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विश्व प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस2025 Plastic Bag Free Day 2025

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  अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस हर सा़ल 3 जुलाई को विश्वभर मे मनाया जाता है। प्लास्टिक बैग को रिसाइकिल करना मुश्किल और महंगा होता है। जहां उन्हें फोटोडिग्रेड होने में लगभग 300 साल लग जाते हैं। तो कोई छोटे-छोटे जहरीले कणों में टूट जाते हैं।और जो मिट्टी और जलमार्गों को दूषित करते हैं,और जब जानवर गलती से उन्हें खा लेते हैं तो वे खाद्य श्रृंखला मे प्रवेश कर जाते हैं।जिससे पशुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है। प्लास्टिक बैग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता, करने कि कैसे प्लास्टिक की थैलियाँ मानव और पशु स्वास्थ्य के लिए गंभीर पर्यावरणीय खतरा पैदा करता है। अगर प्लास्टिक की थैलियों का उचित तरीके से निपटान न किया जाता है तो  कूड़े -कचरे और तूफानी जल निकासी नालियों के अवरोध का कारण बनकर समस्त पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। आज के समय में वैश्विक स्तर पर आबादी और आबादी के लिए प्लास्टिक बैग के उपयोग को कम करने और अधिक टिकाऊ किस्मों का पता लगाने के लिए एक जागरुकता के रूप में कार्य करने की आवश्यकता हैं। दुनिया भर में लोग,पर्यावरण समूह और संगठन प्लास्टिक बैग के परिणामों के बारे ...

विश्व योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है ?क्या है विश्व योग दिवस 2025 थीम? What is the theme of yoga day in 2025?

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 योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो अब वैश्विक संस्कृति का हिस्सा बन गया है, योग शुरू से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। और इसको आरोग्य का प्रभावी साधन माना गया है। भारत के महर्षि पतंजलि को योग का जनक माना जाता है। योग भारत के स्वर्ण युग की देन माना जाता है ।करीब 26000 साल पहले की देन माना जाता है।  योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु रूप युज से निकला है। जिसका अर्थ है व्यक्तिगत चेतना,या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना का शरीर से मिलन होता है।योग को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। योग को महर्षि पतंजलि ने 200 ईसा पूर्व लिखा था। इस ग्रंथ को अब तक हजारों भाषाओं में लिखा जा चुका है।योग सिर्फ ध्यान की ही नहीं बल्कि सारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है। महर्षि पतंजलि ने  योग के 195 सूत्र को प्रतिपादित किया था। जो योग दर्शन के स्तंभ माने गए हैं। महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग की महिमा को बताया है। जो स्वस्थ जीवन के लिए बहुत  महत्वपूर्ण माना गया है।महर्षि पंतजलि ने अष्टांग योग साधना का उपदेश दिया है। उसके नाम इस प्रकार से हैं। 1- यम  2-नियम  3-आसन  4...

छत्रपति शिवाजी महाराज और हिन्दू साम्राज्योत्सव दिवस 2025 Chatarpati SiVaji aMaharaj and HinduSamrajyotsav divas2025Hindu

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आधुनिक भारत मे छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदू साम्राज्य को पुनः स्थापित किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज ने रायरेश्वर (भगवान शिव) के मंदिर में अपनी उंगली काटकर अपने खून से शिवलिंग पर रक्ताभिषेक कर हिंदवी स्वराज्य की शपथ ली थी। उन्होंने श्री (ईश्वर) की इच्छा से स्थापित हिंदुओं के राज्य की संकल्पना को जन्म दिया।  ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी सन 1674 को  शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया था। इसी दिन से मराठा शक्ति का उदय होने के साथ ही हिंदू साम्राज्य का भी उदय हुआ मराठों के पूर्वजों में हिंदू धर्म को जीवित और अक्षुण बनाये रखने के लिए अपनी आहुतियां दी थी। जिनकी वीरताओं की गाथा आज भी सुनाई जाती है।  भारत में हिंदू संगठनों में से मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक वाले दिन को हिंदू साम्राज्योत्सव के रूप में मनाता है। हिंदू साम्राज्योत्सव दिवस मनाने का उद्देश्य है हिंदू साम्राज्य, संस्कृति, सभ्यता, और सौहार्द के प्रति हिंदू समाज को जागरूक करना।  छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 की शुभ लग्न में जीजाबाई की कोख से हुआ था। श...

