होली भारतीय संस्कृति का प्रमुख त्यौहार ....
होली भारतीय संस्कृति का मुख्य त्यौहारों मे से एक है। भारतीय संस्कृति में हर त्योहार के पीछे कोई ना कोई कहानी या कथा जरुर होती है। होली मनाये जाने के पीछे भी एक कहानी है। हिरण्कश्यप नाम एक बड़ा असुर राजा था। जो अत्याचारी था।और खुद को भगवान समझता था। उसने अपनी सारी प्रजा को आदेश दिया था कि। सब लोग ईश्वर की आराधना छोड़कर केवल उसी की आराधना करें।जबकि उसका बडा पुत्र प्रहलाद जो भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता की बात ना मानी और उसने ईश्वर भक्ति में ही अपने को लगाये रखा। फिर पिता हिरण्कश्यप की क्रोध की सीमा न रही। हिरण्कश्यप ने प्रह्लाद को मरवाने के बहुत उपाय किये लेकिन ईश्वर की कृपा से कोई भी उपाय हिरण्कश्यप का सफल ना हो सका। हिरण्कश्यप कश्यप की एक बहन थी जिसका नाम था होलिका उसे वरदान प्राप्त था। कि अग्नि उसे जला नहीं सकती। हिरण्कश्यप की आज्ञा से प्रहलाद को होलिका की गोदी में बिठा कर आग लगा दी गई।परन्तु ईश्वर भक्त प्रह्लाद का कुछ भी न बिगड़ा। प्रह्लाद तो बच गया।परन्तु होलिका जल गई।इसी घटना की याद में हर साल रात को होली जलाई जाती हैं। और अगले दिन रंगों का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत को उत्साह से मनाने का भी त्यौहार है।और सर्दियों के समापन और बसन्त के आगमन,का भी प्रतीक है। होली त्यौहार 2 दिन तक मनाया जाने वाला त्यौहार है। जिसमें पहले दिन होलिका जलाई जाती हैं। और दूसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है। होली को रंगो के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति में आने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्च/फाल्गुन के पूर्णिमा को मनाया जाने वाला त्यौहार है।होली हर धर्म, हर जाति ,के लोग उत्साह और मस्ती से मनाते हैं।हर त्यौहार की भांति इस त्यौहार का भी उद्देश्य हर धर्म संप्रदाय और जाति के बंधनों से मुक्त होना है। और समाज का समरसता होना है।यह त्यौहार दुनिया भर में प्रेम का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग पुराने गिले शिकवे छोड़कर एक दूसरे को गले लगाकर प्रेम और भाईचारा बांटते हैं। और गुलाल लगाते हैं।
1- होली में हर्बल रंगों का ही प्रयोग करें ।
2-होली से पहले अपनी त्वचा पर कोई क्रीम/तेल जरूर लगाये।
3-रसायन मुक्त रंग का प्रयोग करें।