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RSS के स्वयंसेवक पथ संचलनों और कार्यक्रमों को गणवेश पहनकर क्यों करते है? Why do RSS volunteers were uniforms while attending marches and programmes?

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 [ sr8741002@gmail.com: गणवेश सिर्फ वस्त्र नहीं है यह विचार है जब स्वयंसेवक संघ का गणवेश पहनता है  तो वह केवल कपड़े नहीं बदलता बल्कि वह अपने जीवन का उद्देश्य चुनता है।गणवेश पहनने से हमें यह याद रहता है कि हम व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक सेवा के पथ पर है, यह अनुशासन एकता और समर्पण का प्रतीक है,यह हर शाखा में एक समानता की भावना हो जगाता है जाति, वर्ग भाषा से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के लिए खड़ा होता है, यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने छोटे स्वार्थो से ऊपर उठकर देश और समाज के लिए कार्य करें, गणवेश पहनने का मतलब है सेवा का संकल्प लेना, यह हर दिन  याद दिलाता है कि हम केवल दर्शक नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के सक्रिय भागीदार है,संघ का  गणवेश एक साधना है जो शाखा में,हर प्रणाम में,  हर कदम में जीवंत होती है।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लिए गणवेश महत्वपूर्ण होने के कई कारण हैं, जो संगठन के मूल्यों और कार्यप्रणाली से जुड़े हैं:  समानता और एकता: गणवेश सभी स्वयंसेवकों को एक समान स्तर पर लाता है, जिससे जाति, वर्ग, आर्थिक स्थिति या सामाजिक पृष्ठभूमि के भेद स...

RSS के शताब्दी वर्ष में भारत सरकार ने सिक्का और डाक टिकट जारी क्यों किया? Why did the Government of India issue coins and postage stamps in the century years of RSS?

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  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह को संबोधित किया,प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के प्रति आरएसएस के योगदान को रेखांकित करते हुए विशेष रूप से डिजाइन किया गया स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया,एक शताब्दी पहले हुई आरएसएस की स्थापना राष्ट्रीय चेतना की स्थायी भावना दर्शाती है, जो हर युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए उभरी है, मैं परम पूज्य डॉ. हेडगेवार जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं,आरएसएस के स्वयंसेवक राष्ट्र की सेवा और समाज को सशक्त बनाने के लिए अथक रूप से समर्पित रहे हैं,आज जारी किया गया स्मारक टिकट एक श्रद्धांजलि है, जो 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में गर्व से मार्च करने वाले आरएसएस स्वयंसेवकों का स्मरण कराता है,अपनी स्थापना से ही आरएसएस राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता रहा है, आरएसएस की शाखा प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत है, जहां 'मैं' से 'हम' की यात्रा आरंभ होती है, आरएसएस के एक शताब्दी के कार्य की नींव राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य, व्यक्तिगत विकास के एक स्पष्ट मार्ग और शाखा की गतिशील कार्यप्रणाली पर टिकी हुई है, आरएसएस ने ...

RSS के शताब्दी वर्ष में कौन से कार्यक्रम होंगे?Programs in RSSsCenten

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  संघ शताब्दी वर्ष :- संघ का शताब्दी वर्ष एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।संघ की स्थापना 27 सितम्बर 1925 को डा बलिराम हेडगेवार जी ने नागपुर से की थी। शताब्दी वर्ष में संघ अपने  कार्य का विस्तार और सुदृढ़ीकरण, सामाजिक एकता और राष्ट्रीय पुनर्जागरण का लक्ष्य लेकर चल रहा है। बेंगलुरु (23 मार्च, 2025)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक के अंतिम दिन मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने  कहा  संघ देश के कोने-कोने तक पहुंचने में सफल रहा है। संघ न केवल राष्ट्र को एकजुट करने का काम करता है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तथा उसके बाद राहत एवं पुनर्वास कार्यों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहा है। इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। जैसा कि पहले बताया जा चुका है, आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि  1- आत्मचिंतन करना 2- संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करन...