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025 की थीम क्या है ?What is the theem of world food Sefty day 2025??

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  विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025:   World Food Sefty day 2025 : विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस प्रतिवर्ष 7 जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन के महत्व के प्रति वैश्विक जागरूकता फैलाना है ताकि लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो और अर्थव्यवस्थाएँ अधिक मजबूत बन सकें। 2025 में इस दिवस की थीम है — “Food Safety Science in Action” (खाद्य सुरक्षा, क्रियाशील विज्ञान)। यह विषय इस बात पर केंद्रित है कि विज्ञान, नवाचार और डेटा किस प्रकार से खाद्य जनित रोगों के खतरों को कम कर सकते हैं। आज भी लाखों लोग असुरक्षित भोजन से पीड़ित हैं, इसलिए यह दिन ‘फार्म से फोर्क’ (खेत से थाली तक) के हर चरण में सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025  की थीम को  “Food Safety: Science in Action” विषय के अंतर्गत मनाया जा रहा है। दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यह दिवस घोषित किया गया। पहली बार 7 जून 2019 को विश्व स्तर पर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया गया। यह दिवस खाद्य संरषण और बीमारियों की रोकथाम में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित क...

विश्व पर्यावरण दिवस 2025की मेजबानी और थीम क्या है? World Environment Day 2025 Theem and Hosting country

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  World Environment Day 2025 विश्व पर्यावरण दिवस 2025: विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। यह वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख पहल है। 1972 में अपनी स्थापना के बाद से, यह एक शक्तिशाली वैश्विक मंच के रूप में विकसित हुआ है, जिसमें सालाना 150 से अधिक देश शामिल होते हैं। मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान शुरू किया गया , पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में मनाया गया था। प्रत्येक वर्ष, एक अलग देश समारोह की मेजबानी करता है और वैश्विक पर्यावरणीय प्राथमिकता को उजागर करने के लिए एक विशिष्ट विषय चुना जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को हराना” है। यह थीम बढ़ते विश्व भर में प्लास्टिक संकट से निपटने की तत्काल आवश्यकता को बल देती है, प्लास्टिक जो पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन,और मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है। प्लास्टिक वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक बन गया है, जिसमें माइक्रोप्लास्टिक महासागरों, मिट्टी और यहां तक ​​कि मानव शरीर के अंदर भी ...

विश्व में दुग्ध उत्पादन में भारत प्रथम कैसे बना? World Milk Day 2025World Production India first in the World?

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  [02/06, 3:07 am] sr8741002@gmail.com:  दूध पूरे विश्व में छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी उम्र के लोगों का पसंदीदा पेय है। दूध  स्वास्थ्यवर्धक होता है इसे पीने से कई सारे फायदे मिलते हैं कैल्शियम से भरपूर दूध स्वास्थ्य के संपूर्ण विकास के लिए  जरुरी है। लोगों तक दूध के इन फायदों को पहुंचाने के उद्देश्य से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। 1 जून यानी वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है। स्वास्थ्य के लिए दूध कितना महत्व होता है और यह हमारे भोजन का कितना जरूरी हिस्सा है इस बात को समझाने और दूध को भोजन में शामिल करने के लिए और आम जन को जागरूकता करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है।  विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत 1जून 2001से  शुरू हुआ।इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के विभाग खाद्य और कृषि संगठन द्वारा की गई थी। 2022 में 72 देशों ने इसमें भाग लिया था। इन देशों में लगभग 586 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। भारत में 1 जून को विश्व दुग्ध दिवसऔर 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता हैं 26 नवंबर 1921 को श्वेत क्रांति के जनक भारत में दुग्ध उत्पादन के...

