विश्व भर में भारतीय संस्कृति का संचार
भारतीय संस्कृति की चेतना गीता वेदांत के माध्यम से विश्व मैं प्रसारित हुई है आज योग, आयुर्वेद संगीत नृत्य आदि के रूप में उसका संचार हो रहा है विश्व में फैले अवशेष या बताते है कि भारतीय संस्कृति सारे विश्व में फैली हुई थी पीएम कोट की पुस्तक इंद्रसेन में आज नामों ने सिद्ध किया है कि भारतीय सूर्यवंशी राजाओं का राज्य यूरोप की भूमि पर रहा रहा दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भी मंदिर भारतीय संस्कृति सं संचार को प्रकट करते हैं
भारतीय संस्कृति की स्थाप स्थापत्य कला प्राचीन भारतीय मंदिरों मंदिरों और बहनों से मिलती है महाभारत के युद्ध में विश्व के अनेक देश से भागे हुए बौद्ध कला में जापान चीन सहित अनेक देशों में हिंदू संस्कृति पहुंची अनेक भारतीय विश्वविद्यालयों में विश्व भर के छात्र पढ़ते थे उनके द्वारा भी भारतीय संस्कृति व सभ्यता बाहर था आधुनिक काल में व्यापारी एवं कंपनियां कंपनियों द्वारा ले जाएंगे कर्मचारियों तकनीशियन के माध्यम से अफ्रीकी देशों में भारतीय संस्कृति पहुंच फौजियों के आचार विचार वेदों के समरूप है जर्मनी में अनेक लोग अपने को आग कहते है स्केन्डियनदेश का नाम भी स्कंध कार्तिकेय के नाम
पर पडा लैटिन भाषा का ब्याकरण संस्कृत से मिलता है ,कम्बोडिया, इण्डोनेशिया, मलेशिया, श्याम आदि देश आज भी हिन्दू संस्कृति के केन्द्र हैं।