शामिल हो सकेंगे? Now goverment employees are also included in the programs of RSS