Tour and travels

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 🌍✨ *शुभजेनिया टूर एंड ट्रैवल्स प्रा. लि.* ✨🌍 📍 पता: शिब्बुनगर, एलआईसी बिल्डिंग के सामने, कोटद्वार 📞 फोन: 8899686214,7253994341 ✉️ ईमेल: shubhxenia.kotdwar@gmail.com 🌐 वेबसाइट: www.shubhxenia.com 🛫 *हमारी सेवाएं:* ✔️ घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पैकेज ✔️ हवाई टिकट व होटल बुकिंग ✔️ पर्यटक गाइड सेवा ✔️ परिवार और कॉर्पोरेट यात्राएँ ✔️ बजट अनुसार यात्रा प्लानिंग 💡 *हमें क्यों चुनें?* 🔹 अनुभवी और भरोसेमंद टीम 🔹 किफायती दरें 🔹 व्यक्तिगत सेवा ✨ आइए हमारी नई शाखा पर और अपने सपनों की यात्रा की शुरुआत करें! ✨                       

क्या है? राष्ट्रीय हिन्दी दिवस 2025 की थीम ?What is the theem of National Hindi day 2025,?

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 हिंदी भाषा का इतिहास हिन्दी भाषा आज विश्व मे बोली जाने वाली  प्रमुख 3 भाषाओं मे से एक है। हिन्दी शब्द की उत्पति सिन्धु से जुडी़ है।सिन्धु सिंध नदी को कहते हैं।सिन्धु नदी के आस -पास का क्षेत्र सिन्धु प्रदेश कहलाता है।संस्कृत शब्द सिन्धु ईरानियों के सम्पर्क मे आकर हिन्दू या हिन्द हो गया।14 सितंबर 1946 को संविधान सभा ने  देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत के आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया था।  हिंदी दिवस 2025 की थीम हिंदी राष्ट्रीय एकता और वैश्विक पहचान की ताकत। पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। तब से हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व के साथ भारत की भाषायी  विविधता को बढ़ावा देने और प्रचार -प्रसार के लिए मनाया जाता है। साल 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने एक बार एक मत होकर हिंदी को भारत के राजभाषा के तौर पर स्वीकार किया था। इसी महत्वपूर्ण न...

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2025की थीम क्या है?What is the theme of National Teachers' day 2025?

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  भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को भारतरत्न,प्रथम उपराष्ट्रपति ,और भारत के द्वितीय राष्ट्रपति राधाकृष्णन का जन्मदिवस है। उनका जन्म 5सितम्बर1888 को तमिलनाडु मे हुआ।वे एक शिक्षक थे। डॉ राधाकृष्णन ने प्रस्ताव दिया कि छात्र,समाज में शिक्षकों के बहुमूल्य योगदान को स्वीकार करने के लिए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाऐ 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप मे डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के असाधारण योगदान,और देश के सभी शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान ,उनकी मेहनत,त्याग, निस्वार्थ सेवा भाव, और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को सम्मान देने के लिए  5 सितम्बर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।इस दिन शिक्षार्थी और समाज अपने शिक्षकों के सम्मान और उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं। और अपने उन शिक्षकों को स्मरण करते हैं। जिनसे वे शिक्षित हुए। शिक्षक दिवस 2025 का ऑफिसियल थीम “Inspiring the Next Generation of Learners” यानी “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना” है। Happy Teachers Day 2025 यह थीम पर्यावरण के प्रति जागरूक, सामाजिक रूप से जिम्मेदार,और भविष्य की चुनौतियों...

दादाभाई नौरोजी कौन थे?