लोकमाता अहिल्या बाई होलकर को इतिहास में क्यों याद किया जाता है?Ahilyabayee Holkar 2025

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  [31/05, 5:44 am] sr8741002@gmail.com:  अहिल्याबाई होल्कर का जन्म चौंढी गाँव, अहमदनगर, महाराष्ट्र मे 31 मई 1725 मे मराठा राजवंश साम्राज्य मे हुआ। इनके पिता का नाम मान्कोजी शिंदेऔर माता का नाम सुशीला शिंदे था।मान्कोजी बहुत ही विद्वान पुरुष थे।यही कारण है कि उन्होंने अहिल्याबाई को हमेशा आगे बढने के लिए प्रेरणा दी।उन्होंने अहिल्याबाई को बचपन में ही शिक्षा देना शुरू कर दिया था। उस समय महिलाओं को शिक्षा नहीं दी जाती थी।लेकिन मान्कोजी ने अपनी बेटी को शिक्षा भी दी और अच्छे संस्कार भी दिये।ऐसे घर में पली-बढ़ी अहिल्याबाई बचपन में ही दयाभाव वाली थी,उनकी दयाभाव और आकर्षक छवि ही उनके जीवन को इतनी आकर्षक बनाती है।अहिल्याबाई का विवाह खण्डेराव होलकर से1733मे हुआ।उनके  पुत्र नाम मालेराव और पुत्री का नाम मुक्ताबाई था।अहिल्याबाई बचपन में बहुत चंचल और समझदार थी, ऐसे में उनकी शादी बचपन में ही खण्डेराव होलकर के साथ करवा दी गई,उनका विवाह उनकी चंचलता और उनके दया भाव के कारण ही खण्डेराव होलकर के साथ हुई थी।एक बार राजा मल्हार राव होल्कर पुणे जा रहे थे, और उन्होंने चौंढी गाँव में विश्राम किया,उस ...

क्या है? उत्तराखंड राज्य के गठन का इतिहास और उपलब्धियों 2024? What is the history and achievements of the formation of Uttarakhand 2024?

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  उत्तराखंड एक बेहद प्राकृतिक छटाओं से भरपूर खूबसूरत राज्य है। जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहां कई प्राचीन धार्मिक स्थलों के साथ ही यह राज्य हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माने जाने वाली देश की सबसे बड़ी नदियां गंगा और यमुना का उद्गम स्थल भी है। 9 नवंबर 2000 की तारीख इतिहास में उत्तराखंड की स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज है। उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को भारत की 27 वें  गणराज्य के रूप में शामिल किया गया। वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था। लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय यहां की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।  उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहा उत्तराखंड की सीमाएं उत्तर में तिब्बत, और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। उत्तराखण्ड गठन का इतिहास------ भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन की एक ईकाई के रुप में उत्तराखंड में स्वाधीनता संग्राम के दौरान 1913 के कांग्रेस अधिवेशन में उत्...

भारत के 50 प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं ? Which ones are the major tourist destinations of India?

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 भारत के पर्यटन स्थल  जिसमें सैलानी को पसंद करना शामिल है- भारत विविधता में एकता का देश है जहां हर तरह के लोग अपनी अलग भाषा, वेश-भूषा संस्कृति, रीति-रिवाज, खान-पान आदि कहते नजर आएंगे। जैसे समुद्र में अनेक नदियों का जल संयोजन एक विशाल, एकता का समागम प्रकट होता है। ठीक उसी तरह भारत में और भी बहुत से धर्मों का समागम है जो इस देश को मिलाकर बनता है। और अनेकता में एकता दिखती है। भारत में पर्यटन स्थलों की कोई कमी नहीं है। आप भारत के पर्यटन स्थलों को देखते ही मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। जहां एक तरफ रंग-बिरंगी वादियां दिखाएंगी तो दूसरी तरफ समंदर की ओर ऊंची उठती लहरें। बस ज थेरूरत है मछली देखने वाले पहा ईद दिखेंगे तो कहीं खिलखिलाते जहाज। भारत के बहुत से पर्यटन स्थल  खिलखिलाते हुए एक ऐसी गाड़ी के लिए तैयार हो जाइए जो आपको कृतार्थ करव्जी देगा। आइए अब विस्तार से भारत के पर्यटन स्थलों की सूची पर नजर डालें- 1- Delhi दिल्ली-दिलवालों का शहर भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है भारत की राजधानी दिल्ली वालों का नाम दिल्ली से प्रसिद्ध है। यह शहर यहां के स्थिर ऐतिहासिक वास्तुशिल्प, पिरामिड, ब...