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  दादा भाई नौरा जी का जन्म 4 सितम्बर 1825 को नवसारी मे एक पारसी परिवार मे हुआ था। एलफिंस्टन इंस्टीट्यूट से उन्होने स्कूली शिक्षा प्राप्त की।1854 मे उन्होने रस्ट गोस्टर एक पाक्षिक प्रकाशन की स्थापना की।जो प्रकाशन पारसी अवधारणाओं को स्पस्ट करने और पारसी सामाजिक सुधारों को प्रकाशित करके जन जागरण का कार्य करता था।इसी समय द वाँइस आफ इंडिया नामक एक समाचार पत्रिका भी प्रकाशन किया। 1856 मे वे एलफिस्टनकालेज बाम्बे मे गणित और दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर बने।1859 मे उन्होने कपास ब्यापार कम्पनी की स्थापना की।1861मे द जोरास्ट्रियनट्रस्ट फंडस की स्थापना की।1865 मे नौरा जी नेलंदन इंडियन सोसायटी का निर्देशन और शुभारम्भ किया।जिसका उद्देश्य भारतीय सामाजिक,साहित्यिक और राजनीतिक विषयों पर चर्चा करना था।1866 मे उन्होंने ब्रिटिश जनता के सामने भारतीय दृष्टिकोण रखने के उद्देश्य से ईस्ट इंडिया ऐसोशियेशन की स्थापना मे मदद की।1874 मे वे बडो़दरा के प्रधानमन्त्री बने और बाम्बे विधानपरिषद(1885-88)के सदस्य बने।1886 मे कांग्रेस के अध्यक्ष बने।1901मे पाँवर्टी एंड एन ब्रिटिश रुल इन ईंडिया प्रकाशित की।वे फिर ब्रिटेन चल...

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 का विषय क्या है?

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  National Nutrition Week-1sep-7sep 2025 तक मनाया जाएगा,इस सप्ताह में  सरकारी अधिकारी, सामाजिक संगठन,शिक्षण संस्थान पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने और सभी को इसके बारे में शिक्षित करने के लिए मिलकर काम करते हैं। और सामाजिक जागरूकता करने का कार्य करते हैं। भारत में कुपोषण एक गम्भीर समस्या है,इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं राष्ट्रीय पोषण सप्ताह  इन प्रयासों का एक हिस्सा है,इस सप्ताह को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करना और अपने संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित करना है।और बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता करना और पौष्टिक आहार का जीवन में क्या महत्व है इसके बारे में जानकारी देना है।  दरअसल,भारत जैसे विकासशील देश में आज भी लोगों को खाना तो खा रहे हैं, लेकिन खाने में कौन- कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में होना चाहिए, इसकी जानकारी का अभाव है। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत आम लोगों को पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक किया जाता है, ताकि शरीर में पोषण की पूर्ति को बढ़ावा दिया जा सके, और बीमारियों का खतरा क...

मेजर ध्यानचंदसिंह ने हिटलर के प्रस्ताव को क्यों ठुकराया?Majar dhyanchand singh National sports day 2025

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  [29/08, 4:52 am] sr8741002@gmail.com: विश्व हाकी जादूगर (World,Hockey,Magician) मेजर ध्यानचन्दसिंह के जन्म दिवस  29 अगस्त को भारत में हर वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर भारतीय मेजर ध्यानचंदसिंह के नाम से भली भांति परिचित हैं, हाकी के क्षेत्र में विश्व भर में भारत को अलग पहचान दिलाने वाले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंदसिंह के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। देश में पहला राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त 2012 को मनाया गया था। आइये जानते हैं। विश्व हाकी जादूगर मेजर ध्यानचंदसिंह के बारे में  मेजर ध्यानचंदसिंह का इतिहास:- विश्व हॉकी के जादूगर मेजर  ध्यानचंदसिंह का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी माता का नाम शारदा सिंह और पिता का नाम सोमेश्वर सिंह था। पिताजी भारतीय ब्रिटिश सेना मे सुबेदार थे।और हाकी खेलते थे।इनके बडे़ भाई रूप सिंह भी हाकी के खिलाड़ी थे।1922 मे वे भारतीय ब्रिटिश सेना मे भर्ती हुए।1922  से 1926 तक उन्होने सेना की तरफ से हाकी खेली। 13 मई1926 में मेजर ध्यानचंद सिंह ने न्यूजीलैण्ड मे स...